शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद की तबीयत बिगड़ी, बीएचयू में भर्ती, फिलहाल खतरे से हैं बाहर
सांस लेने में तकलीफ की शिकायत पर ज्योतिष एवं द्वारिका पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती को इलाज के लिए गुरुवार को प्रयागराज से वाराणसी लाया गया।
वाराणसी, जेएनएन। सांस लेने में तकलीफ की शिकायत पर ज्योतिष एवं द्वारिका पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती को इलाज के लिए गुरुवार को प्रयागराज से वाराणसी लाया गया। यहां बीएचयू अस्पताल के आइसीयू वार्ड में भर्ती कर उनका इलाज शुरू कर दिया गया है। चिकित्सकों के अनुसार स्वामी स्वरूपानंद को चेस्ट व यूरिनल इंफेक्शन के साथ ही सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। आइसीयू में भर्ती करने के बाद उनका इलाज किया जा रहा है। डाक्टरों ने उन्हें 48 घंटे आइसीयू में रखने की सलाह दी है।
इलाज कर रहे टीबी एंड चेस्ट विशेषज्ञ व डिप्टी एमएस डा. जीएन श्रीवास्तव व बीएचयू हॉस्पिटल के चिकित्सा अधीक्षक प्रो. वीएन मिश्र के अनुसार कुंभ प्रवास के दौरान ठंड लगना इसकी प्रमुख वजह है। फिलहाल स्वामी जी खतरे से बाहर हैं, अगले दो दिन तक आइसीयू में ही रखकर उनका इलाज किया जाएगा। देर शाम कुलपति प्रो. राकेश भटनागर भी शंकराचार्य को देखने पहुंचे और डाक्टरों से उनके हेल्थ रिपोर्ट को लेकर चर्चा की।
गठित हुई टीम : स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के इलाज के लिए एमएस प्रो. वीएन मिश्र ने डिप्टी एमएस डा. जीएन श्रीवास्तव की देखरेख में मेडिसिन विभागाध्यक्ष डा. जया चक्रवर्ती, नेफ्रोलॉजी विभागाध्यक्ष डा. शिवेंद्र सिंह, कार्डियोलाजी विभाग के डा. धर्मेंद्र जैन, आइसीयू प्रभारी प्रो. एपी सिंह व प्रो. एनके अग्रवाल की टीम गठित की है।
लगातार आयोजनों में शामिल होने से बिगड़ी तबीयत : शिष्यों के अनुसार अद्र्धकुंभ में एक माह तक लगातार धार्मिक आयोजनों में शामिल होते रहने के कारण स्वामी स्वरूपानंद की तबीयत बिगड़ी है। उन्हें पिछले चार-पांच दिनों से खांसी आ रही थी। गुरुवार की सुबह तकलीफ बढऩे पर प्रयागराज के डॉक्टर को दिखाया गया। डॉक्टर ने हवा में प्रदूषण की बढ़ी मात्रा को इसकी वजह बताया। इसके बाद उनके शिष्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने प्रयाग से नजदीक होने के नाते सतर्कतावश उन्हें काशी लाने का निर्णय लिया।
निकालेंगे रामाग्रह यात्रा : स्वामी स्वरूपानंद के शिष्य व प्रयागराज स्थित मनकामेश्वर मंदिर के प्रभारी श्रीधरानंद ब्रह्मचारी ने बताया कि स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती 17 फरवरी को रामाग्रह यात्रा निकाल कर अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का शिलान्यास करने वाले हैं। वह ऐसा न करें इसके लिए जिला प्रशासन दबाव बना रहा था। गुरुवार को भी कई अधिकारी उनसे मिलने आए थे। इस कारण स्वामी जी काशी चले गए हैं।