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नई दिल्‍ली के बाद अब वाराणसी में भी कोर्ट के फैसले से रैदासियों में रोष, यथास्थिति की उठी मांग

नर्इ दिल्‍ली से उठी विरोध की आंच का वाराणसी में भी असर होने लगा है। दरअसल नई दिल्‍ली में संत रविदार मंदिर को तोड़ने का आदेश कोर्ट से जारी होने के बाद रैदासियों में रोष है।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Tue, 13 Aug 2019 01:59 PM (IST)Updated: Tue, 13 Aug 2019 09:59 PM (IST)
नई दिल्‍ली के बाद अब वाराणसी में भी कोर्ट के फैसले से रैदासियों में रोष, यथास्थिति की उठी मांग
नई दिल्‍ली के बाद अब वाराणसी में भी कोर्ट के फैसले से रैदासियों में रोष, यथास्थिति की उठी मांग
वाराणसी, जेएनएन। रैदासी समुदाय की ओर से नर्इ दिल्‍ली से उठी विरोध की आंच का वाराणसी में भी असर होने लगा है। दरअसल नई दिल्‍ली में संत रविदार मंदिर को तोड़ने का आदेश कोर्ट से जारी होने के बाद रैदासियों में रोष है। वहीं वाराणसी स्थित सीर गोवर्धन में संत रैदास मंदिर में भी इस बात की जानकारी होने के बाद रैदासियों में राेष है। 

वाराणसी में सीर गोवर्धन स्थित रविदास मंदिर के प्रबंधक ज्ञानचंद ने बताया कि वाराणसी में रैदासियों के बीव शांति है। हालांकि संत निरंजन दास की तरफ से सरकार से मांग की गई है कि जैसी स्थिति थी वैसी ही यथास्थिति मौके पर कायम रखी जाय। क्योंकि संत रविदास को सिकंदर लोदी ने 87 एकड़ जमीन दी थी जिसपर 200 साल से मंदिर और कमेटी का ही कब्जा था। जिसे सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर तोड़ा गया है जो बहुत ही गलत हुआ है। संत समाज की तरफ से मांग है कि उसे वापस उसी स्थिति में कर दिया जाय। 

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