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कोरोना संक्रमण काल में स्कूली बस्ते का बोझ हुआ कम, सभी कक्षाओं के पाठ्यक्रमों में 30 फीसद कटौती की तैयारी

कोविड-19 के प्रकोप को देखते हुए केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने कक्षा नौ से 12वीं तक का पाठ्यक्रम 30 फीसद कम कर दिया है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Thu, 09 Jul 2020 12:01 AM (IST)Updated: Thu, 09 Jul 2020 09:58 AM (IST)
कोरोना संक्रमण काल में स्कूली बस्ते का बोझ हुआ कम, सभी कक्षाओं के पाठ्यक्रमों में 30 फीसद कटौती की तैयारी
कोरोना संक्रमण काल में स्कूली बस्ते का बोझ हुआ कम, सभी कक्षाओं के पाठ्यक्रमों में 30 फीसद कटौती की तैयारी

वाराणसी, जेएनएन। कोविड-19 के प्रकोप को देखते हुए केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने कक्षा नौ से 12वीं तक का पाठ्यक्रम 30 फीसद कम कर दिया है। अब सीबीएसई से संचालित विद्यालय भी नर्सरी से कक्षा आठ तक के पाठ्यक्रमों में 30 फीसद कटौती करने की तैयारी जुट गए हैं। कई विद्यालयों ने सभी कक्षाओं के पाठ्यक्रमों में कटौती कर भी दी है।

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कोरोना महामारी को देखते हुए ज्यादातर विद्यालयों ने पहली अप्रैल से ही नए सत्र की पढ़ाई ऑनलाइन शुरू कर दी है। स्कूलों की भांति बकायदा चार से छह घंटे ऑनलाइन क्लास चलाया जा रहा है ताकि समय से बच्चों का कोर्स पूरा किया जा सके। अध्यापकों का कहना है कि छोटे क्लास में एक पाठ्यक्रम दूसरे पाठ्यक्रमों से जुड़े होते हैं। ऐसे में कोई टॉपिक छोड़कर बच्चों को पढ़ाना कठिन है।

लर्निंग गैप कम करने का भी होगा प्रयास

लर्निंग गैप कम करने के लिए सभी पाठ्यक्रम बच्चों को पढ़ाए जा रहे हैं। हालांकि गृह परीक्षाओं में 70 फीसद पाठ्यक्रमों से ही सवाल पूछे जाएंगे। यह बात बच्चों व उनके अभिभावकों को भी बताई जा रही है। कहा कि शुरू में करीब 20 फीसद बच्चे ऑनलाइन क्लास से नहीं जुड़ पाए थे लेकिन अब ऑनलाइन क्लास में लगभग शत-प्रतिशत बच्चों की उपस्थिति चल रही है। बच्चे ही नहीं अब ज्यादातर अभिभावक भी ऑनलाइन क्लास का महत्व समझने लगे हैं। शुरू-शुरू में ऑनलाइन क्लास को लेकर तमाम अभिभावकोंं में भम्र की स्थिति थी। वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए अब वह भी ऑनलाइन क्लास को महत्व देने लगे हैं। यह बच्चों के भविष्य के लिए शुभ संकेत है।

नर्सरी से कक्षा आठ तक के पाठ्यक्रमों को कम करने का निर्णय स्कूलों को अपने स्तर से लेना है

नर्सरी से कक्षा आठ तक के पाठ्यक्रमों को कम करने का निर्णय स्कूलों को अपने स्तर से लेना है। सीबीएसई की गाइड लाइन को देखते हुए सभी कक्षाओं के पाठ्यक्रमों में 30 फीसद कटौती करने का निर्णय लिया गया है। हालांकि लर्निंग गैप को ध्यान में रखते हुए बच्चों को पूरे कोर्स पढ़ाए जा रहे हैं लेकिन परीक्षाओं में 70 फीसद पाठ्यक्रमों से ही प्रश्न पूछे जाएंगे।

 -डा. दीपक मधोक, अध्यक्ष, सनबीम शिक्षण समूह व पूर्वांचल स्कूल वेलफेयर एसोसिएशन

कोरोना महामरी को देखते हुए पाठ्यक्रमों में कटौती करना जरूरी हो गया है

कोरोना महामरी को देखते हुए पाठ्यक्रमों में कटौती करना जरूरी हो गया है। सीबीएसई के इस फैसले से हाईस्कूल व इंटर के बच्चों का तनाव कम होगा। छोटी कक्षाओं में भी पाठ्यक्रम कम किए जा रहे हैं। हालांकि बच्चों को पूरा कोर्स पढ़ाया जाएगा। परीक्षाओं में 70 फीसद पाठ्यक्रमों से प्रश्न पूछे जाएंगे।

-राहुल सिंह, सचिव, संत अतुलानंद रचना परिषद और उपाध्यक्ष पूर्वांचल स्कूल वेलफेयर एसोसिएशन


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