भदोही में आठ बच्चों की ट्रेन से कटकर हुई थी मौत, स्कूल वैन चालक को कारावास संग एक लाख जुर्माना
आठ होनहारों के मामले में फास्टट्रैक कोर्ट ने स्कूल वैन के चालक राशिद खान को 10 साल का करावास और एक लाख रुपये अर्थदंड की सजा सुनायी है।
भदोही, जेएनएन। औराई के कैयरमऊ रेलवे क्रासिंग पर स्कूल वैन हादसे में मारे गए आठ होनहारों के मामले में फास्टट्रैक कोर्ट ने स्कूल वैन के चालक राशिद खान को 10 साल का करावास और एक लाख रुपये अर्थदंड की सजा सुनायी है। यह हादसा 25 जुलाई 2016 को हुआ था। इस हादसे में कई घरों के चिराग बुझ गए थे। इसके बाद औराई पुलिस ने वैन चालक सहित अन्य लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था।
घटना के मुताबिक 25 जुलाई 2016 को सुबह 7:15 बजे घोसिया स्थित टेंडर हर्टस स्कूल में अटैच मैजिक यूपी 66 टी 4558 छोटे बच्चों को लेकर स्कूल जा रही थी। स्कूल वैन को चालक राशिद खान चला रहा था। बच्चों को मना करने के बावजूद भी चालक लापरवाही से वैन चला रहा था। ट्रेन आने की सूचना पर भी वह रेलवे लाइन पार करने लगा। जिससे रेलवे लाइन पर ही ट्रेन से मैजिक टकरा गई और उसमें सवार आठ बच्चों की मौत हो गई जबकि कई घायल हो गए थे। औराई पुलिस ने चालक और अन्य के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज किया। विवेचना करने के पश्चात आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया। फास्टट्रैक कोर्ट प्रथम आनंद कुमार की अदालत ने दोनों पक्षों की बहस व तर्कों को सुनने के पश्चात दोषी राशिद खान निवासी पीयरोपुर को 10 वर्ष के कारावास और एक लाख रुपये अर्थदंड की सजा सुनाया है। अभियोजन पक्ष की ओर से शासकीय अधिवक्ता प्रवेश तिवारी ने पैरवी की।
हादसे की टीस आज भी कुरेदती है जख्म
अभी भी आंखें नम हैं और दिल में दर्द। एक हूक सी उठती है और फिर निराशा में तब्दील हो जाती है। कैयरमऊ वैन हादसे की टीस जो आज भी जख्म बनकर कुरेदती रहती है। आखिर हो भी क्यों नहीं। 25 जुलाई 2016 को स्कूल वैन और ट्रेन की टक्कर में कुल आठ होनहारों की मौत हो गई थी। औराई में माधोसिंह रेलवे स्टेशन के पास मंडुआडीह-इलाहाबाद पैसेंजर ट्रेन से घोसिया स्थित टेंडर हर्टस स्कूल वाहन की टक्कर में आठ बच्चों की मौत हो गई थी। इस दौरान आठ से अधिक बच्चों सहित चालक राशिद खां घायल हो गया था। इस हादसे में कैयरमऊ के अॢपत मिश्र (10), श्वेता मिश्रा (7), श्रेयांश (10), अभिषेक (10), साक्षी (9), नैतिक (7), अनिकेत (13) और मीरजापुर के मटियारी गांव निवासी प्रद्युम्न तिवारी (13) शामिल थे। इस हादसे में स्कूल प्रबंधक सहित चालक के खिलाफ मामला भी दर्ज किया गया था। दो परिवार तो ऐसे थे जिनके चिराग ही बुझ गए थे। हादसा हुए भले ही धीरे-धीरे तीन वर्ष से अधिक गुजर गए लेकिन परिवार के लोगों के आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहा है। आज भी घर के पास से ही जितनी बार ट्रेन गुजरती है उतनी बार परिवार के लोगों को अपने होनहारों की यादें ताजा हो जाती है।