मुंह से निकले अपशब्द पर ले ली थी दोस्त ने जान, सूने मकान में मिला था छात्र का शव
वाराणसी के लंका में डाफी बाइपास के निकट सूने मकान में नौवीं के छात्र सौरभ सिंह का खून उसके ही दोस्त ने किया था।
वाराणसी, जेएनएन। लंका में डाफी बाइपास के निकट सूने मकान में नौवीं के छात्र सौरभ सिंह का खून उसके जिगरी दोस्त ने ही किया था। तीन दिन तक गुमराह करने के बाद उसने गुनाह कुबूला और बताया कि वे दोनों स्कूल जाने की बजाय उस मकान में जाकर लेटे थे तभी जरा सी बात पर उनके बीच मारपीट हो गई। उसने वहां मौजूद शराब की बोतल और ईंट से सौरभ के सिर पर वार किए। फिर मोबाइल उठाकर भाग गया। रोहनिया में माधोपुर गांव निवासी संजय सिंह का पुत्र सौरभ लंका में सुसुवाही स्थित नवनीता कुंवर पब्लिक स्कूल में पढ़ता था। शनिवार दोपहर डाफी बाइपास के निकट एक सूने अर्धनिर्मित मकान में वह खून से लथपथ बेसुध मिला। ट्रामा सेंटर में उसे मृत बताया गया। वहीं स्कूल बैग भी पड़ा था। बाहर साइकिल खड़ी थी। पिता ने सौरभ के साथ पढ़ने वाले उसके एक दोस्त सागर (नाबालिग होने की वजह से नाम परिवर्तित) तथा स्कूल प्रधानाचार्य समेत चार लोगों के खिलाफ केस लिखाया। पुलिस ने दोस्त सागर को हिरासत में लिया। वे दोनों रोज गांव से साइकिल पर साथ स्कूल जाते थे। मगर पता चला कि 29 जनवरी से वे स्कूल नहीं गए थे जबकि घर से रोज बैग लेकर निकलते थे। एसपी सिटी दिनेश सिंह के मुताबिक, सागर ने कुबूला कि उसने ही सौरभ को मारा था। पढ़ाई में मन नहीं लगने की वजह से वे स्कूल जाने की बजाय घर से निकलने के बाद कभी बीएचयू जाकर टहलते तो कभी किसी पार्क में बैठे रहते। उस सूने मकान में जाकर सिगरेट पीते थे। उस रोज यानी शनिवार को भी वे घर से निकलने के बाद डाफी बाइपास के पास उस सूने मकान में जाकर तख्त पर लेट गए। करीब घंटे भर बाद 11 बजे सौरभ सो रहे सागर को जगाने लगा तो उसने नींद में गाली दे दी। सौरभ ने भी उसे अपशब्द कह दिए। दोनों भिड़ गए। सागर ने सौरभ के सिर पर बीयर की खाली बोतल से वार किया तो उसे चक्कर आ गया। कुछ पल बाद सौरभ ने भी हमले के लिए ईंट उठाई मगर सागर ने वही ईंट छीनकर उसके चेहरे पर चार-पांच वार कर दिए। गहरे घाव से सौरभ खून से लथपथ होकर गिरा तो वह उसका मोबाइल फोन उठाकर घर भाग गया। पुलिस ने सागर की निशानदेही पर उसके घर से मोबाइल बरामद किया है। तीन दिन तक किया पुलिस को गुमराह :
सीओ भेलूपुर सत्येंद्र तिवारी के मुताबिक, पुलिस ने सागर को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की तो उसने पहले साइकिल पंक्चर बनाने वाले के रिश्तेदार लड़के का नाम लिया कि सौरभ उसके साथ चला गया था। पुलिस ने उस लड़के को हिरासत में लिया और खासी पूछताछ की पर बात झूठी निकली। फिर सागर ने एक अन्य स्कूल के छात्र का नाम बताया तो पुलिस ने उसे भी पकड़कर सख्ती से पूछताछ की। वह भी झूठ निकला तो पुलिस ने सागर पर सख्ती और तब जाकर उसने अपना जुर्म स्वीकारा। नाबालिग सागर को पुलिस ने किशोर न्यायालय में पेश किया जहां से उसे बाल सुधार गृह भेज दिया गया। परिजनों का सवाल, अकेले की हत्या? : कत्ल का पर्दाफाश होने के बाद सीओ सत्येंद्र तिवारी ने सौरभ के परिजनों को अपने कार्यालय में बुलाकर उन्हें सागर से रुबरू कराया ताकि वे संतुष्ट हो जाएं। परिजनों ने सागर से तमाम सवाल किए और माना कि हत्या उसने ही की, लेकिन एक सवाल उनके मन में अब भी बना है कि उसने अकेले घटना नहीं अंजाम दी बल्कि कोई और भी साथ रहा होगा। सागर को सामने लाए जाने से पहले परिजनों ने सीओ कार्यालय पर हंगामा करते हुए पुलिस पर स्कूल संचालक को बचाने का आरोप भी लगाया।