संस्कृत विवि : परिसर में तोडफ़ोड़ करने पर छात्रसंघ अध्यक्ष, महामंत्री सहित 10 के खिलाफ प्राथमिकी
विवि ने सख्त कदम उठाते हुए कार्यालय बंद कराने व तोडफ़ोड़ करने वाले छात्रसंघ अध्यक्ष महामंत्री सहित दस लोगों के खिलाफ बुधवार को चेतगंज थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है।
वाराणसी, जेएनएन। छात्रों की अनुशासनहीनता को संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय प्रशासन ने गंभीरता से लिया है। विवि ने सख्त कदम उठाते हुए कार्यालय बंद कराने व तोडफ़ोड़ करने वाले छात्रसंघ अध्यक्ष, महामंत्री सहित दस लोगों के खिलाफ बुधवार को चेतगंज थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है। साथ ही परिसर में अराजकता फैलाने वाले छात्रों के खिलाफ भविष्य में भी कड़े कदम उठाने का संकेत दिया है।
आरोप है कि 21 जनवरी कुलपति कार्यालय में आरडीसी (रिसर्च डेवलमेंट कमेटी) की चल रही थी। इस दौरान छात्रसंघ के अध्यक्ष शिवम शुक्ला, महामंत्री अवनीश मिश्र, हिमांशु राज मिश्र सहित कई छात्र बगैर कुलपति कार्यालय में जबरन घुस गए। आरडीसी के सदस्यों व छात्राओं को कुलपति कक्ष से भगा दिया। कार्यालय में तोडफ़ोड़ भी की। यही नहीं कुलसचिव के संग गाली-गलौच भी किया। इसे देखते हुए चीफ प्रॉक्टर प्रो. आशुतोष मिश्र ने छात्रसंघ अध्यक्ष, महामंत्री सहित दस लोगों के खिलाफ बगैर अनुमति के सरकारी काम में बाधा पहुंचाने, गाली-गलौच व तोडफ़ोड़ करने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज करने के लिए चेतगंज थाने में बुधवार को दोपहर में तहरीर दी है। पुलिस मुकदमा भी दर्ज कर लिया है।
इन लोगों के खिलाफ दर्ज हुई प्राथमिकी
- छात्रसंघ अध्यक्ष शिवम शुक्ला, महामंत्री अवनीश मिश्र, हिमांशु राज मिश्र, गणेश गिरी, पूर्व अध्यक्ष अभिषेक द्विवेदी 'गणेश, श्रीश रंजन, लालता प्रसाद, पूर्व महामंत्री प्रदीप कुमार पांडेय उर्फ साजू, पूर्व अध्यक्ष जितेंद्र धर द्विवेदी, प्रधानाचार्य अखिलेंद्र त्रिपाठी।
छात्रों ने दिया धरना, नारेबाजी
दूसरी ओर छात्रावासों की साफ-सफाई सहित 12 सूत्रीय मांगों को लेकर छात्रों ने बुधवार केंद्रीय कार्यालय के सामने धरना दिया। इस दौरान छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन खिलाफ जमकर नारेबाजी की। छात्रों के आक्रोश को देखते हुए परिसर में बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स भी बुला ली गई है। छात्रों ने मांगें पूरी होने तक धरना जारी रखने का निर्णय लिया है।
शोध के पंजीकरण में धांधली का आरोप
छात्रों ने शोध पंजीकरण में धांधली का आरोप लगाया है। छात्रों का कहना है कि रामरेश तिवारी को आचार्य में चार-चार गोल्ड मेडल मिले हैं। आरडीसी की बैठक में रामरेश का साक्षात्कार भी अच्छा हुआ था। इसके बावजूद उन्हें पंजीकरण की अनुमति नहीं दी गई। जबकि रामरेश कोर्स वर्क परीक्षा भी उत्तीर्ण कर चुके हैं। छात्रों ने इस संबंध में कुलाधिपति को भी फैस भेजा है। आरडीसी में हुए कथित धांधली की जांच कराने की मांग की है।