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वाराणसी का संकट मोचन संगीत समारोह इस बार होगा ऑन लाइन और ऑफ लाइन, छह दिवसीय आयोजन एक मई से

संकट मोचन मंदिर के महंत प्रो विश्वम्भरनाथ मिश्र ने बताया कि कोरोना महामारी का संकट पूरे देश पर छाया है। ऐसे में कोरोना को हराना इस उद्देश्य से लोगों के अंदर से कोरोना का भय समाप्त करना है ।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Tue, 27 Apr 2021 08:50 AM (IST)Updated: Tue, 27 Apr 2021 08:50 AM (IST)
वाराणसी का संकट मोचन संगीत समारोह इस बार होगा ऑन लाइन और ऑफ लाइन, छह दिवसीय आयोजन एक मई से
एक मई से आयोजित होने वाला संकट मोचन संगीत समारोह इस बार ऑनलाइन ही होगा

वाराणसी राजेश त्रिपाठी । शास्त्रीय संगीत प्रेमियों के लिए यह खुशखबरी है कि एक मई से आयोजित होने वाला संकट मोचन संगीत समारोह इस बार ऑनलाइन ही होगा लेकिन पिछली बार से अलग हटकर मंदिर परिसर में स्थानीय दो कलाकार प्रति निशा प्रस्तुति देंगे। विशेष बात यह है कि 50 श्रोता भी मंचीय प्रस्तुतियों का आनंद उठाने के लिए मंदिर परिसर में सामाजिक दूरी का पालन करते हुए उपस्थित रहेंगे। मंदिर में उपस्थित रहने वाले स्थानीय कलाकार व श्रोताओं की तीन दिन पूर्व कराई गई आरटी-पीसीआर की रिपोर्ट निगेटिव होना अनिर्वाय होगा।

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इस संबंध में संकट मोचन मंदिर के महंत प्रो विश्वम्भरनाथ मिश्र ने बताया कि कोरोना महामारी का संकट पूरे देश पर छाया है। ऐसे में कोरोना को हराना इस उद्देश्य से लोगों के अंदर से कोरोना का भय समाप्त करना है । संगीत के साथ संकट मोचन हनुमान जी की आराधना कोरोना को हराने में रामबाण साबित होगी। उन्होंने बताया कि ऑनलाइन प्रस्तुति के लिए पदम् पुरस्कारों से सम्मानित कलाकारों से बातचीत चल रही हैं। सभी कलाकार अपने घर से वीडियो क्लिप से या सीधा कार्यक्रम प्रस्तुत करेंगे जिसे मंदिर में लगे एलईडी स्क्रीन की सहायता से विभिन्न सोशल मीडिया यू ट्यूब, फेसबुक, इंस्ट्राग्राम के माध्यम से संगीत प्रेमी देख सकेंगे। इन कलाकारों के अलावा प्रतिदिन दो स्थानीय कलाकारों की मंचीय प्रस्तुति भी होगी। इन कलाकारों व मंदिर में 50 की संख्या में उपस्थित श्रोताओं का तीन दिन पूर्व का आरटी- पीसीआर रिपोर्ट निगेटिव होना अनिवार्य होगा। सभी मास्क लगाएंगे और सामाजिक दूरी का पालन करेंगे।

हनुमान जयंती के अवसर पर आयोजित होने वाला यह आयोजन शास्त्रीय संगीत प्रेमियों के लिए एक उत्सव-जैसा होता है। कोविड 19 के चलते देशभर में लगे लॉक डाउन के कारण पिछले वर्ष इसका आयोजन 12 से 17 अप्रैल तक डिजिटल प्लेटफार्म पर किया गया था।इस विधा से भी आयोजन से भी इसकी लोकप्रियता में कोई कमी नहीं आई थी। देश-विदेश में इसे पांच लाख 80 हजार लोगों ने सोशल मीडिया के माध्यम से देखा था।

राजन मिश्र ने मंचीय प्रस्तुति का किया था वादा

महंत प्रो. मिश्र ने बताया कि ख्यात गायक राजन-साजन मिश्र की जोड़ी ने इस बार मंदिर परिसर से मंचीय कार्यक्रम का वादा किया था लेकिन राजन मिश्र के निधन से यह कमी ज्यादा खलेगी। पंडित राजन - साजन मिश्र ने पिछले महीने एक कार्यक्रम में मुलाकात के दौरान मुझसे यह वादा किया था।

पंडित जसराज के हनुमान भजन का सीधा हुआ था प्रसारण

लॉक डाउन की अवधि में पिछले वर्ष पद्मविभूषण पंडित जसराज ने अमेरिका के न्यू जर्सी से अस्वस्थता के दौरान भी हनुमान प्रभु के भजन की प्रस्तुति की थी। उसका सजीव प्रसारण मंदिर ने सोशल मीडिया पर किया था। पंडित जसराज का यह अंतिम कार्यक्रम साबित हुआ। इसके बाद उन्होंने कोई भी सार्वजनिक प्रस्तुति नहीं दी। उनके दिवंगत हो जाने से संकट मोचन संगीत समारोह सूना - जैसा लगेगा।

महंत प्रो. मिश्र रहेंगे आइसोलेट

प्रो मिश्र ने बताया कि उनकी आर टी पीसीआर की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। इस कारण वे संगीत समारोह के दौरान आइसोलेट रहेंगे । उन्होंने फेसबुक पर अपनी रिपोर्ट सोमवार को साझा करते हुए पॉजिटिव होने की जानकारी देते हुए संपर्क में आये लोगों को भी आर टी पीसीआर जांच कराने को कहा है। कहा संगीत समारोह के पूर्व वे फिर से अपनी आर टी पीसीआर कराएंगे। निगेटिव आने पर ही मंदिर में कार्यक्रम के दौरान उपस्थित रहेंगे। रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर वे किसी से नहीं मिलेंगे परन्तु सारी व्यवस्था पर नजर रखेंगे।


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