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Sampoornanand Sanskrit University : पढ़ाई संग पूजा-पाठ से शास्त्री-आचार्य के छात्रों का खर्च निकलता ठाठ से

संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के छात्र कर्मकांड कराकर इस योजना को साकार कर रहे हैं। नवरात्र में शास्त्री-आचार्य लगायत पीएचडी तक के तमाम छात्र पूजा-पाठ कराने में जुटे हुए हैं। वैसे भी नियमित एक से डेढ़ घंटा पूजा-पाठ करते हैं। मौका मिलने पर जजमानों के यहां भी कर्मकांड कराते हैं।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Wed, 21 Oct 2020 07:41 AM (IST)Updated: Wed, 21 Oct 2020 09:53 AM (IST)
Sampoornanand Sanskrit University : पढ़ाई संग पूजा-पाठ से शास्त्री-आचार्य के छात्रों का खर्च निकलता ठाठ से
नवरात्र में शास्त्री-आचार्य लगायत पीएचडी तक के तमाम छात्र पूजा-पाठ कराने में जुटे हुए हैं।

वाराणसी, जेएनएन। विश्वविद्यालय व महाविद्यालयों में आर्थिक रूप से कमजोर विद्यार्थियों के लिए अर्न व्हाइल यू लर्न (सीखते समय कमाएं) योजना अब तक मूर्त रूप नहीं ले सकी है। वहीं संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के छात्र कर्मकांड कराकर इस योजना को साकार कर रहे हैं। नवरात्र में शास्त्री-आचार्य लगायत पीएचडी तक के तमाम छात्र पूजा-पाठ कराने में जुटे हुए हैं। इससेे पढ़ाई का खर्च स्वयं वहन करते हैं। इस प्रकार विश्वविद्यालय के छात्र कर्मकांड से कर्म पथ की प्रगति पर अग्रसर हैं।

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छात्रों का कहना है कि शास्त्री-आचार्य के पाठ्यक्रम में पूजा-पाठ की विधि भी शामिल है। वैसे भी नियमित एक से डेढ़ घंटा पूजा-पाठ करते हैं। साथ ही मौका मिलने पर जजमानों के यहां भी कर्मकांड कराते रहते हैं। शादी-विवाह, गृह प्रवेश सहित अन्य धार्मिक अनुष्ठानों में वरिष्ठ आचार्य सहयोग लेते रहते हैं। साथ ही जजमान से दक्षिणा भी दिलाते हैं। ऐसे में जजमानों से सीधे संपर्क हो जाता है। विश्वविद्यालय के जुड़े होने के कारण बाहर काफी सम्मान भी मिलता है। साथ ही पैसा भी। कोविड-19 के संक्रमण के चलते पिछले चैत्र नवरात्र  में पाठ करने का अवसर नहीं मिला था लेकिन शारदीय नवरात्र में पाठ करने के लिए कई जगहों से डिमांड आई।  परीक्षाएं हो जाने के कारण ज्यादातर छात्र घर जा चुके हैं जो छात्र बनारस में हैं वह विभिन्न जगहों पर जजमानों के यहां पाठ कर रहे हैं। एक जजमान के यहां पाठ करने में एक से डेढ़ घंटे का समय लगता है। ऐसे में नवरात्र में एक साथ अधिकतम तीन-तीन जजमानों के यहां पाठ कराते हैं। वहीं नौ दिन तक लगातार पाठ कराने का एक जजमान 5100 रुपये की दक्षिणा देता है।

छात्रों से बातचीत

परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं हैं। बिहार में नाममात्र का खेत है। ऐसे में पढ़ाई खर्च निकालने के लिए पूजा-पाठ कराते हैं। इस बार पड़ाव में एक जजमान के यहां पाठ कर रहे हैं। हर साल तीन पाठ एक साथ करते थे।  

-प्रवीण तिवारी, आचार्य द्वितीय खंड

-इस बार नवरात्र में तीन स्थानों से पाठ कराने का मौका मिला है। सभी जजमान देवरिया के हैं। नौ दिन लगातार पाठ करने पर एक स्थान से 5100 रुपये दक्षिणा के रूप में मिलते हैं। ऐसे में साल भर की पढ़ाई का खर्च निकल जाता है।

-अर्पण तिवारी, शास्त्री द्वितीय खंड

पूजा-पाठ कराने का मौका मिलता रहता है। नवरात्र में आमदनी ठीक-ठाक हो जाती है। पाठ से सालभर का खर्च निकल आता है। घर से पैसा नहीं लेने पड़ता है।

-सुमित मिश्र, शास्त्री तृतीय खंड

 इस नवरात्र में महमूरगंज में पाठ चल रहा है। बीच-बीच में भी पूजा-पाठ, कर्मकांड कराने का मौका मिलता रहता है। अपना खर्च निकल जाता है। अभ्यास भी बना रहता है।

-लक्ष्मीकांत तिवारी, शास्त्री तृतीय खंड


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