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संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय : नैक से अच्छी ग्रेडिंग के लिए आंकड़ों की बाजीगरी, मूल्यांकन में 70 फीसद अंक आनलाइन

अब नैक से अच्छी ग्रेडिंग हासिल अब आंकड़ों की बाजीगरी बेहद जरूरी है। इसे देखते हुए संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय प्रशासन पांच साल के आंकड़ों को दुरुस्त करने में जुटा हुआ है ताकि नैक को सेल्फ स्टडी रिपोर्ट (एसएसआर) भेजा जा सके।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Thu, 31 Dec 2020 05:43 PM (IST)Updated: Thu, 31 Dec 2020 05:43 PM (IST)
संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय : नैक से अच्छी ग्रेडिंग के लिए आंकड़ों की बाजीगरी, मूल्यांकन में 70 फीसद अंक आनलाइन
अब नैक से अच्छी ग्रेडिंग हासिल अब आंकड़ों की बाजीगरी बेहद जरूरी है।

वाराणसी, जेएनएन। अब नैक से अच्छी ग्रेडिंग हासिल अब आंकड़ों की बाजीगरी बेहद जरूरी है। इसे देखते हुए संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय प्रशासन पांच साल के आंकड़ों को दुरुस्त करने में जुटा हुआ है ताकि नैक को सेल्फ स्टडी रिपोर्ट (एसएसआर) भेजा जा सके। वहीं एसएसआर रिपोर्ट में छात्रों का मेल मोबाइल नंबर भी रोड़ा बना हुआ है। तमाम छात्रों ने पंजीकरण फार्म में अपना मोबाइल नंबर ही गलत भर दिया है। फार्म में जो मोबाइल नंबर अंकित किया है वह अस्तित्व में ही नहीं है। इसे लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन है।

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सभी विभागों ने छात्रों के मेल व मोबाइल नंबर नए सिरे से लेने का निर्देश दिया गया है ताकि विद्यार्थियों का सही-सही विवरण नैक को भेजा जा सके। अब नैक मूल्यांकन में 70 फीसद अंक आनलाइन भेजे गए आंकड़ों पर ही निर्धारित है। इसमें छात्रों का फीड बैक भी शामिल है। नैक टीम दस फीसद छात्रों को मेल व फोन कर विश्वविद्यालय का फीड बैक लेती है। वहीं नैक की पीयर टीम के साथ में अब महज 30 फीसद ही है। ऐसे में अच्छी ग्रेडिंग के लिए निरीक्षण के अधिक आंकड़ा महत्वपूर्ण है। इसे देखते हुए विश्वविद्यालय का पूरा फोकस आंकड़ों पर ही टिका हुआ है।

पहले माक ड्रिल, फिर मूल्यांकन

विश्वविद्यालय ने पहले नैक टीम के निरीक्षण करने से पहले माक ड्रिल कराने का निर्णय लिया है। वह भी नैक की टीम से। ताकि निरीक्षण के पहले कमी दूरी की जा सके। 

अप्रैल में निरीक्षण

कुलपति प्रो. राजाराम शुक्ल की अध्यक्षता में हुई आइक्यूएसी की बैठक में आइक्यूएसी की बैठक में नैक को फरवरी में एसएसआर रिपोर्ट भेजने का निर्णय लिया गया। वहीं निरीक्षण अप्रैल-मई में कराने की योजना है। बैठक में काशी विद्यापीठ के प्रो. कृपा शंकर जायसवाल के अलावा विश्वविद्यालय के प्रो. हरिप्रसाद अधिकारी, प्रो. हीरक कांति चक्रवर्ती, प्रो. महेंद्र पांडेय, वित्त अधिकारी अमित श्रीवास्तव, डा. राजा पाठक, प्रो. सुधाकर मिश्र, प्रो. रमेश प्रसाद सहित अन्य लोग शामिल थे।

‘ए’ ग्रेड का तमगा

विश्वविद्यालय को नैकसे पांच वर्षों के लिए ‘ए’ ग्रेडिंग मिली थी। इसकी वैधता दिसंबर 2019 में ही समाप्त हो गई थी। इसे देखते हुए विश्वविद्यालय नवीनीकरण की प्रक्रिया तेज कर दी है। आइक्यूएसी के समन्वयक प्रो. राम पूजन पांडेय ने बताया कि अच्छी ग्रेडिंग हासिल करने की तैयारी में अभी से शुरू कर दी गई है।


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