सपाजनों ने कहा अन्याय हुआ तो उतरेंगे सड़क पर
लोहता के कनईसराय में बुधवार को पुलिस उत्पीड़न के खिलाफ सपाजनों का प्रतिनिधिमंडल ग्रामीणों से मिला।
वाराणसी : लोहता थाना क्षेत्र के कनईसराय गांव में बुधवार को क्षेत्रीय लोगों द्वारा पुलिसकर्मियों को बंधक बनाए जाने के बाद शाम को पुलिस द्वारा की गई कड़ी कार्रवाई के बाद से गांव में तनाव व्याप्त है। नाराज ग्रामीणों ने गुरुवार को अपनी दुकानें बंद रख विरोध जताया। पुलिस की दोबारा कार्रवाई के डर से कई लोग गांव छोड़कर अपने रिश्तेदारों के यहां चले गए हैं। उधर, इस मामले को अब राजनीतिक रूप भी दिया जाने लगा है। सपा का प्रतिनिधिमंडल पूर्व सांसद रामकिशुन यादव के नेतृत्व में गांव पहुंचा और घटना की निंदा की। नेताओं ने एसएसपी आनंद कुलकर्णी से भी इस मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की।
सपा नेता व चंदौली के पूर्व सासद रामकिशुन यादव व पूर्व विधायक महेंद्र पटेल का कहना था कि निहत्थे ग्रामीणों पर पुलिस की बर्बरता सरासर गलत है। यदि किसी ने भ्रमवश पुलिस को बंधक बना भी लिया तो संबंधितों पर ही कार्रवाई होनी चाहिए थी मगर पूरे गांव में पुलिस द्वारा तांडव किया जाना सरासर गलत है। पार्टी नेताओं ने कहा कि यदि इस मामले में ग्रामीणों के साथ ज्यादती हुई तो इसकी शासन स्तर पर भी शिकायत की जाएगी। नेताओं ने ग्रामीणों से अपील की कि वे अपने कामकाज पर जल्द से जल्द लौटें जिससे कि गांव का माहौल शांत हो सके। प्रतिनिधिमंडल में प्रमुख रूप से आनंद मोहन, सुजीत यादव, रमेश आदि रहे। उधर, बाद में सपा के पूर्व प्रदेश प्रवक्ता मनोज राय धूपचंडी व पूर्व प्रदेश सचिव डा. ओपी सिंह ने भी गांव पहुंच लोगों का हाल पूछा। उधर, देर शाम सपा का प्रतिनिधिमंडल एडीजी जोन पीवी रामा शास्त्री से भी मिला और मामले में न्याय की मांग की। इस मौके पर सपा के पूर्व सांसद रामकिशुन यादव का कहना है कि पुलिस की कार्रवाई सरासर गलत है। मस्जिद में घुसकर पुलिस द्वारा कार्रवाई करना सरासर गलत है। यदि ग्रामीणों पर अन्याय हुआ तो सड़क पर उतरकर विरोध होगा।
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गिरफ्तार सभी आरोपितों को जेल
लोहता थाना क्षेत्र के कनईसराय में हुए बवाल मे पकड़े गए सभी 27 आरोपितों को पुलिस ने गुरुवार को अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (द्वितीय) महेंद्र कुमार सिंह की अदालत में पेश किया। इस मामले में सभी आरोपितों के खिलाफ लोहता थाना में कई गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था। अदालत ने सभी आरोपितों को न्यायिक हिरासत में लेकर 14 दिन के लिए जेल भेज दिया। आरोपितों को अदालत में पेश कराने के लिए बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात थी।