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बाबा दरबार में अर्चकों और कर्मचारियों का बढ़ेगा वेतन, श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर न्यास ने बनाई समिति

श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में वेतन विसंगतियां दूर होने जा रही हैैं। इससे वर्षों से मंदिर में सेवा दे रहे अर्चकों व कर्मचारियों का वेतन दो-तीन गुना तक बढ़ जाएगा।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Tue, 22 Oct 2019 10:29 PM (IST)Updated: Tue, 22 Oct 2019 10:29 PM (IST)
बाबा दरबार में अर्चकों और कर्मचारियों का बढ़ेगा वेतन, श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर न्यास ने बनाई समिति
बाबा दरबार में अर्चकों और कर्मचारियों का बढ़ेगा वेतन, श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर न्यास ने बनाई समिति

वाराणसी, जेएनएन। श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में वेतन विसंगतियां दूर होने जा रही हैैं। इससे वर्षों से मंदिर में सेवा दे रहे अर्चकों व कर्मचारियों का वेतन दो-तीन गुना तक बढ़ जाएगा। श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर न्यास परिषद की मंगलवार को कमिश्नरी सभागार में हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया। अध्यक्षता कर रहे न्यास अध्यक्ष आचार्य अशोक द्विवेदी ने कार्यवृत्त से इतर इस मसले को आउट सोर्सिंग पर तैनात पीआरओ व कर्मियों के वेतन का हवाला देते हुए उठाया।

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उन्होंने कहा कि एक ओर मंदिर के अर्चक वर्षों से 15-20 हजार मानदेय पा रहे तो दूसरी तरफ 50 हजार रुपये तक भुगतान किया जा रहा है। इससे रोष देखने में आ रहा है। ऐसे में वेतन विसंगति दूर करने के लिए अपर निदेशक वित्त की अध्यक्षता में समिति का गठन कर दिया गया। अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी व लेखाकार इसमें सदस्य होंगे। समिति समस्त वेतन विसंगतियों को दूर करने के लिए एक माह के अंदर प्रस्ताव देगी जिसे पुन: न्यास की बैठक में रख कर लागू कर दिया जाएगा। इस दौरान आउट सोर्स कई कर्मियों के पीआरओ का कार्ड लटकाने और विजिटिंग कार्ड छपवाने को लेकर जिच भी हुई।

इसके अलावा मंदिर न्यास परिषद की ओर से एफएम चैनल डमरू रेडियो और वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए रूद्राभिषेक व्यवस्था पर सहमति बनी। तय किया गया कि इसे आउटसोर्सिंग के जरिए चलाया जाएगा। नयति हेल्थ केयर के साथ ही एक अन्य अस्पताल की ओर से ओपीडी चलाने को भी न्यास ने हरी झंडी दे दी।

हालांकि रामघाट स्थित मेहता अस्पताल की खरीद का प्रस्ताव न्यास ने फिलहाल खारिज कर दिया। तय किया गया कि स्वामित्व की जांच के बाद ट्रस्ट से प्रस्ताव लिया जाए। बेनीपुर स्थित संकट हरण मंदिर की संपूर्ण संपत्ति के स्वामित्व के संबंध में डीएम से जांच कराई जाएगी। इसके विधिक स्थानांतरण के बाद किसी तरह के निर्माण के लिए बाबा दरबार कोई धन लगाएगा। द्वादश ज्योतिर्लिंग आयोजन पर भी न्यास ने असहमति जता दी।

अमूल का दूध काउंटर बंद

बाबा दरबार में अमूल का दूध काउंटर बंद किया जाएगा। बाबा के अभिषेक के लिए दूध श्रद्धालुओं को मंडी से मंगा कर दिया जाएगा। न्यास अध्यक्ष ने गरम कर ठंडे किए गए पैकेट बंद दूध को बाबा के अभिषेक के लिए अशास्त्रीय करार दिया। साथ ही मंडी या गोशाला से अनुबंध कर दूध लेने का सुझाव दिया। इसके अलावा अनुपूरक बजट पारित किया गया। शास्त्रियों के ड्रेस कोड पर भी गंभीरता से मंथन किया गया। मंदिर में विदेशियों के प्रवेश पर भी न्यास अध्यक्ष ने आपत्ति जताई। बैठक में मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल, धर्मार्थ विभाग के अवर सचिव सोमनाथ, सीईओ विशाल सिंह, एसडीम विनोद सिंह आदि थे।


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