Move to Jagran APP

शुल्क 250 रुपये, प्रतिपूर्ति मिला 450 रुपये, 27 निजी विद्यालयों को मिली नोटिस

प्रदेश में निश्शुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार-2009 के तहत निजी स्कूलों में प्री-नर्सरी व कक्षा-एक में सीट के सापेक्ष 25 फीसद मुफ्त दाखिला अलाभित समूह व दुर्बल आय वर्ग के बच्चों निर्धारित करने का प्रावधान है।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Thu, 10 Jun 2021 01:17 PM (IST)Updated: Thu, 10 Jun 2021 01:17 PM (IST)
25 फीसद मुफ्त दाखिला अलाभित समूह व दुर्बल आय वर्ग के बच्चों निर्धारित करने का प्रावधान है।

वाराणसी, जेएनएन। निश्शुल्क व अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार-2009 के तहत निजी स्कूलों में प्री-नर्सरी व कक्षा-एक में सीट के सापेक्ष 25 फीसद मुफ्त दाखिला अलाभित समूह व दुर्बल आय वर्ग के बच्चों निर्धारित करने का प्रावधान है। शासन विद्यालयों को प्रति छात्र अधिकतम 450 रुपये की मासिक दर से शुल्क प्रतिपूर्ति उपलब्ध कराता है। वहीं कई विद्यालयों की फीस प्रतिमाह 150 से लेकर 250 रुपये निर्धारित है। इसके बावजूद इन विद्यालयों ने शासन को 450 रुपये प्रतिमाह की दर से शुल्क प्रतिपूर्ति की डिमांड भेजी थी। डिमांड के अनुसार शासन ने शुल्क प्रतिपूर्ति संबंधित विद्यालयों को भेज दी है। वहीं जांच में इसकी पोल गई है।

loksabha election banner

एडी बेसिक प्रवीण कुमार उपाध्याय ने इसकी रिपोर्ट बीएसए को सौंप दी है। उन्होंने ऐसे 27 विद्यालयों दोगुना राशि वापस न करने पर मान्यता समाप्त करने की भी नोटिस देने का निर्देश दिया है। एडी बेसिक ने बताया कि घोर वित्तीय अनियमितता है। शासन के पैसे का दुरूपयोग है। बीएसए से ऐसे विद्यालयों से दोगुना राशि जमा कराने का निर्देश दिया गया है। बीएसए राकेश सिंह ऐसे विद्यालयों से स्पष्टीकरण मंगाने की तैयारी कर रहे हैं। पहले इन विद्यालयों से जवाब मांगा जाएगा। इसके बाद भी दोगुना राशि वापस न करने पर संबंधित विद्यालयों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि इसे देखते हुए जनपद के सभी निजी विद्यालयाें से आरटीई के पोर्टल शुल्कों का विवरण भी अपलोड करने का निर्देश दिया गया है।

1002 विद्यालयों में से करीब 250 निजी विद्यालयों ने अब तक आरटीई के पोर्टल पर अपना रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है। ऐसे विद्यालयों को भी नोटिस दी गई है। उन्होंने बताया कि भविष्य में इस तरह की वित्तीय अनियमितता ने बचने के लिए आरटीई पोर्टल पर अपलोड फीस खंड शिक्षा अधिकारियों के माध्यम से सत्यापन भी कराया जा रहा है। आरटीई के जिला समन्वयक विमल कुमार केशरी ने बताया कि प्री-नर्सरी व कक्षा-एक संचालित करने वाले जनपद में मान्यता प्राप्त करीब 1250 विद्यालय है। इसमें से अब तक 1002 विद्यालय ही आरटीई के पोर्टल पर रजिस्ट्रर्ड है। पोर्टल पर पंजीकरण न होने के कारण दुर्बल आय वर्ग के बच्चे इन विद्यालयों में मुफ्त दाखिले की सुविधा से भी वंचित हो रहे हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.