रिंग रोड निर्माण के दूसरे चरण पर मंडराए चुनावी बादल, किसान मुआवजा बढ़ाने पर अड़े
वाराणसी में चौड़ी सड़कों का जाल बिछाने के मकसद से बनाई जा रही रिंग रोड के दूसरे चरण का काम जमीन अधिग्रहण के चलते फंसता नजर आ रहा है।
वाराणसी, जेएनएन। शहर में चौड़ी सड़कों का जाल बिछाने के मकसद से बनाई जा रही रिंग रोड के दूसरे चरण का काम जमीन अधिग्रहण के चलते फंसता नजर आ रहा है। ऐसा लग रहा है कि पीएम के महत्वकांक्षी प्रोजेक्ट पर चुनावी बादल मंडराने लगे हैं। परियोजना के दूसरे चरण के पहले पैकेज के तहत कार्यदायी विभाग राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को हरहुआ-राजातालाब के बीच अभी तक मात्र आधी जमीन ही मिल पाई है। विभाग को कुल 17 किलोमीटर के जमीनी क्षेत्रफल में मात्र 8.5 किलोमीटर का हिस्सा ही मिल पाया है। इस पहले पैकेज का कार्य विभाग को बीते वर्ष सितंबर माह में शुरू करना था। लेकिन जमीन न होने से काम शुरू नहीं हो पाया है।
न्यायाधिकरण में अटका मामला
रिंग रोड के द्वितीय चरण से प्रभावित गांवों से प्रभावित किसानों ने पूरा मामला जिलाधिकारी न्यायाधिकण में दाखिल कर रखा है। किसानों के मुताबिक जो मुआवजा डीएम न्यायालय से निर्धारित किया जाएगा। राजमार्ग विभाग को वो ही रकम किसानों को देनी होगी। इसमें मढऩी, बैरासनपुर और शिओ गांव शामिल हैं।
फोर्स भेजने में पीछे हट जाता है प्रशासन
राजमार्ग विभाग व कार्यदायी कंपनी के लोगों के मुताबिक जिला प्रशासन जमीन मुक्त करवाने के समय पुलिस बल भेजने में टाल मटोल करता है।
' न्यायाधिकरण से जमीन अधिग्रहण का मामला निपटते ही प्रशासन के साथ मिलकर रिंग रोड के कार्य को पूरा किया जाएगा।'
-एसबी सिंह, परियोजना प्रबंधक, राष्ट्रीय राजमार्ग विभाग।