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सर्दी में बहुत कठिन है डगर रोडवेज की, खराब सड़कों की वजह से गोरखपुर रूट की गाडिय़ों का निकल रहा दम

उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की सेवा यात्रियों को भारी पड़ रही है। रोडवेज की अनफिट बसें और टूटी खिड़कियों के बीच उन्हें सफर करना पड़ रहा है।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Wed, 11 Dec 2019 08:12 AM (IST)Updated: Wed, 11 Dec 2019 08:12 AM (IST)
सर्दी में बहुत कठिन है डगर रोडवेज की, खराब सड़कों की वजह से गोरखपुर रूट की गाडिय़ों का निकल रहा दम
सर्दी में बहुत कठिन है डगर रोडवेज की, खराब सड़कों की वजह से गोरखपुर रूट की गाडिय़ों का निकल रहा दम

वाराणसी, जेएनएन। उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की सेवा यात्रियों को भारी पड़ रही है। रोडवेज की अनफिट बसें और टूटी खिड़कियों के बीच उन्हें सफर करना पड़ रहा है। खासकर गोरखपुर रूट की बसों में सफर करना किसी चुनौती से कम नहीं है। कोहरे के मद्देनजर संबधित प्रशासन ने कई चरणों में होम वर्क किया था। बावजूद इसके यात्री सुरक्षित यात्रा से अभी भी वंचित है। 

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लोड फैक्टर में गिरावट 

रोडवेज प्रशासन की तमाम कवायदों के बावजूद लोड फैक्टर का ग्राफ गिरता ही जा रहा है। असल वजहों पर गौर करें तो वाराणसी परिक्षेत्र के अंतर्गत संचालित 35 फीसद गाडिय़ां अनफिट हो चुकी है। ऐसे में सर्द के मौसम में यात्रियों का रुझान बस सेवाओं से घटता ही जा रहा है। यात्री वैकल्पिक साधनों से सफर करना पसंद कर रहे है। गत वर्षों की तुलना में अंतिम छह महीने का लोड फैक्टर 25 फीसद तक गिरा है। 

एमडी के आदेश से अनजान

यात्रियों की सुरक्षा और संरक्षा की दृष्टि से रोडवेज प्रबंध निदेशक डा. राजशेखर ने मियाद पुरी कर चुकी बसों को हटाकर उन्हें डिस्पोजल कराने का निर्देश दिया था। क्षेत्रीय कार्यशाला में निरीक्षण के दौरान एमडी ने अनफिट बसों को दुरुस्त कराने की हिदायत दी थी। इस मद में मुख्यालय से विशेष राशि भी जारी की जाती है। इसके बावजूद अफसर के फरमान पर रूचि नहीं दिख रही।

दूसरे रूट की गाडिय़ां 

वाराणसी परिक्षेत्र के अंतर्गत 550 बसें चलाई जाती है। इनमें 7 फीसद बसें ब्रेक डाउन है। औसतन 15 फीसद गाडिय़ां हर दिन छोटे- मोटे मरम्मत कार्य के लिए वर्क शॉप पर खड़ी रहती है। यात्री सुविधाओं पर इसका असर न पड़े, इसके लिए दूसरे रूट की गाडिय़ा लगाकर सवारी ढोई जाती है।

बोले पैसेंजर

रोडवेज बस की खिड़कियां ठीक से काम नहीं करती है। ठंड के मौसम में सफर करना थोड़ा कठिन होता है।- मतिन्द्र पांडेय, यात्री।

गोरखपुर रूट की गाडिय़ों में दुश्वारियां ज्यादा है, एक तो उबड़ खाबड़ सड़के उपर से बस की सीट भी खराब है। - राहुल चौबे, यात्री।

बाेले अफसर 

गाडिय़ों के फिटनेस पर विशेष तौर से जोर दिया जा रहा है। चलने से पहले नियमित रूप से बसों का परीक्षण कराया जाता है। सभी मानकों पर खरा उतरने के बाद ही बस को निकालने की अनुमति दी जाती है। - केके शर्मा, आरएम।


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