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कूड़े की जैविक खाद से बलिया के रेवती की संवरेगी किस्मत, चेन्नई प्रयोगशाला भेजा गया नमूना

कूड़ा निस्तारण के क्षेत्र में जिले का रेवती नगर पंचायत एक कदम आगे चल रहा है। कूड़ा निस्तारण केंद्र से अब जैविक खाद तैयार होने लगी है। खाद का सैंपल चेन्नई स्थित एक प्रयोगशाला में टेस्टिंग के लिए भेजा गया है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Mon, 19 Apr 2021 08:50 AM (IST)Updated: Mon, 19 Apr 2021 11:27 AM (IST)
कूड़े की जैविक खाद से बलिया के रेवती की संवरेगी किस्मत, चेन्नई प्रयोगशाला भेजा गया नमूना
कूड़ा निस्तारण केंद्र से अब जैविक खाद तैयार होने लगी है।

बलिया सुधीर तिवारी । कूड़ा निस्तारण के क्षेत्र में जिले का रेवती नगर पंचायत एक कदम आगे चल रहा है। कूड़ा निस्तारण केंद्र से अब जैविक खाद तैयार होने लगी है। खाद का सैंपल चेन्नई स्थित एक प्रयोगशाला में टेस्टिंग के लिए भेजा गया है, परीक्षण रिपोर्ट पर किसानों में बिक्री शुरू हो जाएगी। पीपीपी मॉडल पर केंद्र संचालित किया जा रहा है।

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वर्ष 2019-20 में करीब 1.10 करोड़ रुपये का प्रस्ताव बना था। 2020-21 में यह बनकर तैयार हो गया। कूड़ा निस्तारण शुरू हो चुका है। बता दें कि रेवती व सहतवार क्षेत्र में सब्जी की अच्छी पैदावार होती है। जैविक खाद की उपलब्धता होगी तो लाभ 20 हजार से अधिक किसानों को होगा। अब कूड़ा संकट भी दूर होने लगा है। बता दें कि प्रयोगशाला में रासायनिक गुणों की जांच होगी। रिपोर्ट आने के बाद ही जिले अथवा गैरजनपद में बिक्री के लिये कार्ययोजना तैयार होगी। खाद की पैकिंग के लिये बोरी स्थानीय स्तर पर ही तैयार की जाएगी।

नगर पालिकाओं में कुंद पड़ गई कोशिश

जो रेवती नगर पंचायत ने कर रहा, वह अगर जिले की दो नगर पालिकाओं में होने लगे तो बड़ी आबादी तक राहत पहुंचेगी। बलिया में 10 करोड़ से बसंतपुर में कूड़ा निस्तारण केंद्र बन रहा था। 4.50 करोड़ रुपये कंपनी को भुगतान कर दिया गया, लेकिन कूड़ा निस्तारण आज तक नहीं शुरू हो सका।

दस टन कूड़े से निकलेगी एक टन खाद

रेवती नगर पंचायत से प्रतिदिन लगभग 10 टन कूड़ा निकलता है। कूड़ा निस्तारण केंद्र पर आने के बाद करीब 8 प्रतिशत लैंडफिल (जिसकी रीसाइक्लिंग नहीं की जा सकती) निकलती है। 35 से 40 प्रतिशत नमी रहती है, 10 प्रतिशत प्लास्टिक व 10 प्रतिशत अन्य चीजें निकल जाती हैं। शेष ऑर्गेनिक कूड़ा बचता है, जिससे खाद बनाई जाती है। शुरुआत में निकली खाद के अनुपात को देखें तो दस टन गीले कूड़े से एक टन तक खाद निकलेगी।

रेवती नपं व आसपास एरिया को प्रदूषणमुक्त रखा जा सके

शासन की मंशानुरूप नपं रेवती में कूड़े के वैज्ञानिक निस्तारण से किसानों के लिए खाद बनाने एवं निष्प्रयोज्य प्लास्टिक को पुनः प्रयोग में लाने के प्रयास किए जा रहे हैं, ताकि रेवती नपं व आसपास एरिया को प्रदूषणमुक्त रखा जा सके।

- मृदुल सिंह, अधिशासी अधिकारी, नगर पंचायत रेवती


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