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श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर कारिडोर के लिए 345.28 करोड़ रुपये का संशोधित बजट शासन से स्वीकृत

श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर विस्तारीकरण व सुंदरीकरण के तहत बनाए जा रहे कारिडोर के लिए 345.28 करोड़ रुपये का संशोधित बजट मंगलवार को कैबिनेट ने मंजूर कर लिया।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Wed, 22 Jan 2020 09:13 AM (IST)Updated: Wed, 22 Jan 2020 09:18 AM (IST)
श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर कारिडोर के लिए 345.28 करोड़ रुपये का संशोधित बजट शासन से स्वीकृत
श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर कारिडोर के लिए 345.28 करोड़ रुपये का संशोधित बजट शासन से स्वीकृत

वाराणसी, जेएनएन। श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर विस्तारीकरण व सुंदरीकरण के तहत बनाए जा रहे कारिडोर के लिए 345.28 करोड़ रुपये का संशोधित बजट मंगलवार को कैबिनेट ने मंजूर कर लिया। इसमें 339 करोड़ रुपये निर्माण के लिए तो शेष 6.28 करोड़ रुपये जीएसटी के मद में हैैं। पहले इसके लिए शासन की ओर से 318.67 करोड़ रुपये स्वीकृत किए थे। अब संशोधित शासनादेश आने के साथ निर्माण के लिए चयनित कंपनी पीएसपी प्रोजेक्ट्स को वर्क आर्डर जारी कर दिया जाएगा। हालांकि कंपनी पहले से ही खुद को कारिडोर एरिया में साजो-सामान के स्तर पर व्यवस्थित करने में जुटी है। मकर संक्रांति पर कार्यारंभ के लिए पूजन कर पिलरों के लिए गड्डे भी खोदे जा रहे हैैं। 

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शासनादेश का इंतजार

वास्तव में मंदिर विस्तारीकरण-सुंदरीकरण परियोजना के दूसरे चरण में कारिडोर निर्माण के लिए निविदा में दो कंपनियां आगे आई थीं। इसमें अहमदाबाद की निर्माण कंपनी पीएसपी प्रोजेक्ट्स ने 339 करोड़ तो शापूरजी-पलोन जी ने 423 करोड़ रुपये का प्रस्ताव दिया था। न्यूनतम दर भी स्वीकृत बजट से अधिक होने पर नए सिरे से खर्च का आकलन किया गया तो आगणन की त्रुटि सामने आई। इसे देखते हुए शेष 26.61 करोड़ रुपये के लिए शासन को पुन: प्रस्ताव भेजा गया था। इसे स्वीकृति तो पहले ही मिल गई थी लेकिन कैबिनेट की सहमति की औपचारिकता पूरी होने के साथ अब संशोधित शासनादेश का इंतजार है। इसके आते ही कंपनी को वर्क आर्डर जारी कर दिया जाएगा। 

प्राचीन मंदिरों के संरक्षण को सामने आईं 14 कंपनियां

श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के तहत बनाए जा रहे कारिडोर के दायरे में भवनों के ध्वस्तीकरण में सामने आए मंदिरों के संरक्षण के लिए चौदह कंपनियां आगे आई हैैं। मंदिरों को मूल स्वरूप में ले आने के तौर तरीकों का इन कंपनियों की ओर से मंगलवार को मंडलायुक्त दफ्तर में प्रस्तुतिकरण किया गया। थ्रीडी मैपिंग प्रेजेंटेशन के साथ ही संरक्षण के लिए की जाने वाली बारीक नक्काशी के तरीके भी प्रदर्शित किए गए। 

क्षमता का होगा आकलन

मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल की अध्यक्षता में दो घंटे चले प्रस्तुतिकरण में हर बिंदु पर विचार-विमर्श के साथ ही दावेदारों से सवाल-जवाब भी किए गए। कार्य व दावे के सापेक्ष उनकी विशेषज्ञता परखी गई और क्षमता का आकलन किया गया। चयन के लिए बनाई गई समिति प्रस्तुतिकरण के आधार पर कंपनियों का चयन करेगी और आगे की प्रक्रिया शुरू कराई जाएगी। 

काशी खंडोक्त, अंतरगृही मंदिरों का संरक्षण

वास्तव में कारिडोर के लिए भवनों के ध्वस्तीकरण में 44 मंदिर मिले। इनमें कई काशी खंडोक्त, अंतरगृही व पंचकोसी यात्रा के तो तमाम घरों में स्वपूजित मंदिर-विग्रग हैैं। इनमें से प्रमुख मंदिरों को संरक्षित किया जाएगा और अन्य को एक परिसर में शास्त्रोक्त विधि से स्थानांतरित कर दर्शन -पूजन की व्यवस्था की जाएगी। इसके लिए काशी विद्वत परिषद सोमवार को निरीक्षण-परीक्षण कर चुकी है। मंदिरों के संरक्षण के लिए श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर प्रशासन की ओर से देश भर से कंपनियों को आमंत्रित किया गया था। समिति में मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विशाल सिंह, डिप्टी कलेक्टर विनोद सिंह, अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी निखिलेश मिश्रा, कलाविद् प्रो. मारुति नंदन प्रसाद तिवारी, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के डा. विजय शंकर शुक्ल, क्षेत्रीय पुरातत्व अधिकारी डा. सुभाषचंद्र यादव, पत्रकार डा. पदमपति शर्मा, और पीएसपी कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर एसके प्रजापति हैैं। 


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