मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विपक्षी पार्टियों को भ्रष्टाचार व अराजकता को बढ़ावा देने वाला बताया
घोसी विधानसभा क्षेत्र उपचुनाव के प्रचार के लिए बुधवार की शाम को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कोपागंज पहुंचे।
मऊ, जेएनएन। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सपा, बसपा व कांग्रेस को परिवारवाद को बढ़ावा देने वाली पार्टी करार दिया। कहा कि इन पार्टियों ने अपने शासन काल में भ्रष्टाचार और अराजकता के नाम पर देश और प्रदेश के अंदर लूट की खुली छूट दे रखी थी। जबकि भाजपा के काल में प्रदेश प्रत्येक दिशा में आगे बढ़ रहा है, सरकार आमजन की समस्याओं को दूर करने में लगी है। वे बुधवार की शाम घोसी विधानसभा क्षेत्र के कोपागंज स्थित बापू इंटर कालेज के मैदान में चुनावी जनसभा को संबोधित कर रहे थे। क्षेत्रीय विधायक रहे फागू चौहान को बिहार का राज्यपाल बन जाने के बाद रिक्त हुई सीट पर उपचुनाव हो रहा है। उन्होंने पार्टी प्रत्याशी विजय राजभर को पार्टी और समाज के लिए समर्पित एक निष्ठावान कार्यकर्ता बताया।
निर्धारित समय से 1.37 घंटा विलंब से पहुंचे मुख्यमंत्री ने अपने 10 मिनट के संबोधन में सरकार की उपलब्धियां गिनाईं। उत्तर प्रदेश मेें कानून व्यवस्था पर कहा कि अपराधियों में पूरी तरह कानून का खौफ है। वे या तो जेल केे अंदर हैं या फिर जान की भीख मांग रहे हैं। प्रदेश में अराजकता और गुंडागर्दी के कोई जगह नहीं है। बिना नाम लिए सुहेलदेव भासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष को भी आड़े हाथों लिया। कहा कि सुहेलदेव के नाम पर राजभर मतों का लूटने का काम किया गया। जबकि भाजपा ने ही महाराजा सुहेलदेव का समुचित सम्मान किया है। हमने बहराइच में मेडिकल कॉलेज की स्थापना ही महाराजा सुहेलदेव के नाम पर की है, जिसमें प्रवेश भी शुरू हो गया है। उन्होंने आवास, शौचालय, विधवा, वृद्धा व दिव्यांग पेंशन, पीएम किसान सम्मान निधि सहित विभिन्न योजनाओं का नाम लिया। कहा कि हर व्यक्ति को इन योजनाओं का लाभ मिल रहा है। मुख्यमंत्री ने सभा में उमड़ी भीड़ को देख कहा कि भाजपा प्रत्याशी को लेकर जो उत्साह यहां दिख रहा है, वह स्वागत योग्य है। यह केवल भाजपा में ही संभव है कि चाय वाला प्रधानमंत्री और सब्जी बेचने वाले का बेटा भी भावी विधायक हो सकता है। सीएम ने कहा कि भाजपा सामान्य परिवार से जुड़े लोगों का सम्मान करती है। सामान्य परिवार से जुड़े दारा सिंह चौहान, फागू चौहान, अनिल राजभर जैसे नेता उच्च और सम्मानजनक पदों को प्राप्त करते हैं। यह सरकार जनता की भलाई के लिए संकल्पित है। गांव व शहर का विकास कर रही है। सभा को लगभग आधा दर्जन मंत्रियों व एक दर्जन से अधिक विधायकों ने संबोधित किया। अध्यक्षता जिलाध्यक्ष दुर्गविजय राय व संचालन उपाध्यक्ष गनेश सिंह ने किया।
यह क्या! मुख्यमंत्री सड़क मार्ग से जाएंगे बनारस....
यह क्या! मुख्यमंत्री सड़क मार्ग से बनारस जाएंगे। वह भी रात में। इसकी जानकारी होते ही प्रशासन व पुलिस अधिकारियों के तो मानों करेंट सा लग गया हो। जो जहां था, वह सीएम के पास पहुंचा। सड़क मार्ग से जाने के निर्णय की जानकारी होते ही आनन-फानन सारी व्यवस्था पूरी और सीएम का काफिला चल दिया वाराणसी की ओर। विधानसभा क्षेत्र घोसी के उप चुनाव के प्रचार के लिए कोपागंज स्थित बापू इंटर कॉलेज का मैदान। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को निर्धारित प्रोटोकाल के अनुसार अपराह्न 3.30 बजे पहुंचना था लेकिन बहराइच और आंबेडकर नगर की जनसभा की जनसभा के बाद मऊ शाम 5.12 मिनट पर पहुंचे। यानी एक घंटा, 37 मिनट विलंब से पहुंचे मुख्यमंत्री हेलीपैड से चार मिनट बाद ही 5.16 बजे मंच पर पहुंच गए। स्वागत की औपचारिकता पूरी होने के बाद 3.16 मिनट पर संबोधन और मात्र 10 मिनट के सारगर्भित संबोधन के बाद 5.16 पर सीएम ने कहा, अब देता हूं वाणी को विराम, जय-जय श्रीराम। उसके बाद अंधेरे के कारण सड़क मार्ग से बनारस जाने का प्रोग्राम। आनन-फानन कमांडो ने संभाल ली कमान और प्रशासन व पुलिस के अधिकारी हो लिए मुख्यमंत्री के काफिले के साथ।
हिचकोले खाते गाजीपुर से गुजरे मुख्यमंत्री
गाजीपुर : खराब सड़कों से जूझ रही पूर्वांचल विषकर गाजीपु की जनता के दर्द का एहसास मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को जरुर हुआ होगा। मऊ से गाजीपुर की सीमा में प्रवेश करने के बाद वाराणसी सीमा तक लगभग 85 किमी की दूरी है। एनएच-29 पर फोर लेन अभी निर्माणाधीन है। मऊ से गाजीपुर सीमा में मटेहूं के पास प्रवेश करते ही खराब सड़़क का सामना करना पड़ा। जंगीपुर से मरदह तक पुरानी सड़क को उखाड़ दिया गया है लेकिन अभी तक फोरलेन की सड़क भी अधूरी है़। ऐसे में यह काफी खराब हो गई है। मटेहूं के अलावा कैथवली, बरहीं, भड़सर और डाड़ी में सड़क ज्यादा खराब है। यहां मुख्यमंत्री के फ्लीट की रफ्तार काफी धीमी हो गई। सड़क के इस हालत पर मुख्यमंत्री निश्चित ही झल्लाए होंगे।
जंगीपुर से जिला मुख्यालय तक भी की सड़क भी ठीक नहीं है। पिछले कई दिन से इस पर जगह-जगह पैचिंग का कार्य चल रहा है जो गड्ढे भरने के लिए नाकाफी है। गाजीपुर शहर से आगे बढ़ने पर महाराजगंज तक भी जगह-जगह गड्ढों का सामना करना पड़ा। इसके बाद निर्मित फोरलेन से कुछ राहत जरुर मिली होगी। लेकिन नंदगंज के पास फिर सड़क काफी खराब हो गई है। सैदपुर से लेकर वाराणसी सीमा तक सड़क का बुरा हाल है। निर्माणाधीन फोरलेन से हालत और खराब हो गई है। पुरानी सड़क तोड़ दी गई है और नई अभी बनाई जा रही है। मुख्यमंत्री के फ्लीट को पास करा ने के लिए मऊ से लेकर वाराणसी की सीमा तक बड़े वाहनों का आवागमन पूरी तरह रोक दिया गया। जो जहां था उसे वहीं खड़ा करा दिया गया।
हिचकोले खाने के बाद सीएम ने बुलाई सड़क से जुड़े विभागों की बैठक
मऊ में चुनावी जनसभा के दौरान ही अंधेरा होने से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सड़क मार्ग से वाराणसी आना पड़ा। लगभग सवा सौ किलोमीटर लंबी निर्माणाधीन वाराणसी-गोरखपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर यात्रा कर मुख्यमंत्री को आमजन के कष्टों का अहसास हुआ। इस दौरान सीएम सड़क की हालत पर चिंतित दिखे। गाजीपुर से वाराणसी आकर रात करीब दस बजे सर्किट हाउस में अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों से बैठक की। इसमें विकास योजनाओं की समीक्षा के साथ ही कई जरूरी दिशा निदेश भी दिए।
आम आदमी की तकलीफ को महसूस करते हुए मुख्यमंत्री ने वाराणसी से लौटने के बाद लखनऊ में गुरुवार की शाम 5.30 बजे सड़क निर्माण से संबंधित विभागों के साथ बैठक करने का निर्णय लिया। इसमें प्रदेश की सड़कों को गड्ढा मुक्त किए जाने की स्थिति व भविष्य की कार्य योजना की समीक्षा करेंगे। दरअसल, अंधेरा होने के कारण हेलीकाप्टर उड़ान नहीं भर सका और मुख्यमंत्री का काफिला मऊ से सड़क मार्ग से वाराणसी के लिए निकला। गाजीपुर की सीमा में प्रवेश करते ही निर्माणाधीन राष्ट्रीय राजमार्ग पर उड़ती धूल में हेडलाइट के धुंधलेपन से काफिले की रफ्तार कम हो गई। सभा शाम लगभग 5.42 पर समाप्त हो गई थी। सड़क मार्ग से जाने पर पुलिस व प्रशासनिक महकमा हांफने लगा। आनन-फानन पुलिस व पीएसी के जवान सड़क के किनारे आ गए। पूरे रास्ते एक सौ से दो सौ मीटर की दूरी पर पुलिस के जवान खड़े रहे। चट्टी-चौराहों पर सब इंस्पेक्टर सहित कई दर्जन पुलिस तैनात रहे। सभी बड़े व छोटे वाहनों को किनारे खड़ा करवा दिया जा रहा था। कुछ जगहों से पशुओं को हटाने के लिए पुलिस को मशक्कत करनी पड़ी। सीएम के काफिले में करीब डेढ़ दर्जन वाहन शामिल थे। गाजीपुर के नवागत जिलाधिकारी ओमप्रकाश आर्य मुख्यमंत्री के काफिले के काफी आगे-आगे चल रहे थे।