Move to Jagran APP

जीना इसी का नाम है : 65 वर्ष की आयु तक डेढ़ सौ से अधिक बार रक्तदान करने का संकल्प

अगर इस एक बार नेक कार्यों में रम गया तो ता उम्र उसके लिए जीवन का मकसद बन सकता है। इसको कर साबित कर दिखाया है शहर के सिगरा निवासी प्रदीप इसरानी ने।

By Vandana SinghEdited By: Published: Thu, 13 Jun 2019 05:49 PM (IST)Updated: Fri, 14 Jun 2019 06:11 PM (IST)
जीना इसी का नाम है : 65 वर्ष की आयु तक डेढ़ सौ से अधिक बार रक्तदान करने का संकल्प

वाराणसी, [मुकेश चंद्र श्रीवास्तव]। ललक और जुनून को उम्र की सीमा में नहीं बांधा जा सकता है। बस इसके रास्ते नेक एवं समाज के लिए समर्पित हो। क्षेत्र कोई भी हो, बस समाज के लिए कुछ कर गुजर जाने के लिए संकल्प होना चाहिए। अगर इस एक बार नेक कार्यों में रम गया तो ता उम्र उसके लिए जीवन का मकसद बन सकता है। इसको कर साबित कर दिखाया है शहर के सिगरा निवासी प्रदीप इसरानी ने। उन्होंने ठान लिया है कि ता उम्र रक्तदान के प्रति समर्पित रहेंगे। तभी तो वे 54 साल के उम्र में भी हर तीन माह बाद निरंतर रक्तदान कर रहे हैं। अब तक वह 112 बार रक्तदान कर चुके हैं और विश्व रक्तदाता दिवस पर 14 जून को 113वीं बार यह नेक कार्य करने वाले हैं।

loksabha election banner

रक्तदान के लिए स्वस्थ रहना भी जरूरी : डब्ल्यूएचओ के मानकों के अनुसार कोई भी व्यक्ति स्वस्थ रहते हुए अधिकतम 65 वर्ष की आयु तक ही रक्तदान कर सकता हैं। प्रदीप का लक्ष्य है निर्धारित इस उम्र के पड़ाव के अंत तक ब्लड डोनेट करेंगे। वह अपने आपको इस लिए भी फिट रखकर चल रहे हैं ताकि वे डेढ़ सौ से अधिक बार रक्तदान कर सके। अब तो उन्होंने 'गिव ब्लड ए चांस' ग्रुप भी बना लिया है, जिसके माध्यम से पांच अगस्त 2018 से अब तक करीब 900 यूनिट रक्त एकत्रित कर सरकारी अस्पतालों को दान भी कर चुके हैं।

विश्व रिकार्ड तोडऩे का भी जुनून : सबसे अधिक बार रक्तदान करने का विश्व रिकार्ड 144 बार का है। वहीं भारत में सबसे अधिक बार रक्तदान का रिकॉर्ड 128 यूनिट और एशिया का रिकार्ड 132 यूनिट का है। प्रदीप का मानना है कि अभी वह करीब 11 साल तक रक्तदान कर सकते हैं। अगर ऐसा होता है तो वे 156 बार रक्तदान कर सारे रिकार्ड को तोड़ सकते हैं। हालांकि कोई भी व्यक्ति एक साल में अधिकतम चार बार ही रक्तदान कर सकता है। यहीं नहीं उनकी बेटी तुनिष्का 12, बेटा फेम इसरानी दो और पत्नी नीशा इसरानी सात बार रक्तदान कर चुकी हैं।

तब जाकर घर वाले माने : प्रदीप ने बताया कि पहले जब रक्तदान कर घर आते थे तो मां और बड़े भाई डांटते थे। एक बार भाभी की तबीयत बिगड़ गई। तब प्रदीप और उनके दोस्तों ने खून देकर उनकी जान बचाई थी। इसके बाद मां और भाई का नजरिया बदला और आज इस पुण्य कार्य में प्रदीप का पूरा परिवार सहयोग करता है।

रक्तदान के फायदे ही फायदे

- अगर आप एक बार रक्तदान करते हैं तो चार लोगों को नई जिंदगी देते हैं। कारण कि एक यूनिट खून में चार कंपोनेंट (पलेटलेट्स, पीआरबीसी, फ्रेश फ्रोजेन प्लाल्मा, प्रायोपेसीटेंड) तैयार किए जाते हैं। यहीं नहीं रक्तदान के बाद ब्लड बैंक में आधुनिक मशीनों से फ्री में कई बीमारियों की भी जांच हो जाती है और आपकी पूरी बॉडी की भी स्क्रीनिंग कर ली जाती है। इससे पता चल जाता है कि आपके खून में रिएक्शन आदि की कमियां तो नहीं है।

इनके काम आता है आपका दिया खून

-प्रसव के दौरान मां के लिए।

- नवजात शिशु का रक्त बदलने के लिए।

- सड़क दुर्घटना या अन्य आपदा में घायलों के लिए।

- हृदय रोग, अंग प्रत्यारोपण व अन्य आपरेशन के लिए।

- थैलेसीमिया, हिमोफीलिया, कैंसर आदि के मरीजों को।

रक्तदान के लिए इस पर दें ध्यान

- रक्तदान आसान एवं सुरक्षित प्रक्रिया है।

- स्वस्थ व्यक्ति ही रक्तदान कर सकता है, जिनकी उम्र 18 से 65 वर्ष तक हो।

- रक्तदाता की हीमोग्लोबीन 12.5 एवं वजन 45 किग्रा से कम नहीं होना चाहिए।

- रक्तदान में कम से कम तीन माह का अंतर होना चाहिए।

रक्तदान के बाद इस पर ध्यान दें

- 24 घंटे तक धूम्रपान, तंबाकू, शराब का इस्तेमाल नहीं करें।

- 24 घंटे तक कोई भारी वजन नहीं उठाएं, खासकर जिस हाथ से खून निकाला गया हो।

- अगले दो घंटे तक साइकिल, बाइक नहीं चलाएं।

- सामान्य से 4-5 लीटर अतिरिक्त पानी पीएं।

- तीन घंटे तक धूप में नहीं निकलें।

- पौष्टिक एवं स्वस्थ आहार अवश्य लें, खाली पेट नहीं घूमें।

लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.