Varanasi Chowkaghat Flyover का मरम्मत शुरू, आए दिन हादसे होने पर यातायात विभाग ने जताई थी नाराजगी
वाराणसी के चौकाघाट फ्लाइओवर पर जगह-जगह हुए गड्ढे को भरने का काम शुरू हो गया है। साथ ही चौकाघाट की तरफ दलदल जमीन की मिट्टी निकालकर उसमें बालू और बोल्डर भरा जा रहा है। उसके बाद सड़क बनाई जाएगी।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। चौकाघाट फ्लाइओवर पर जगह-जगह हुए गड्ढे को भरने का काम शुरू हो गया है। साथ ही चौकाघाट की तरफ दलदल जमीन की मिट्टी निकालकर उसमें बालू और बोल्डर भरा जा रहा है। उसके बाद सड़क बनाई जाएगी। सड़क पर गड्ढे होने के चलते आए दिन लोग गिरकर चोटिल हो रहे थे। हादसे होने यातायात विभाग ने भी आपत्ति जताई थी। दैनिक जागरण ने 10 सितंबर के अंक में चौकाघाट फ्लाईओवर पर लापरवाही के गड्डे खबर लिखकर सतु निगम को कटघरे में खड़ा किया था।
चौकाघाट फ्लाईओवर का एक लेन संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय लकड़ी मंडी से लहरतारा तक है। रेलवे लाइन की तरफ दूसरा लेन अंधरापुल से लहरतारा तक है। यह लेन बाद में बना है। इस लेन में जगह-जगह कई गड्ढे हो गए थे। पांच सितंबर को मुख्यमंत्री के आने से पहले मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल ने बैठक कर अधिकारियों को निर्देश दिया था कि अपने-अपने विभाग के परियोजनाओं को हरहाल में समय से पूरा कराएं। साथ ही सड़कों, फ्लाइओवर समेत अन्य कार्यों की मरम्मत करा लें जिससे आमजन को कोई परेशानी नहीं हो। कोई कमी मिलने पर संबंधित विभाग के अधिकारी खुद जिम्मेदार होंगे। सेतु निगम ने अपनी रिपोर्ट दी कि फ्लाईओवर की सड़क सही है, कहीं टूटी नहीं है। मामला उजागर होने पर मंडलायुक्त ने नाराजगी जाहिर करते हुए सेतु निगम को तत्काल चौकाघाट फ्लाईओवर की मरम्मत कराने का निर्देश दिया है।
चौकाघाट फ्लाईओवर निर्माण के दौरान चौकाघाट की तरफ सड़क ठीक से नहीं बनाई गई। दलदल जमीन में रैंप बना दिया गया जिससे आए दिन सड़क टूट जा रही थी। दलदल स्थल से पूरी मिट्टी निकाल बालू भरने के बाद बोल्डर डाला जा रहा है। उसके बाद सड़क बनाई जाएगी जिससे खराब नहीं हो।
-ज्ञानेंद्र वर्मा, सहायक अभियंता-सेतु निगम
47 मीटर कम कर दी आशापुर आरओबी की लंबाई
आशापुर रेलवे ओवर ब्रिज (आरओबी) में भ्रष्टाचार का जिन अब बाहर निकलने लगा है। आरोप है कि राजकीय सेतु निगम ने 681 मीटर लंबे आरओबी को 47 मीटर कम 635 मीटर बना दिया है। साथ ही उसके निर्माण में धांधली हुई है। शिकायत पर सोमवार को राजकीय सेतु निगम के अभियंता मौके पर जांच करने पहुंचे। मौके पर जेसीबी से तीन स्थानों पर खोदाई कर उसकी गुणवत्ता को परखे। साथ ही अलग-अलग गड्ढों से नमूने भी लिए। आरओबी बनने के साथ जगह-जगह सड़क बैठने और गिट्टी उखडऩे को लेकर सेतु निगम कटघरे में खड़ा है। तीन साल में बनकर तैयार आशापुर आरओबी की गुणवत्ता को लेकर निर्माण के दौरान से सवाल उठते रहे हैं।