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'वर्ल्ड हाइपरटेंशन डे' : आयुर्वेद और संयमित जीवन शैली से करें ब्लड प्रेशर की समस्‍या दूर

अत्यधिक मानसिक तनाव से आजकल हैपरटेंशन यानी उच्च रक्तचाप महामारी की तरह फैल रहा है।

By Vandana SinghEdited By: Published: Thu, 16 May 2019 05:51 PM (IST)Updated: Fri, 17 May 2019 04:54 PM (IST)
'वर्ल्ड हाइपरटेंशन डे' : आयुर्वेद और संयमित जीवन शैली से करें ब्लड प्रेशर की समस्‍या दूर
'वर्ल्ड हाइपरटेंशन डे' : आयुर्वेद और संयमित जीवन शैली से करें ब्लड प्रेशर की समस्‍या दूर

वाराणसी [कृष्‍ण बहादुर रावत]। भागदौड़ भरी दिनचर्या, जंक फूड का लगातार सेवन, खेलने की आदत छोड़ना, टीवी या मोबाइल पर अधिक समय व्यतीत करना, अत्यधिक मानसिक तनाव से आजकल हैपरटेंशन यानी उच्च रक्तचाप महामारी की तरह फैल रहा है। कोई भी ऐसा घर नहीं है जिसमे हाइपरटेंशन के रोगी नही हो। यह रोग इतने चुपके से आता है की किसी को पता ही नहीं चलता है इसलिए इसे साइलेंट किलर भी कहा जाता है। उच्च रक्तचाप के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए वर्ल्ड हाइपरटेंशन लीग (डब्ल्यूएचएल) द्वारा 2005 से ही विश्व हाइपरटेंशन दिवस  प्रत्येक वर्ष 17 मई को मनाया जाता है।

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आयुर्वेद में हैपरटेंशन से बचाव के लिए बहुत सी औषधियों का उल्लेख है जिनके बारे में बता रहे है चौकाघाट स्थित राजकीय स्नातकोत्तर आयुर्वेद महाविद्यालय एवं चिकित्सालय, वाराणसी के कायचिकित्सा एवं पंचकर्म विभाग के वैद्य डॉ अजय कुमार।

डब्ल्यूएचओ और जर्नल ऑफ हाइपरटेंशन द्वारा प्रकाशित आकड़ो के मुताबिक 40 फीसदी शहरी आबादी और 17 फीसदी ग्रामीण आबादी उच्च रक्तचाप से पीडि़त है। बीमारी से पीडि़त लोगों में 23.5 फीसदी पुरुष और 22.60 फीसदी महिलाएं हैं। दुनिया भर में होने वाली मौतों में उच्च रक्तचाप की हिस्सेदारी करीब 13 फीसदी है। अधिकतर मामलों में ब्लड प्रेशर बढ़ने के कोई निश्चित कारण नहीं हैं।  इसे ही प्राइमरी हाइपरटेंशन कहते है। प्राइमरी हाइपरटेंशन के विपरीत, कुछ मामलों में किडनी डिजीज, एंड्रोक्राइन प्रॉब्लम्स, मधुमेह आदि रोग कारण होते है। इसे सेकेंडरी हाइपरटेंशन के रूप में जाना जाता है।

उच्च रक्तचाप के लक्षण

सामान्यतः प्रारंभ में इस रोग के कोई लक्षण नही होते है। लेकिन कुछ लोगो को उच्च रक्तचाप के लक्षणों में सिरदर्द, सांस लेने में तकलीफ, चक्कर आना, छाती में दर्द आदि की शिकायत आना शामिल है।

उच्च रक्तचाप के कारण क्या है

1. अत्यधिक मात्रा में नमक का सेवन।

2. ध्रूमपान और शराब का सेवन।

3. महिलाओं में हॉर्मोन के बदलाव के कारण।

4. किसी विशेष दवाई के कारण।

5. रात को देर तक जागने के कारण।

6. अत्यधिक मानसिक तनाव।

7. मोटापे के कारण

क्या है हाइपरटेंशन से बचने के उपाय

हाइपरटेंशन मूल रूप से लाइफ स्टाइल जन्य बीमारी है। इसका मतलब अगर हम अपने लाइफ स्टाइल को सहि कर ले तो इसपर नियंत्रण पाया जा सकता है। आइये देखते है किन उपायों से इसे नियंत्रित किया जा सकता है।

1. हाइपरटेंशन का सबसे प्रमुख कारण  है तनाव । तनाव को दूर करने के लिए योग, प्राणायाम और योगनिद्रा के अलावा अनुलोम-विलोम का प्रयोग भी कर सकते हैं।

2. इसके रोगियो को कम नमक वाली चीज़ें ही खाना चाहिए।हो सके तो सेंधा नमक का प्रयोग करें।

3. खाने में सब्ज़ियों और फलों की मात्रा बढ़ाना भी फायदेमंद होते हैं।

4. डिब्बा बंद, बासी, ज़्यादा तला हुआ, मिर्च-मसालेदार खाना का सेवन नहीं करना चाहिए।

5. खुद को तनावमुक्त और शांत रखने के लिए नियमित रूप से सुबह टहलने के लिए जाएं।

6. चिंता, भय और क्रोध से खुद को दूर रखें।

आयुर्वेद में क्या है इलाज़

1. अर्जुन का क्षीरपाक लेने से लाभ मिलता है।  क्षीरपाकअर्जुन की छाल का 10 ग्राम चूर्ण, 100 मिली दूध और100 मिली पानी में पकाते हैं। जब सिर्फ दूध बच जाए तब ठंडा करके, छान कर इसे पीते हैं।

2. लहसुन की दो या तीन कलियों को सुबह खाली पेट पानी के साथ चबाकर खाना चाहिए।

3. शंखपुष्पी, ब्राम्ही, सर्पगन्धा के चूर्ण के नियमित सेवन से ब्लड प्रेशर कम होता है।

4. शिरोबस्ति और शिरोधारा पंचकर्म से लाभ मिलता है।

5. चंद्रकला रस, प्रवाल पंचामृत आदि औषधियों से भी लाभ मिलता है लेकिन इसे किसी योग्य वैद्य की सलाह से ही लेना चाहिए।

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