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लाल लंगोट-लाल निशान, जय बजरंगी-जय हनुमान के जयकारे से पूरा आसमान गूंज उठा

नगर में शुक्रवार को लाल लंगोट-लाल निशान जय बजरंगी-जय हनुमान के जयकारे से पूरा आसमान गूंज उठा था। मौका था हनुमान जयंती का।

By Edited By: Published: Sat, 20 Apr 2019 01:46 AM (IST)Updated: Sat, 20 Apr 2019 01:47 AM (IST)
लाल लंगोट-लाल निशान, जय बजरंगी-जय हनुमान के जयकारे से पूरा आसमान गूंज उठा
लाल लंगोट-लाल निशान, जय बजरंगी-जय हनुमान के जयकारे से पूरा आसमान गूंज उठा

वाराणसी, जेएनएन। नगर में शुक्रवार को लाल लंगोट-लाल निशान, जय बजरंगी-जय हनुमान के जयकारे से पूरा आसमान गूंज उठा था। मौका था हनुमान जयंती का। सभी हनुमान मंदिरों में धूमधाम से आयोजन हुए। बजरंगबली की आराधना के लिए श्रद्धालु उमड़ पड़े। प्रभातफेरी में जनसैलाब उमड़ा तो भव्य झांकियां आकर्षण का केंद्र बनीं। ढोल-मजीरे पर भक्ति गीतों की प्रस्तुति हुई तो बैंड-बाजा की धुन पर झूमते-नाचते लोगों ने हनुमत दरबार तक पहुंचकर मत्था टेका। श्री हनुमान ध्वजा प्रभातफेरी समिति के तत्वावधान में निकलने वाली प्रभातफेरी को लेकर दुर्गाकुंड धर्मसंघ के मुख्य द्वार पर स्थित क्षेत्रपालेश्वर महादेव मंदिर पर सुबह छह बजे से भक्त एकत्र होने लगे थे। 11 पंडितों ने सभी देवताओं की महाआरती की और ज्योति जलाकर गणेश वंदना कर हनुमान चालीसा पाठ किया गया। मुख्य अतिथि आचार्य चंद्रमौलि उपाध्याय, योगीराज विजय कुमार मिश्र व पूर्व विधायक अजय राय ने पूजन-अर्चन कर भक्तों को ध्वजा देकर यात्रा का शुभारंभ किया।

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विश्वनाथ अग्रवाल मंगल ज्योति लेकर चल रहे थे। 21 फीट ऊंची पताका को विनोद मारू व नारायण लखोटिया लेकर चल रहे थे। एक बग्घी पर योगगुरु विजय प्रकाश मिश्र विराजमान थे। श्रीगणेश स्वरूप सबसे आगे थे। 201 महिलाएं आरती की सजी थाली लेकर चल रही थीं। भक्त भरत सराफ, अनूप सराफ, सूर्योदय शास्त्री आदि भजनों की प्रस्तुति कर रहे थे। प्रभातफेरी में 1100 लाल पताका भक्तगण लिए हुए थे। जय श्रीकृष्णा परिवार की 30 महिलाएं दो पहिया वाहनों से प्रभातफेरी का संचालन करती रहीं। रास्ते भर लोगों ने पुष्प वर्षा की। पानी का छिड़काव हो रहा था। गन्ने का रस पिलाया जा रहा था। दो ऊंट, दो घोड़े आदि साथ में चल रहे थे। प्रभातफेरी गुरुधाम, रवींद्रपुरी, दुर्गाकुंड, त्रिदेव मंदिर पहुंची वहा पर श्रीराणी सती श्याम सेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष भरत सराफ व मंत्री राधे गोविंद केजरीवाल आदि ने पुष्प वर्षा कर स्वागत किया।

प्रभु की महाआरती के बाद प्रभातफेरी श्रीसंकट मोचन पहुंची, जहा भक्तों ने प्रभु के चरणों में ध्वजा चढ़ाया। मंदिर में राम दरबार की बैठकी लगी जहा राम, लक्ष्मण, सीता, भरत, शत्रुघ्न, हनुमान, दशरथ विराजमान थे। उनकी आरती उतारी गई। सामूहिक हनुमान चालीसा का पाठ हुआ। प्रसाद में 11 मन लड्डू प्रभु को चढ़ाया गया। संकट मोचन मंदिर के महंत विश्वंभरनाथ मिश्र के सानिध्य में अनुष्ठान संपन्न हुआ। भिखारीपुर से निकली विशाल हनुमान ध्वजा यात्रा पूर्वाचल के कई जिलों जैसे अदलपुरा, कनकसराय, मीरजापुर, रामसिंहपुर, कोनियां, डाफी, सुंदरपुर, खोजवां, जानकी नगर, शिवरतनपुर, जलाली पट्टी, अहमदाबाद, गुजरात आदि से ध्वजा लेकर भक्तगण भिखारीपुर पहुंचे। 60 फीट लंबे मुख्य रथ पर श्रीसंकट मोचन मंदिर की प्रमुख कीर्तन मंडली ने राम दरबार की झांकी के सम्मुख भजनों से राम नाम की अमृत वर्षा की। ध्वजा यात्रा एक दिन पहले ही करीब 40 किलोमीटर दूर कनकसराय व रामसिंहपुर कार्यालय से प्रारंभ हुई जिसमें सैकड़ों भक्त पैदल चलकर भिखारीपुर तिराहे पर पहुंचे थे।

रात्रि विश्राम के बाद सुबह मुख्य शोभायात्रा में सम्मिलित होकर श्रीसंकट मोचन दरबार को प्रस्थान किए। शोभायात्रा में 201 आरती की थालियों संग हजारों महिलाओं का हुजूम राम नाम व महाबली हनुमान के भजनों पर थिरकते हुए श्रीसंकट मोचन दरबार में हाजिरी लगाई। छोटे बड़े कुल मिलाकर 11 हजार ध्वज पताकाओं को प्रभु के चरण में अर्पित किया गया। ध्वज यात्रा में करीब 50 हजार भक्तगत शमिल हुए। शोभायात्रा की लंबाई करीब डेढ़ से दो किलोमीटर रही। श्रीहनुमत सेवा समिति परिवार की तरफ से बाबा को सवा 11 मन प्रसाद चढ़ाया गया। यात्रा का समापन मंदिर के महंत प्रो. विश्वंभरनाथ मिश्र के हाथों से भक्तों में प्रसाद वितरण के बाद हुआ। ध्वजा यात्रा का संयोजन रामबली मौर्या ने किया। इस दौरान भीड़ को देखते हुए यातायात प्रतिबंधित कर दिया गया था


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