Varanasi सहित पांच जिलों के करीब चार लाख परीक्षार्थियों को राहत, व्यावसायिक कोर्सों में बढ़ी शुल्क हुई वापस
महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ ने व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में बढ़ी परीक्षा शुल्क वापस ले ली जिससे वाराणसी चंदौली भदोही मीरजापुर व सोनभद्र के चार लाख परीक्षार्थियों को राहत मिल गई।
वाराणसी, जेएनएन। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ ने व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में भी बढ़ी हुई परीक्षा शुल्क वापस ले ली है। इससे पहले विद्यापीठ की वित्त समिति की स्नातक की बढ़ी हुई परीक्षा शुल्क वापस ली थी। शुल्कों में कटौती सत्र 2019-20 से ही प्रभावी होगा। विद्यापीठ के इस फैसले से वाराणसी, चंदौली, भदोही, मीरजापुर व सोनभद्र के करीब चार लाख परीक्षार्थियों को राहत मिल गई।
शुल्क वृद्धि को लेकर स्ववित्तपोषित महाविद्यालयों के प्रबंधकों ने गत 16 जनवरी को परिसर में जमकर हंगामा किया था। यही नहीं निजी कालेज शुल्क वृद्धि के विरोध में न्यायायलय की शरण में चले गए थे। हाईकोर्ट के निर्देश पर विद्यापीठ की वित्त समिति ने मार्च में बैठ कर स्नातक की वार्षिक परीक्षा की बढ़ी हुई परीक्षा शुल्क वापस ले ली थी। उस समय व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के शुल्क वृद्धि को लेकर कोई फैसला नहीं हो सका था। हाल में एक सप्ताह से छात्र स्नातकोत्तर व व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में भी शुल्क वृद्धि वापस करने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन पर दबाव बनाए हुए थे।
इस क्रम में गुरुवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े विद्यापीठ के छात्रों ने भी कुलपति को पत्रक सौंपा। इसमें छात्रों ने शुल्क वृद्धि वापस न करने पर आंदोलन की चेतावनी भी दी थी। बहरहाल कुलसचिव डा. एसएल मौर्य ने शुल्क वृद्धि वापस लेने का आदेश जारी कर दिया है। उधर पत्रक सौंपने वालों में परिषद के महानगर मंत्री कुंवर ज्ञानेंद्र, शिवम शाह, कुंदन मिश्र, गौरव मालवीय, आशीष सहित अन्य लोग शामिल थे।
महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ की ओर से ओएमआर शीट से परीक्षा कराने और फीस बढ़ोतरी के विरोध में छात्रों का आक्रोश बढ़ता जा रहा था। महाविद्यालय प्रशासन ने समझाने का प्रयास किया लेकिन छात्र नहीं माने। अब विद्यापीठ प्रशासन ने व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में भी बढ़ी हुई परीक्षा शुल्क वापस ले ली है।
घटी हुई परीक्षा शुल्क इस प्रकार है-
- 1250 रुपये स्नातक
- 1500 रुपये स्नातकोत्तर
- 1875 बीएड, एलएलबी, बीपीएड
- 2000 एमएड, एलएलएम व एमपीएड