शोहदों पर कसिए लगाम, कप्तान साहब ; बनारस में एक साल में महिला उत्पीडऩ के पांच सौ अधिक मामले दर्ज
एक साल में महिला उत्पीडऩ के मामलों का आंकड़ा पांच सौ से अधिक है। जनवरी से जुलाई तक ही अपहरण के 103 मामले सामने आए थे।
वाराणसी, जेएनएन। रोहनिया के मनचले पर उसके परिवार का कोई जोर नहीं था। शह मिली तो गांव का प्रतिनिधि भी उसी का साथ देता रहा जिससे शोहदे ने हद पार करते हुए नाबालिग छात्रा को अपने घर में ही बंधक बना लिया। यह कोई पहला मामला नहीं है। पुलिस का आंकड़ा ही बता रहा कि अब तक छेड़खानी के 20 से अधिक मामले दर्ज हो चुके हैं। ये वो आंकड़ें है जो पीडि़त परिवार की जिद के चलते पुलिस को अपने यहां दर्ज करने पड़े। हकीकत में आंकड़ा कुछ और ही है।
एक साल में महिला उत्पीडऩ के मामलों का आंकड़ा पांच सौ से अधिक है। जनवरी से जुलाई तक ही अपहरण के 103 मामले सामने आए थे। पूरे साल का आंकड़ा दो सौ के पार हो चुका है। शोहदे के आतंक से छात्रा के स्कूल छोडऩे का मामला नया नहीं है। इसके पहले सिगरा में हाईस्कूल की एक छात्रा ने पड़ोस के मनचले के चलते स्कूल जाना बंद कर दिया था। बीते साल लंका क्षेत्र की एक युवती जो कालेज से पढ़ाई कर रही थी, उसने कालेज जाना बंद कर दिया था।
पड़ोसी ही निकल रहे हैवान
छेड़खानी के अधिकतर मामले पड़ोस, मुहल्ले से जुड़े रहते हैं। अधिकतर घटनाओं में पड़ोस और मुहल्ले के ही मनचलों का नाम सामने आता है।
एंटी रोमियो स्क्वाएड की कार्रवाई प्रभावी नहीं
सरकारी रिकार्ड में भले ही एंटी रोमियो स्क्वाएड के निशाने पर शहर के 64 हजार से अधिक मनचले हैं लेकिन उनपर प्रभावी कार्रवाई नहीं हो पाती। कुछ मामलों में परिजनों की अनदेखी भी युवतियों के लिए भारी पड़ रही है।