अपग्रेड होगा विश्वविद्यालय अधिनियम, संशोधन के लिए क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी नोडल अधिकारी नामित
उप्र राज्य विश्वविद्यालय अधिनियम को संशोधित कर अपग्रेड करने का तैयारी चल रही है। अनुपयोगी नियम हटाए जाएंगे साथ ही वर्तमान परिप्रेक्ष्य के अनुरूप कुछ प्रावधान जोड़े जाएंगे। विश्वविद्यालय अधिनियम- परिनियम की व्यापक स्तर पर 45 साल में पहली बार समीक्षा होने जा रही है।
वाराणसी, जेएनएन। उप्र राज्य विश्वविद्यालय अधिनियम को संशोधित कर अपग्रेड करने का तैयारी चल रही है। अनुपयोगी नियम हटाए जाएंगे, साथ ही वर्तमान परिप्रेक्ष्य के अनुरूप कुछ प्रावधान जोड़े जाएंगे। विश्वविद्यालय अधिनियम- परिनियम की व्यापक स्तर पर 45 साल में पहली बार समीक्षा होने जा रही है। इसके लिए उच्च शिक्षा (प्रयागराज) निदेशक डा. अमित भारद्वाज ने वाराणसी के क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी को नोडल अधिकारी नामित किया है, ताकि नए सिरे से राज्य विश्वविद्यालय अधिनियम बनाया जा सके।
अभी विश्वविद्यालयों का संचालन राज्य विश्वविद्यालय अधिनियम-1973 के तहत होता है, जो वर्ष 1975 से प्रभावी है। इसमें समय-समय पर तमाम संशोधन किए गए हैं। निष्प्रयोज्य होने के बावजूद अधिनियम में उनका अस्तित्व बना हुआ है, जबकि वर्तमान परिप्रेक्ष्य में उन नियमों की महत्ता नहीं है। दूसरी ओर निजी विश्वविद्यालयों की भी संख्या दिनोंदिन बढ़ती जा रही है। वर्तमान सत्र में निजी विश्वविद्यालय 36 से बढ़कर 45 हो गए हैं। इसके अलावा 18 राज्य विश्वविद्यालय हैं। इस प्रकार सूबे में 63 विश्वविद्यालयों के लिए एकीकृत नियम बनाने की तैयारी है।
अधिनियम की समीक्षा के लिए जल्द समिति गठित होगी
अधिनियम की समीक्षा के लिए जल्द समिति गठित होगी। इसमें विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों के वरिष्ठ विधि अध्यापक शामिल किए गए हैं। व्यापक अध्ययन कर उच्च शिक्षा को रिपोर्ट भेजी जाएगी।
- डा. ज्ञान प्रकाश वर्मा, नोडल सह क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी