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Chandauli जिले में खरमास में आई रजिस्ट्री में कमी, रोजाना 10 लाख राजस्व का नुकसान

खरमास में मांगलिक कार्यक्रम बंद होने का असर जमीन की रजिस्ट्री पर पड़ा है। जमीन की खरीद और बिक्री घटकर आधी हो गई है। रोजाना मात्र 25 से 30 रजिस्ट्रियां ही हो रही हैं। इससे 10 लाख रुपये राजस्व का नुकसान हो रहा है।

By Abhishek sharmaEdited By: Published: Sun, 10 Jan 2021 07:05 AM (IST)Updated: Sun, 10 Jan 2021 02:12 PM (IST)
Chandauli जिले में खरमास में आई रजिस्ट्री में कमी, रोजाना 10 लाख राजस्व का नुकसान
खरमास में मांगलिक कार्यक्रम बंद होने का असर जमीन की रजिस्ट्री पर पड़ा है।

चंदौली, जेएनएन। खरमास में मांगलिक कार्यक्रम बंद होने का असर जमीन की रजिस्ट्री पर पड़ा है। जमीन की खरीद और बिक्री घटकर आधी हो गई है। रोजाना मात्र 25 से 30 रजिस्ट्रियां ही हो रही हैं। इससे 10 लाख रुपये राजस्व का नुकसान हो रहा है। 15 जनवरी के बाद जमीन की खरीद-फरोख्त बढऩे की उम्मीद है। खरमास में मांगलिक कार्यक्रम बंद होने से लोग जमीन खरीदने अथवा बेचने से परहेज कर रहे हैं। 15 जनवरी के बाद रजिस्ट्री में तेजी की उम्मीद है। 

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नोटबंदी के बाद से ही जमीन की खरीद-फरोख्त काफी कम हो गई। नकदी के लेन-देन और इसका रिकार्ड दिखाने से बचने के लिए बिल्डर व प्लांङ्क्षटग करने वाले पीछे हट गए तो छिटपुट व कम मालियत की रजिस्ट्री से ही विभाग को राजस्व कमाना पड़ रहा है। कोरोना काल में दो माह तक दफ्तर बंद रहा। इस दौरान रजिस्ट्री की प्रक्रिया शून्य रही। वहीं दफ्तर खुला तो अगस्त माह से जमीन की खरीद-फरोख्त में तेजी आई। हालांकि पहले वाली स्थिति तो नहीं है फिर भी रोजाना 40 से 50 रजिस्ट्री होती थी। इससे विभाग को करीब 25 लाख रुपये नियमित राजस्व की प्राप्ति हो रही थी। खरमास में यह प्रक्रिया घटकर न्यूनतम स्तर पर पहुंच गई है। फिलहाल 16 दिसंबर के बाद से रजिस्ट्री में करीब 40 फीसद गिरावट आई है। इस समय 25 से 30 कम मालियत वाली रजिस्ट्रियां हो रही हैं। इससे राजस्व घटकर 17 लाख के करीब पहुंच गया है। प्रशासन को अभी तक ढाई करोड़ राजस्व का नुकसान हो चुका है। 

नंबर सिस्टम से भी रजिस्ट्री में कमी

कोरोना काल में संक्रमण से बचने और लोगों का समय बचाने के उद्देश्य से शासन ने नंबर के अनुसार जमीन की रजिस्ट्री का प्रविधान कर दिया है। रजिस्ट्री कराने के लिए लोगों को नंबर लेना पड़ रहा है। निर्धारित तिथि व समय पर ही जमीन की रजिस्ट्री कराई जा रही है। कई लोग नंबर लेकर समय पर नहीं पहुंच पाते। इससे उनके लिए निर्धारित समय ऐसे ही बर्बाद हो जाता है और दूसरों की रजिस्ट्री नहीं हो पाती है। 

बोले अधिकारी

खरमास में जमीन की रजिस्ट्री कम हुई है। पहले 40 से 50 बैनामे होते थे। इस समय यह आंकड़ा 25 से 30 का है। राजस्व में रोजाना करीब 10 लाख की कमी आई है। 15 जनवरी के बाद रजिस्ट्री बढऩे की उम्मीद है।

- रामसुंदर यादव, सहायक निबंधक रजिस्ट्रार 


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