तनाव दूर और आंखों को भरपूर रोशन करेगी लाल मूली, कैंसर की तीव्रता में भी आएगी कमी
लाल मूली का सेवन आपका तनाव तो दूर करेगा ही साथ आपकी आंखों की रोशनी के लिए लाभकारी होगा। इसमें मौजूद एंटी ऑक्सीटेंट से मधुमेह हाइपरटेंशन व कैंसर की तीव्रता में भी कमी आएगी।
वाराणसी, [मुकेश चंद्र श्रीवास्तव]। मूली बस थाली में सलाद के रूप में शोभा ही नहीं बढ़ाती बल्कि इसमें तमाम पौष्टिक तत्व भी होते हैं। उसमें भी अगर लाल मूली की बात की जाएं तो सोने पर सुहागा ही होगा। आइआइवीआर (भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान) ने एक ऐसी लाल मूली विकसित की है, जिसमें एंटी ऑक्सीडेंट की मात्रा अधिक है। यही नहीं इसकी जड़ों में पेलार्गोनिडीन नामक एंथोसायनिन भी पर्याप्त मात्रा हैं। इसका सेवन आपका तनाव तो दूर करेगा ही साथ आपकी आंखों की रोशनी के लिए लाभकारी होगा। यही नहीं इसमें मौजूद एंटी ऑक्सीडेंट से मधुमेह, हाइपरटेंशन व कैंसर की तीव्रता में भी कमी आएगी।
किचन गार्डेन के लिए बीज जुलाई से
आइआइवीआर के निदेशक के अनुसार लाल मूली की इस नई प्रजाति का नाम 'काशी लोहितÓ है, जिसको इसी साल केंद्रीय बीज उपसमिति की ओर से हरी भी मिल गई है। जून 2020 से इसका बीज भी बाजार में मिलने लगेगा। वैसे किचन गार्डेन के लिए इसका बीज इसी साल जुलाई से संस्थान से मुहैया कराया जाएगा।
यह भी है खासियत
काशी लोहित को विकसित करने वाले वरिष्ठ वैज्ञानिक डा. बीके सिंह ने बताया कि इस पर 2012 से ही शोध कार्य चल रहा था। इसे आवर्ती चयन विधि से विकसित किया गया। इसकी जड़ें चमकदार लाल रंग की, पत्तियां हरी एवं वीणाकार व पर्णवृंत गुलाबी रंग का है।
40 दिनों में ही होगी तैयार
डा. बीके सिंह के अनुसार यह प्रजाति मात्र 40-45 दिनों में ही तैयार हो जाती है। इसकी जड़ लगभग 21-24 सेमी लंबी व इसका भार 145-160 ग्राम का है। एक हेक्टर खेत में मेड़ों पर बुवाई के लिए 8-10 किग्रा बीज की जरूरत पड़ेगी। इसकी पत्ती सहित कुल उपज प्रति हेक्टेयर 600-700 प्रति कुंटल हो रही है।
इस मूली में पेलार्गोनिडीन नामक एंथोसायनिन की उपस्थिति के कारण इसका रंग लाल हुआ है। मानव स्वास्थ्य के लिए यह एक पोषक खजाना है। यह केवल सलाद, रायता को आकर्षक व खूबसूरत बनाती है बल्कि यह स्वास्थ्यसवर्धक भी है। इसमें पाए जाने वाले जैव रसायन एंथोसायनिन विभिन्न रोगों से बचाव में भी सहायक हैं।
- डा. जगदीश सिंह, निदेशक, भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान, वाराणसी।
एंथोसायनिन एक रंग कारक है, जो किसी भी वस्तु का रंग लाल बनाती है। पर्याप्त मात्रा में एंटी ऑक्सीडेंट के सेवन से मधुमेह, उच्चरक्तचाप व कैंसर रोग की तीव्रता में कमी आती है। पेलार्गोनिडीन नामक एंथोसायनिन एक उत्तम पाचक भी है।
- प्रो. केएन द्विवेदी, द्रव्यगुण विभाग, बीएचयू ।
4.0-4.5 मिग्रा है एंथोसायनिन की मात्रा प्रति 100 ग्राम में।
20-23 मिग्रा है विटामिन की मात्रा प्रति 100 ग्राम में।
3.30-3.55 माइक्रोग्राम प्रति ग्राम है एंटी ऑक्सीटेंड की मात्रा।
50-125 प्रतिशत अधिक है एंटी ऑक्सीटेंड क्षमता सफेद मूली से ।
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