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लॉकडाउन में आए 4700 श्रमिकों का राशन कार्ड निरस्त, उपभोक्ता दफ्तरों की लगा रहे दौड़

लॉकडाउन के दौरान दूर-दराज से आए 4700 श्रमिक परिवारों को शासन के निर्देश पर अस्थाई राशन कार्ड जारी किया गया था अब उसे निरस्त कर दिया गया है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Fri, 18 Sep 2020 10:03 PM (IST)Updated: Fri, 18 Sep 2020 10:03 PM (IST)
लॉकडाउन में आए 4700 श्रमिकों का राशन कार्ड निरस्त, उपभोक्ता दफ्तरों की लगा रहे दौड़
लॉकडाउन में आए 4700 श्रमिकों का राशन कार्ड निरस्त, उपभोक्ता दफ्तरों की लगा रहे दौड़

वाराणसी, जेएनएन। लॉकडाउन के दौरान दूर-दराज से आए 4700 श्रमिक परिवारों को शासन के निर्देश पर अस्थाई राशन कार्ड जारी किया गया था, अब उसे निरस्त कर दिया गया है। अस्थाई राशन कार्ड धारक इस वक्त इस दफ्तर से उस दफ्तर का चक्कर काट रहे हैं। कार्डधारकों का कहना है कि जब अस्थाई राशन कार्ड दिया गया था तो यह कहा गया कि आप अगर बाहर नहीं जाएंगे तो इसी कार्ड को स्थाई कर दिया जाएगा। लेकिन अब राशन कार्ड को निरस्त कर खाद्यान्न से वंचित कर दिया गया है।

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लॉकडाउन के दौरान 47 सौ बनाए गए अस्थाई राशन कार्ड में लगभग 1100 सदस्य शामिल रहे। मई, जून, जुलाई व अगस्त माह तक इन्हें प्रति यूनिट पांच किलो खाद्यान्न दिया गया। चावल, गेहूं के साथ ही एक किलो चना भी उसमें शामिल रहा। अगस्त के बाद जब यह सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दुकान पर पहुंचे तो इन्हें लौटा दिया गया। बताया गया अब आपका कार्ड निरस्त कर दिया गया है। उपभोक्ता इस वक्त ब्लाक से लगायत जिला मुख्यालय की दौड़ लगा रहे हैं। इन लोगों का कहना है कि सरकार ने वादा किया था कि आप अगर गांव में रोजगार शुरू करेंगे तो आपको कारोबार में मदद दी जाएगी। साथ ही अस्थाई राशन कार्ड को बाद में स्थाई कर दिया जाएगा। रोजगार में मदद मिली नहीं अब रोटी पर भी संकट आ गया।

शासन के निर्देश के क्रम में इन सभी को चार माह निश्शुल्क राशन उपलब्ध कराया गया

लॉकडाउन के दौरान शासन के निर्देश के क्रम में बाहर से आए श्रमिकों के लिए अस्थाई राशन कार्ड बनाने का आदेश था। जिले में उस दौरान जरूरतमंद 47 सौ लोगों को चिह्नित किया गया। शासन के निर्देश के क्रम में इन सभी को चार माह निश्शुल्क राशन उपलब्ध कराया गया। अगस्त माह में इसकी अवधि समाप्त हो गई। अब उक्त राशन कार्ड को खारिज कर दिया गया है।

- दीपक कुमार, डीएसओ


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