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रानी लक्ष्‍मीबाई जन्‍म स्‍थली पर गूंजे वेद मंत्र, बुंदेलखंड एक्‍सप्रेस का नाम लक्ष्‍मीबाई के नाम पर करने की मांग

रानी लक्ष्‍मीबाई की जन्‍म स्‍थली वाराणसी के भदैनी में गुरुवार को जयंती काफी धूम धाम से मनायी गई। इस दौरान जागृति फाउण्डेशन एवं ब्रम्हा वेद विद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में महारानी लक्ष्मीबाई की 185वीं जयंती भदैनी स्थित उनकीी जन्मस्थली पर धूमधाम से मनायी गयी।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Thu, 19 Nov 2020 11:25 AM (IST)Updated: Thu, 19 Nov 2020 01:56 PM (IST)
रानी लक्ष्‍मीबाई की जन्‍म स्‍थली वाराणसी के भदैनी में गुरुवार को जयंती काफी धूम धाम से मनायी गई।

वाराणसी, जेएनएन। झांंसी की रानी लक्ष्‍मीबाई की जन्‍म स्‍थली वाराणसी के भदैनी में गुरुवार को जयंती काफी धूम धाम से मनायी गई। इस दौरान जागृति फाउण्डेशन एवं ब्रम्हा वेद विद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में महारानी लक्ष्मीबाई की 185वीं जयंती भदैनी स्थित उनकीी जन्मस्थली पर धूमधाम से मनायी गयी। समारोह का शुभारंंभ विद्यालय के प्राचार्य पं. आशीष कुमार मिश्र, जागृति फाउण्डेशन के महासचिव रामयश मिश्र, जागृति क्लासेज के निदेशक विजय दत्त त्रिपाठी एवं  प्राथमिक शिक्षक संघ के महानगर अध्यक्ष राजीव पाण्डेय ने संयुक्त रूप से महारानी लक्ष्मीबाई के आदमकद प्रतिमा पर माल्यार्पण करके किया। वहीं इससे पूर्व बुधवार की शाम को प्रतिमा स्‍थल पर माल्‍यार्पण के साथ ही दीपदान की परंपरा का भी निर्वहन किया गया। 

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इसके पश्चात ब्रम्हा वेद विद्यालय के वेदपाठी बटुकोंं ने गुलाब और गेंदा के फूलों की पुष्प वर्षा कर वीरांगना के चरणों में पुष्पंजलि अर्पित की। इस अवसर पर जागृति फाउण्डेशन के महासचिव रामयश मिश्र ने प्रधानमंत्री मोदी से वाराणसी से चलने वाली बुंदेलखंड एक्सप्रेस ट्रेन को वीरांगना एक्सप्रेस के नाम पर चलाने की मांग करते हुए कहा कि महारानी लक्ष्मीबाई की जन्मस्थली से चलकर उनके शहीद स्थली ग्वालियर तक जाने वाली बुंदेलखंड एक्सप्रेस ट्रेन का नाम महारानी लक्ष्मीबाई या वीरांगना एक्सप्रेस चलाकर या उनके नाम पर कोई नई ट्रेन चलाये यही सच्ची श्रद्धांजलि होगी। ब्रम्हा वेद विद्यालय के प्राचार्य आशीष कुमार मिश्र ने कहा कि हमें गर्व है कि वीरांगना लक्ष्मीबाई का जन्म काशी की धरती पर हुआ है, आज की युवा पीढ़ी को उनके जीवन से सीख लेते हुए आगे बढ़ना चाहिए।

जागृति क्लासेज के निदेशक विजय दत्त त्रिपाठी ने जिला प्रशासन से मांग करते हुए कहा कि उनके जयंती पर उनकी जन्मस्थली पर जिला प्रशासन द्वारा आयोजन करना चाहिए।  इस अवसर अमित कुमार पाण्डेय, पुष्कर मिश्रा, हरिनाथ गोड़, दिलीप कुमार पाण्डेय, विशाल त्रिपाठी सहित काफी संख्या में क्षेत्रीय नागरिक उपस्थित थे।इसके पूर्व बुधवार की शाम को जागृति फाउंडेशन के तत्वाधान में वीरांगना लक्ष्मीबाई की 185 वी जयंती की पूर्व संध्या पर रविवार को भवैनी स्थित उनकी जन्मस्थली पर दीपदान से दो दिवसीय समारोह का शुभरम्भ हुआ दो दिवसीय समारोह का शुभारम्भ मुख्य अतिथि एमएमआइटी के डायरेक्टर इंजीनियर अजय द्विवेदी प्रबंधक संगीता द्विवेदी प्राथमिक शिक्षक संघ के महानगर अध्यक्ष राजीव पांडे एवं बीएचयू की छात्राएं पूजा अवस्थी पूजा मिश्रा, विशिष्ट अतिथि साहित्यकार डॉ. जयप्रकाश मिश्र,  मदन मोहन मालवीय इंटर कॉलेज के प्राचार्य संजय प्रियदर्शी, जागृति क्लासेज के निदेशक विजय दत्त त्रिपाठी एवं जागृति फाउंडेशन के महासचिव रामयश मिश्र ने संयुक्त रूप से वीरांगना की वीरांगना की स्मृति में प्रथम दीपक जलाकर किया।

समारोह की अध्यक्षता रामेश्वर मठ के साधक स्वामी लखन स्वरूप ब्रम्हचारी, प्रबंधक वरूणेश चन्द्र दीक्षित ने किया। महारानी की स्मृति में जले असंख्य दीपाें से वीरांगना की जन्म स्थली दीपों की रोशनी से जगमग हो उठी। दीपों को देखकर ऐसा एहसास हो रहा था कि जैसे  स्वर्ग  से देवता जमीन पर उतरकर वीरांगना को याद कर रहे हाेंं। इस अवसर पर इंजीनियर अजय कुमार द्विवेदी ने कहा कि आज महारानी लक्ष्मीबाई के बलिदान की वजह से हमारा देश आजादी की सांस ले रहा है। वीरांगना लक्ष्मीबाई के परम साहस के कारण अंग्रेजो को देश छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा। इस अवसर पर डॉक्टर जयप्रकाश मिश्र ने कहा कि खूब लड़ी मदार्नी वो तो झांसी वाली रानी थी लेकिन वह काशी की बेटी थी और हमारा फर्ज बनता है कि हम अपनी बेटी को उसकी वीरता के लिए याद करें।

वहीं जागृति फाउंडेशन के महासचिव रामयश मिश्र में कहा कि देश की प्रथम महिला वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई ने स्वतंत्रता की लड़ाई में अंग्रेजोंं के दांत खट्टे कर दिए और अंग्रेजों को देश छोड़कर भागना पड़ा। आज उनकी जयंती की पूर्व संध्या पर हम हमको अपनी श्रद्धांजलि दे रहे हैं इस अवसर पर नागेश शांडिल्‍य ने कहा कि हमें गर्व है कि महारानी लक्ष्मीबाई हमारे मोहल्ले की बेटी थी और हम लोगों की बहन थीं। कार्यक्रम का संयोजन एवं संचालन रामयश मिश्र ने किया। अतिथियों का स्वागत दिलीप कुमार पाण्डेय ने किया तथा धन्यवाद विनय कुमार मिश्र ने किया। इस अवसर पर  त्रिभुवन नाथ मिश्र, आकाश श्रीवास्तव प्रियांशु जोशी पुष्कर मिश्रा  कृष्णमोहन पाण्डेय, ब्रजेश्वर त्रिपाठी, हरीनाथ गौड़ आदि उपस्थित थे।


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