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गूंजेगी रणभेरी और सजेगा रण, रावण करेगा अट्टहास तो राम फ‍िर चढाएंगे प्रत्‍यंचा Varanasi news

काशी की यूनेस्‍को में शामिल यह परंपराआें की रामलीला एक माह तक काशी में राम और उनकी लीलाओं से गुलजार रहेगी।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Tue, 10 Sep 2019 11:23 AM (IST)Updated: Tue, 10 Sep 2019 05:44 PM (IST)
गूंजेगी रणभेरी और सजेगा रण, रावण करेगा अट्टहास तो राम फ‍िर चढाएंगे प्रत्‍यंचा Varanasi news

वाराणसी, जेएनएन।  रामनगर की विश्‍व प्रसिद्ध रामलीला अब मुक्‍ताकाशीय मंच पर जल्‍द ही आकार लेने लगेगी। जी हां, रामनगर की विश्व प्रसिद्ध रामलीला का शुभारंभ अनंत चतुर्दशी पर रावण जन्म व क्षीर सागर की झांकी से ही होता है। मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान की लीला का आरंभ चतुर्दशी तिथि में 12 सितंबर को होगा। इसके साथ ही काशी की यूनेस्‍को में शामिल यह परंपराआें की रामलीला एक माह तक काशी में राम और उनकी लीलाओं से गुलजार रहेगी। काशी नरेश द्वारा काशी के उपनगर कहे जाने वाले रामनगर में रामलीला के किरदारों की आरती उतारने के साथ ही हर हर महादेव के नारों संग काशी गूंज उठेगी। 

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रामनगर की इस विश्‍व प्रसिद्ध रामलीला की तैयारियां महीनों से चल रही थीं। अब रामनगर में रामलीला के विभिन्‍न स्‍थलों पर किरदारों का मंचन होगा ताे विश्‍व भर से लीला प्रेमी रामायण और रामचरित मानस पाठ के साथ राम नगर में मुक्‍ताकाशीय मंच पर त्रेतायुग के किरदारों को मंच पर जीवंत होता देखेंगे। रामलीला के किरदारों के पूजन के साथ ही शुरू हाेने वाला माह पर्यंत चलने वाला आयोजन काशी में परंपराओं को भी जीवंत करेगा। दिन ढलने के साथ ही शहर भर का कारवां रामनगर की ओर रुख करेगा जहां परंपराओं की रामलीला अाज भी बिना ताम झाम और बिना माइक के आयोजित होती है। रोशनी के लिए आज भी पंचलाइट के सहारे मंच रोशन होता है। मंच से किरदारों की संवाद अदायगी के साथ ही पिन ड्राप साइलेंस वाले दर्शकों से खचाखच भरे मैदान में रामनगर विश्‍व भर के पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र भी बना रहेगा।

...और गूंज उठे मानस के प्रसंग

वहीं इससे पूर्व धर्म- अध्यात्म और बनारसी फक्कड़ मस्ती के सबसे बड़े आयोजन रामनगर की विश्वप्रसिद्ध रामलीला का भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी को गणेश चतुर्थ पर द्वितीय गणपति पूजन के साथ शुभारंभ हो चुका है। इस दौरान चौक स्थित रामलीला पक्की पर विघ्नहर्ता की वैदिक मंत्रों के बीच पूजा आराधना की गई। झाल-मंजीरा और मृदंग की थाप गूंजी और रामायणी दल ने 'गाइये गणपति जग वंदन...' के साथ मानस के प्रसंगों में पगे दोहों का गायन शुरू कर दिया। इसमें पहले दिन श्रीगणेश के तौर पर सात दोहों को स्वर दिए। अब अनंत चतुर्दशी के एक दिन पहले तक 175 दोहों का पाठ किया जाएगा। इनमें वह प्रसंग होंगे जिनका रामलीला मंच पर मंचन नहीं किया जाता है।


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