वाराणसी में दिसंबर तक बन जाएगा रमना और रामनगर का एसटीपी, कोरोना काल में भी नहीं थमा निर्माण
कोरोना काल में भी वाराणसी में रमना व रामनगर में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट यानी एसटीपी निर्माण नहीं रुका है। कार्य की गति देखते हुए दिसंबर तक निर्माण पूर्ण होने की संभावना है।
वाराणसी, जेएनएन। कोरोना काल में भी रमना व रामनगर में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट यानी एसटीपी निर्माण नहीं रुका है। कार्य की गति देखते हुए दिसंबर तक निर्माण पूर्ण होने की संभावना है। रमना में 50 एमएलडी तो रामनगर में 10 एमएलडी का एसटीपी बन रहा है। हालांकि अभी दोनों प्लांट निर्माण में 50 फीसद तक कार्य बचा है।
हालांकि, इस बाबत परियोजना प्रबंधक एसके बर्मन का कहना है कि जमीन के नीचे व बेस पर काम करने में ज्यादा वक्त लगता है। ऊपर का निर्माण कार्य तेज गति से जल्द पूरा हो जाता है। बताया कि रमना में कार्यदायी कंपनी को बैंक से वित्तीय लेन-देन को लेकर परेशानी हो रही थी लेकिन वर्तमान में यह समस्या दूर हो गई है। बताया कि रमना एसटीपी का निर्माण गंगा के किनारे है। इसलिए बाढ़ को लेकर चिंता है। यह इलाका पानी से भर जाता है। इसलिए बाढ़ से पहले अधिक से अधिक कार्य पूर्ण कर लेने की कोशिश हो रही है। वहीं, रामनगर प्रतिनिधि के अनुसार 10 एमएलडी क्षमता का एसटीपी निर्माण एक वर्ष बाद भी मात्र 48 फीसद ही कार्य पूरा हो पाया है जबकि 52 फीसद काम को मात्र पांच माह में पूरा करने का दावा किया जा रहा है।
लॉकडाउन के कारण सितंबर में काम पूरा करने की टाइम लाइन को बढ़ाकर दिसंबर 2020 तक किया गया है। 72 करोड़ की लागत से बन रहे एसटीपी प्लांट के पूरा हो जाने से नगर के चार नालों से गंगा नदी में गिरने वाले दूषित जल पर रोक लगेगी। श्मशान घाट के समीप पालिका प्रशासन द्वारा 8 करोड़ में 80 बिस्वा जमीन किसानों से खरीदी गई है। गंगा में गिरने वाले 4 नालों को 400 मीटर ट्रैप कर एसटीपी से मिलाने का प्लान है। गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई के प्रोजेक्ट मैनेजर एसके वर्मन ने कहा कि सिविल का काम 60 फीसद तो मैकेनिकल का 30 फीसद काम हो गया है। नाला को टेपिंग करने का काम बरसात बाद किया जायेगा। पालिका अध्यक्ष रेखा शर्मा का कहना है कि इस ट्रीटमेंट प्लांट के बन जाने से सीवर का गंदा पानी गंगा नदी में नहीं जाएगा।