काशी में भी आएगी 'रामायण एक्सप्रेस', 17 व 18 नवंबर को श्रद्धालुओं संग पहुंचेगी काशी
वाराणसी में 17 व 18 नवंबर को 800 यात्रियों को लेकर रामायण एक्प्रेस पहुंचेगी, भारतीय रेल ने भगवान राम के इतिहास को बताने के उद्देय से इसे शुरू किया है।
वाराणसी, जेएनएन। भारतीय रेल द्वारा भगवान राम के इतिहास की यात्रा करवाने के उद्देश्य से शुरू की गई रामायण एक्सप्रेस को बुधवार को रेलमंत्री पीयूष गोयल ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया है। यह विशेष तीर्थयात्रा स्पेशल गाड़ी अयोध्या, हनुमानगढ़ी, रामकोट और कनक भवन के दर्शन कराते हुए महादेव की नगरी काशी आएगी। यहां आरक्षण कराने वाले श्रद्धालुओं को काशी विश्वनाथ दरबार व अन्य तीर्थ स्थलों का दर्शन कराते हुए आगे सीतामढ़ी के लिए रवाना हो जाएगी।
आइआरसीटीसी कर रही संचालन : इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिस्ट कारपोरेशन द्वारा चलाई जा रही ट्रेन 15 दिन की यात्रा कर वापस लाएगी। प्रति यात्री 15120 के किराए पर इस ट्रेन से लोग अयोध्या व काशी दर्शन के बाद सीतामढ़ी फिर वहां से रामेश्वरम जाएगी।
प्रयागराज ले जाने की भी संभावना : 14 नवंबर को नई दिल्ली के सफदरगंज स्टेशन से रवाना होकर 15 नवंबर को सुबह 4 बजे अयोध्या पहुंचेगी, यहां से फिर ट्रेन सीतामढ़ी जनकपुरी के दर्शनों के लिए जाएगी। सीतामढ़ी से ट्रेन 17-18 नवंबर को बनारस आएगी। काशी से श्रद्धालुओं को सड़क मार्ग से प्रयागराज ले जाने की भी संभावना है।
रामायण से कराएगी रूबरू : रामायण एक्सप्रेस से सफर करने वाले श्रद्धालु अगर चाहेंगे तो आइआरसीटीसी उन्हें श्रीलंका ले जाकर रामायण के और करीबी तथ्यों से रूबरू कराएगी । इसके लिए यात्रियों से 36970 रुपये लेकर तीन दिन श्रीलंका में कैंडी, नुवारा एलिया और नेगोंबो के धार्मिक स्थलों का दर्शन कराएगी। ऐसे लोगों को रामेश्वरम के बाद चेन्नई से फ्लाइट के जरिए ले जाया जाएगा। कुल मिलाकर जनता में रामायण एक्सप्रेस को लेकर काफी उत्साह बना हुआ है।