सामाजिक सरोकारों से रूबरू कराएगी कथा 'मानस मसान'
वाराणसी : डोमरी स्थित सतुआबाबा गोशाला में 21 अक्टूबर से आयोजित मोरारी बापू की नौ दिनी कथा 'मा
वाराणसी : डोमरी स्थित सतुआबाबा गोशाला में 21 अक्टूबर से आयोजित मोरारी बापू की नौ दिनी कथा 'मानस मसान' जीवन सत्य से तो रूबरू कराएगी ही सामाजिक सरोकारों के प्रति भी भाव जगाएगी। राष्ट्र संत अपनी कथा में भूजल व मृदा संरक्षण समेत विभिन्न मुद्दों के प्रति जगाते-चेताते हुए इनके नफा और नुकसान बताएंगे। महाश्मशान मणिकर्णिका को साक्षी बनाते हुए संकल्प भी दिलाएंगे। सतुआबाबा पीठाधीश्वर संतोषदास महाराज , आयोजक संतकृपा सनातन संस्थान के चेयरमैन मदन पालीवाल, ट्रस्टी प्रकाश पुरोहित व किशन जालान ने मंगलवार को प्रेसवार्ता में कथा के खास बिंदुओं को साझा किया। बताया कि बनारस में हो रही बापू की आठवीं कथा गुजराती नववर्ष की पहली व उनकी 800वीं कथा होगी। इसमें आस्था-भक्ति, संगीत-कला व अध्यात्म का समागम होगा। मोरारी बापू 21 अक्टूबर की दोपहर चार्टर विमान से बनारस आएंगे। संकटमोचन मंदिर में शीश नवाने के बाद तुलसीघाट पर गंगा नहाएंगे, बाबा श्रीकाशी विश्वनाथ का दर्शन कर कथास्थल जाएंगे। पहले दिन कथा शाम चार बजे आरंभ होगी और 22 से 29 तक सुबह 9.30 बजे से चलेगी। बापू का रात्रि विश्राम और पूजा -ध्यान गंगधार पर बजड़े में होगा। इसके लिए बजड़े को अत्याधुनिक दो मंजिला कुटिया का आकार दिया गया है। कथा का आस्था चैनल पर विश्व के 170 देशों में लाइव प्रसारण भी किया जाएगा। इस नौ दिनी उत्सव के दौरान चार शाम सांस्कृतिक आयोजनों के नाम होंगी। नाट्य रंग के साथ पुनीत इस्सर व मकरंद देशपांडे मंच पर होंगे। राष्ट्रीय कवियों की रचनाएं सुनने को मिलेंगी तो सूफी गायक कैलाश खेर को बुलाया जा रहा है।
गंगा तट पर बसी दिव्य नगरी
सतुआबाबा की गोशाला तो वैसे भी तीर्थ से कम नहीं लेकिन कथा आयोजन के लिए इसे भव्य रूप दिया जा रहा है। जर्मन तकनीक से 80 हजार वर्गफीट का भव्य पंडाल बनाया जा रहा है। इसमें 30 हजार लोगों के बैठने की व्यवस्था होगी। 60 गुणित 40 फीट के मंच का पिछला हिस्सा महाश्मशान मणिकर्णिका घाट के सामने बैठे होने का आभास देगा। हजारों ट्यूब लाइट से पूरा क्षेत्र जगमग होगा। दूर से आए भक्तों के लिए प्रसाद, आवागमन व ठहराव की भी व्यवस्था की जाएगी।