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पूर्वांचल में बारिश ने नदियों को दी दोबारा संजीवनी तो तटवर्ती इलाकों में चिंता

पूर्वांचल में कई दिनों से हो रही बरसात की वजह से मौसम का रुख जहां बदला है वहीं नदियों का रुख भी बदलाव की ओर है। बारिश की वजह से नदियों का जलस्‍तर मामूली तौर पर बढ़ने और तटवर्ती इलाकों में लगातार हो रहे कटाव से लोगों में चिंता है।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Sat, 26 Sep 2020 09:53 AM (IST)Updated: Sat, 26 Sep 2020 01:39 PM (IST)
पूर्वांचल में बारिश ने नदियों को दी दोबारा संजीवनी तो तटवर्ती इलाकों में चिंता
नदियों का जलस्‍तर मामूली तौर पर बढ़ने और तटवर्ती इलाकों में लगातार हो रहे कटाव से लोगों में चिंता है।

वाराणसी, जेएनएन। पूर्वांचल में कई दिनों से रह रहकर हो रही बरसात की वजह से मौसम का रुख जहां बदला है वहीं नदियों का रुख भी बदलाव की ओर है। बारिश की वजह से नदियों का जलस्‍तर मामूली तौर पर बढ़ने और तटवर्ती इलाकों में लगातार हो रहे कटाव से लोगों में चिंता है। वहीं बाढ़ उतरने के बाद सब्जियों की खेती कर चुके किसानों की फसल पर बारिश ने पानी फेर दिया है। जबकि बाढ़ प्रभावित इलाकों में लोगों की चिंता दोबारा बढ़ गई है। वहीं बलिया के तुर्तीपार में सरयू नदी चेतावनी बिंदु से ऊपर अब भी बह रही है।

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शनिवार की दोपहर केंद्रीय जल आयोग की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार पूर्वांचल में जहां गंगा नदी का जलस्‍तर मीरजापुर और बलिया जिले में बढ़ रहा है वहीं दूसरी ओर वाराणसी, गाजीपुर में गंगा का जलस्‍तर स्थिर है। जौनपुर में गोमती नदी का जलस्‍तर बढ़ रहा है जबकि सोनभद्र में सोन नदी में बाण सागर बांध और रिहंद बांध का भी जलस्‍तर बढ़ाव की ओर है। दूसरी ओर बलिया जिले के तुर्तीपार में सरयू नदी का जलस्‍तर 63.89 मीटर दर्ज किया गया जो दोपहर में स्थिर था, हालांकि इसके आगे और भी बढ़ने की उम्‍मीद है। केंद्रीय जल आयोग के अधिकारियों के अनुसार नदियों में यह बढ़ाव बीते कुछ दिनों से जारी बारिश की वजह से हुई है।

बाढ़ उतरने के बाद निचले इलाकों में किसान खेती शुरु कर दिए थे अब दोबारा नदियों में उफान शुरु होने के बाद उनकी चिंता बढ़ गई है। जबकि मऊ, अाजमगढ़ और बलिया जिले में जहां सरयू नदी तटवर्ती इलाकों में कटान कर रही है वहीं गंगा नदी बलिया जिले में अधिक कटान कर रही है। नदियों के कटान से कई खेती की कीमती जमीनें जहां नदी में विलीन हो रही हैं वहीं सरकारी प्रयासों की भी पोल नदियों के रुख ने खोल कर रख दिया है।


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