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संसदीय समिति ने गंगा की योजनाओं पर उठाए सवाल, घाटों को देखा

गंगा की निर्मलता, अविरलता और सुंदर दिखे इसको लेकर प्रयास तेज हो गए हैं। संसद की विज्ञान, पर्यावरण और वन विज्ञान की संसदीय समिति के सदस्यों ने गंगा घाटों को देखा।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Wed, 05 Dec 2018 07:53 PM (IST)Updated: Thu, 06 Dec 2018 10:12 AM (IST)
संसदीय समिति ने गंगा की योजनाओं पर उठाए सवाल, घाटों को देखा
संसदीय समिति ने गंगा की योजनाओं पर उठाए सवाल, घाटों को देखा

वाराणसी, जेएनएन। गंगा की निर्मलता, अविरलता और सुंदर दिखे इसको लेकर प्रयास तेज हो गए हैं। संसद की विज्ञान, पर्यावरण और वन विज्ञान की संसदीय समिति के सदस्यों ने गंगा घाटों को देखा। सांसदों ने राजेंद्र प्रसाद, दशाश्वमेध और अस्सी घाटों को एक-एक कर जायजा लिया। वहां मौजूद अफसरों से चल रहे और प्रस्तावित योजनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी हासिल की। कुछ योजनाओं का काम संतोषजनक नहीं होने पर समिति ने सवाल भी उठाए जिसका अफसर जवाब नहीं दे सके। संसदीय समिति सारनाथ में पुरातत्व खंडहर परिसर और संग्रहालय में रखे पुरातात्विक अवशेषों और मूलगंध कुटी विहार को देखा। अधीक्षण पुरातत्व विद् डा. नीरज सिन्हा ने अवशेषों के बारे में बताया।

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संसद समिति ने दशाश्वमेध घाट से अस्सी घाट तक मोटरबोट से जायजा लिया। इसके बाद घाट पर नगर निगम और यूपी जलनिगम, गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई के अफसरों से योजनाओं के बारे में एक-एक कर पूछा। समिति ने चल रही योजनाओं में तेजी लाने तथा प्रस्तावित योजनाओं की फिर से फाइल भेजने को कहा। समिति ने अफसरों से अब तक किए गए प्रयास के बारे में भी पूछा। समिति के साथ नगर मजिस्ट्रेट सुनील वर्मा, अपर नगर आयुक्त रमेश चंद्र सिंह, जलकल सचिव रघुवेंद्र कुमार, जलनिगम केअधिशासी अभियंता एसके बर्मन, जोनल अधिकारी अरविन्द यादव आदि मौजूद रहे।


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