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साइबर क्राइम की धाराओं से पूर्वांचल विश्वविद्यालय के छात्र हुए अवगत, कार्यशाला का हुआ आयोजन

प्रो. जेपी साहू ने कहा कि साइबर क्राइम टेररिज्म तथा अन्य साइबर अपराधों के बारे में संविधान में उल्लिखित विभिन्न धाराओं से रूबरू कराया।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Tue, 17 Sep 2019 09:24 PM (IST)Updated: Wed, 18 Sep 2019 08:56 AM (IST)
साइबर क्राइम की धाराओं से पूर्वांचल विश्वविद्यालय के छात्र हुए अवगत, कार्यशाला का हुआ आयोजन
साइबर क्राइम की धाराओं से पूर्वांचल विश्वविद्यालय के छात्र हुए अवगत, कार्यशाला का हुआ आयोजन

जौनपुर, जेएनएन। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के इंजीनियरिंग संस्थान के कंप्यूटर साइंस व आइटी विभाग द्वारा विश्वेश्वरैया सभागार में चल रहे साप्ताहिक कार्यशाला क्रिप्टोग्राफी एंड साइबर सिक्योरिटी में नेटवर्क सुरक्षा के बारे में बीएचयू से आए प्रो. जेपी साहू ने कहा कि साइबर क्राइम टेररिज्म तथा अन्य साइबर अपराधों के बारे में संविधान में उल्लिखित विभिन्न धाराओं से रूबरू कराया।

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 उन्होंने कहा कि डिजिटल सिग्नेचर से वैज्ञानिक एवं सैद्धांतिक तत्व का पता लगाया जा सकता है। इमेज की गुणवत्ता बढ़ाने तथा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, न्यूरल नेटवर्क में प्रयोग हेतु किस प्रकार मानव शरीर में स्थित न्यूरॉन को क्रियाशील करके प्रयोग किया जा सकता है, इसके बारे में विस्तृत जानकारी दी। इससे फेक इमेज का पता लगाया जा सकता है। डा. राजकुमार ने पूर्णांक की समस्या का उपयोग ग्रुप रिंग फील्ड थ्योरी द्वारा कृषि में उपयोग का तरीका बताया। डा. दिलीप एवं डा. सुनील अशोक द्वारा पुष्प गुच्छ देकर स्वागत किया गया। इस मौके पर ज्ञानेंद्र पाल डा. प्रशांत यादव, डा. संतोष यादव, डा. पूनम श्रीवास्तव, डा. प्रवीण पांडेय, डा. कृष्ण कुमार, डा. रविकांत, दीप्ति पांडेय, मनोज कुमार आदि उपस्थित रहे।


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