Move to Jagran APP

पूर्वांचल में रेल ट्रैक पर सरपट दौड़ने का इंतजार, क्षेत्र को मिली पहली हाईस्‍पीड ट्रेन

क्षेत्र के लोगों को ट्रेन नए रूट और नए स्टापेज का सपना पूरा हुआ। इसके बावजूद अभी कई योजनाएं ऐसी हैं जो या तो लटकी हुईं हैं या फिर उनकी तरफ ध्यान नहीं गया।

By Vandana SinghEdited By: Published: Wed, 24 Apr 2019 07:53 PM (IST)Updated: Thu, 25 Apr 2019 06:29 AM (IST)
पूर्वांचल में रेल ट्रैक पर सरपट दौड़ने का इंतजार, क्षेत्र को मिली पहली हाईस्‍पीड ट्रेन
वाराणसी, [अशोक सिंह]। पूर्वांचल की धरती से जीत कर नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने व रेल के प्राथमिकता में होने के कारण क्षेत्र के लोगों की अपेक्षाएं काफी अधिक थीं। इसी क्षेत्र से सांसद बने मनोज सिन्हा को रेल राज्य मंत्री की जिम्मेदारी मिलने के बाद तो रेल की लंबित योजनाओं और मांगों के पूरा होने की अपेक्षाएं और भी बढ़ गई। इसका सरकार ने ध्यान भी दिया और क्षेत्र के लोगों को ट्रेन, नए रूट और नए स्टापेज का सपना पूरा हुआ। इसके बावजूद अभी कई योजनाएं ऐसी हैं जो या तो लटकी हुईं हैं या फिर उनकी तरफ ध्यान नहीं गया।

बड़ा मुद्दा
-पूर्वांचल से प्रधानमंत्री और रेल राज्य मंत्री मिलने से बढ़ी अपेक्षाएं।
-कुछ हुईं पूरी तो कुछ के पूरे होने का अभी है इंतजार।

पिछले पांच वर्ष में पूरे पूर्वांचल को रेल के क्षेत्र में कुछ न कुछ मिला लेकिन सबसे अधिक फायदे में प्रधानमंत्री का संसदीय क्षेत्र वाराणसी और रेल राज्य मंत्री का गाजीपुर रहा। जहां पूर्वांचल को एक दर्जन ट्रेनें मिलीं वहीं एक दर्जन भर ट्रेनों का विभिन्न स्टेशनों पर ठहराव हुआ, जिसकी लोग वर्षों से मांग कर रहे थे। पूरे देश की तरह सभी अनमैंड गेट मैंड हो गए। इसके बावजूद कई स्थानों से दक्षिण भारत और अन्य स्थानों के लिए सीधी ट्रेन सेवा नहीं मिली। इसके बावजूद कई रेल को सरपट दौड़ाने के लिए कई कार्य होने बाकी है।

पूर्वांचल को मिलीं नई ट्रेनें

1-मऊ-लखनऊ इंटरसिटी 15071-72
2-बलिया से वाराणसी जाने के ईएमयू
3-बलिया से भृगु एक्सप्रेस दिल्ली तक
4-गाजीपुर से कोलकत्ता एक्सप्रेस
5-गाजीपुर इंदौर साप्ताहिक एक्सप्रेस
6-छपरा से दिल्ली जननायक एक्सप्रेस
7-छपरा-लखनऊ
8-गाजीपुर-सुहेलदेव एक्सप्रेस
8-गाजीपुर-बांद्रा टर्मिनस
9-गाजीपुर-वैष्णव देवी कटरा
10-गाजीपुर-प्रयागराज पैसेंजर
11-जौनपुर पैसेंजर
12-वाराणसी-बलिया पैसेंजर।
13-वाराणसी-नई दिल्ली महामना
14-वाराणसी-नई दिल्ली वंदेभारत
15-वाराणसी-गांधीनगर महामना
16-डीएमयू गाजीपुर-वाराणसी वाया जौनपुर

ट्रेनों का नया ठहराव
-गाजीपुर में वाराणसी - दरभंगा एक्सप्रेस का
- रक्सौल से आनंद विहार सद्भावना एक्सप्रेस का श्रीकृष्णनगर रेलवे स्टेशन पर ठहराव
-टाटा अमृतसर व रामेश्वरम एक्सप्रेस का शाहगंज रेलवे स्टेशन पर ठहराव
- हावड़ा-जैसलमेर एक्सप्रेस का ठहराव सुनिश्चित भदोही में किया गया।
-मीरजापुर में पुणे-दानापुर व संपूर्ण क्रांति एक्सप्रेस का ठहराव हुआ।

इंदारा-दोहरीघाट बड़ी लाइन का कार्य लेटलतीफ
पिछले पांच वर्ष में इंदारा-दोहरीघाट ट्रैक छोटी लाइन से बड़ी लाइन बनने का कार्य प्रगति पर है। मऊ और आसपास के लोगों को इसका वर्षों से इंतजार है। मऊ में चार नंबर प्लेटफार्म का उच्चीकरण, स्केलेटर की सुविधा, वाशिंग पिट चालू हुआ।
इसी के साथ ही अधूरा रह गया दशकों से प्रतीक्षित बालनिकेतन रेलवे क्रासिंग जीरो बी पर ओवरब्रिज का निर्माण। वहीं कैफियात एक्सप्रेस को मऊ से चलाने की मांग पूरी नहीं हुई। 

छपरा से वाराणसी तक इलेक्ट्रिक लाइन से परिचालन
बलिया जनपद को छपरा से वाराणसी तक इलेक्ट्रिक लाइन से परिचालन शुरू होने की सौगात मिली। डबल रेल ट्रैक विछाने का काम जोरों पर चल रहा है। बलिया में प्लेटफार्म नम्बर एक का विस्तार से 24 डब्बे वाली गाडिय़ा खड़ी हो सकती है। साथ ही सिकन्दरपुर को रेलवे लाइन से जोडऩे, सुहेलदेव एक्सप्रेस को बलिया से चलाने, दोपहर में वाराणसी के लिए एक ट्रेन की बलिया वालों की मांग पूरी नहीं हुई।

रेल ने स्थापित की विकास की नई ट्रैक
जनपद गाजीपुर में लोगों की मांग, रेल राज्य मंत्री के रूप में यहां के सांसद मनोज सिन्हा और भूमि आदि की उपलब्धता ने विकास की नई इबारत लिखी गई। इसमें प्लेटफार्म का विस्तारीकरण, वाशिंग पिट, ताड़ीघाट-मऊ रेल कम सह मार्ग निर्माण, पेरिशेबल कार्गो, जोनल प्रशिक्षण केंद्र, डीएमयू शेड आदि शामिल रहा। खानपुर में लाजिस्टिक पार्क, जखनियां में टावर वैगन मरम्म्त कारखाना, मैकेनाइज्ड लांड्री, कार्य अधूरे हैं। बैंगलुरू के लिए सीधी ट्रेन सेवा नहीं मिली।

लखनऊ रूट पर दोहरीकरण हुआ पूरा
लखनऊ, सुल्तानपुर, जफराबाद (एलएसजे) सेक्शन के बीच दोहरीकरण का कार्य बीते वर्ष पूर्ण कर लिया गया। तीन सेक्शनों पर ट्रैक निर्माण कार्य वर्ष 2005 से चल रहा था, लेकिन बीते पांच वर्षों में बेहद तेज रफ्तार से कार्य हुआ। इसके पहले 23 किलोमीटर की सिंगल लाइन थी। इससे क्रासिंग के दौरान ट्रेनों को रोकना पड़ता था। जफराबाद-अकबरपुरव टांडा तक ट्रैक विद्युतीकरण पूर्ण। 121 किलोमीटर के इस परियोजना को रेल संरक्षा आयुक्त एनओसी दे चुके हैं। जौनपुर-औडि़हार ट्रैक पर भी विद्युत से ट्रेनों को दौड़ाने का रास्ता साफ हो गया है। इसका जौनपुर के लोगों को काफी लाभ मिला है। जौनपुर जंक्शन के प्लेटफार्म पांच का विस्तार समेत सभी स्टेशनों का नवीनीकरण कार्य प्रमुख है। सिटी स्टेशन के समीप ओआरबी का अधूरा है।

फ्रेट कोरीडोर देगा रोजगार का अवसर
मीरजापुर में फ्रेट कारीडोर परियोजना दो वर्ष से चल रही है। इससे रोजगार का नया अवसर मिलेगा। स्टेशन पर तीन प्लेटफॉर्म का सुंदरीकरण, वेटिंग रूम बने। द्वितीय  प्रवेश द्वार व उद्यान का कार्य अधूरा। लोगों की राजधानी, संपर्क क्रांति एक्सप्रेस, इंटर सिटी ट्रेन रोकने की मांग है।

नहीं हुआ प्लेटफार्म विस्तार
वाराणसी फूलपुर वाया जंघई विद्युतीकरण कार्य पूरा हो गया है। अतिरिक्त ट्रैक तो बिछाए गए लेकिन प्लेटफार्मों का विस्तार और सुंदरीकरण का लाभ लोगों नहीं मिला। भदोही में एक अदद फुटओवरब्रिज की मांग हो रही है। गजिया रेलवे फाटक पर ओवरब्रिज अधूरा है। भदोही स्टेशन पर वाईफाई, कोच इंडिकेटर, कम्प्यूटराइज्ड अनाउंसमेट, दो टिकट वेंडिग मशीन की स्थापना व दो वेटिंगहाल का निर्माण हुआ।

गढ़वा से चोपन-चुनार तक विद्युतीकरण
सोनभद्र जनपद में रेलवे में जो काम गत 20 वर्षों में नहीं हुआ था वह पांच साल में हुआ। गढ़वा से चोपन तक रेल लाइन के दोहरीकरण व विद्युतीकरण का कार्य शुरू हुआ। गढ़वा से रेणुकूट तक विद्युतीकरण पूरा करके ट्रायल भी करा लिया गया। चोपन से चुनार तक भी विद्युतीकरण का कार्य अंतिम दौर में है। राबर्ट्सगंज रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर सोनभद्र हुआ और यहां एक प्लेटफार्म भी बन गया। सोनभद्र के लोगों को अतिरिक्त ट्रेन की सुविधा नहीं मिली। जिले में सबसे बड़ी मांग रही कि राबर्ट्सगंज शहर में राबर्ट्सगंज-खलियारी मार्ग पर ओवरब्रिज बने लेकिन नहीं बना। दिल्ली व अन्य स्थानों के लिए ट्रेन की मांग पूरी नहीं हुई।

न नई रेल लाइन बिछी न इलेक्ट्रिक परिचालन हुआ
आजमगढ़ से कोई भी रेलवे लाइन अभी तक नहीं बिछा है और न ही इलेक्ट्रिक लाइन से परिचालन शुरू हुआ है। डबल रेलवे लाइन विछाने व विद्युतीकरण तथा कलर सिग्नल लगाने का काम जोरों पर चल रहा है। प्लेटफार्म नंबर दो व तीन का निर्माण हुआ है। मालगोदाम का अभी तक निर्माण, वाशिंगपीट, स्वचिलित सीढ़ी, पे एंड यूज शौचालय, एटीएम मशीन व आरपीएफ बैरक का कार्य नहीं हो पाया। क्षेत्र में लालगंज को वाराणसी रेलवे लाइन से जोडऩे का काम, प्रयागराज व लखनऊ के लिए इंटरसिटी की मांग, मुंबई व दिल्ली के लिए प्रतिदिन नई ट्रेन चलाने की मांग।

स्मार्ट यार्ड लिखेगा नई इबारत
चंदौली जनपद के पंडित दीनदयाल उपाध्याय रेलवे स्टेशन पर स्मार्ट यार्ड क्षेत्र रेलों के संचालन आदि के लिए नई इबारत लिखेगा।

वाराणसी को मिलीं हाई स्पीड ट्रेन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र होने के नाते वाराणसी सबसे फायदे में रहा। न केवल आधा दर्जन टे्रनें मिलीं बल्कि यहां से नई दिल्ली के लिए देश की पहली सेमी बुलेट ट्रेन मिली। मंडुवाडीह स्टेशन का विस्तार हुआ जहां विश्वस्तरीय सुविधाएं यात्रियों को उपलब्ध हो रही हैं। इसके अलावा वाराणसी सिटी स्टेशन का विस्तार, कैंट का सुंदरीकरण आदि कार्य हुए हैं।

बोले प्रबुद्धजन

आजमगढ़ में रेलवे की उपेक्षा की गई है। वाराणसी जाने के लिए नई रेल लाइन बिछाना होगा। मुंबई व दिल्ली के लिए बहुत ही कम ट्रेनें हैं। नई ट्रेने इसपर संचिल किए जाए। शाहगंज रूट के सभी स्टेशनों पर सुविधाओं का अभाव है।
- संजीव सिंह, बेलइसा, आजमगढ़।

जिले में अगर यहां से लंबे रूट की गाड़ी का संचालन हो तो लोगों को काफी लाभ मिलेगा। पांच साल में रेलवे के काम को गति मिली है इसे अंजाम तक पहुंचाने की जरूरत है।
-लालजी तिवारी, सोनभद्र।

भदोही के स्टेशन पर पूर्व की अपेक्षा यात्री सुविधाओं में वृद्धि हुई है लेकिन अब भी मूलभूत सुविधाओं को चाक चौबंद करने की जरूरत है। आरक्षण व साधारण टिकट वितरण केंद्र को विस्तार की जरूरत।
- हाजी शाहिद हुसैन अंसारी, मानद सचिव, अखिल भारतीय कालीन निर्माता संघ।

मोदी के नेतृत्व में रेलवे में आधारभूत बदलाव आए। नई ट्रेनों के साथ ही कुछ ट्रेनों को अलग-अलग स्टेशनों पर ठहराव हुआ है। अधूरे ओआरबी से आस-पास न सिर्फ जाम लगता है।
डा विनोद सिंह, बाल चिकित्सक, जौनपुर।

जिले में बीते पांच वर्षों में सराहनीय कार्य हुआ है। आजादी के बाद से पहली बार इतना काम जिले में हुआ है। ट्रेनों के परिचालन के साथ जोनल प्रशिक्षण केंद्र, डीएमयू शेड समेत तमाम कार्यों की कल्पना भी नहीं की जा सकती थी।
- डा.कैलाशनाथ पांडेय, पूर्व हिंदी विभागाध्यक्ष मलिकपूरा डिग्री कालेज गाजीपुर।

किसी सरकार ने जिले में एक साथ इतने कार्य हुए। वाशिंग पिट, स्वचालित सीढ़ी, स्टेशन सुंदरीकरण, सभी अनमैंड गेटों को मैंड करना आदि बड़े काम हुए हैं। जीरोबी क्रासिंग पर ओवरब्रिज या अंडरपास सेवा न होने का मलाल लोगों को अब भी है।
- उमाशंकर ओमर, जिलाध्यक्ष व्यापार मंडल मऊ।

बलिया में रेलवे का अपेक्षित विस्तार नहीं हो सका। वाराणसी जाने के लिए बहुत ही कम ट्रेनें हैं। ट्रेनों के ठहराव में अनदेखी की गई है। पास में स्टेशन होने के बावजूद लोगों को लंबी दूरी की ट्रेनों के लिए घर से 40 या 50 किमी दूर तक जाना पड़ता है।
बलजीत सिंह, सीए, बलिया।

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.