सबरीमाला पर लैंगिक भेदभाव के खिलाफ महिलाओं ने जताया विरोध, प्रदर्शन
प्रधानमंत्री के सांसद आदर्श ग्राम नागेपुर स्थित नंदघर के सामने महिलाओं ने सबरीमाला में महिलाओं के साथ होने वाले लैंगिक भेदभाव के खिलाफ प्रदर्शन किया।
वाराणसी, जेएनएन। मिर्जामुराद में लोक समिति के तत्वावधान में रविवार को प्रधानमंत्री के सांसद आदर्श ग्राम नागेपुर स्थित नंदघर के सामने महिलाओं ने सबरीमाला में महिलाओं के साथ होने वाले लैंगिक भेदभाव के खिलाफ विरोध जताते हुए प्रदर्शन किया। महिलाओं ने सबरीमाला पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करने की मांग की और सबरीमाला मंदिर के पुरोहित को बर्खास्त करने की मांग रखी। महिलाओं ने माहवारी पर केंद्रित पोस्टर के माध्यम से अपना विरोध दर्ज कराते हुए माहवारी के नाम पर पवित्रता और अपवित्रता की राजनीति को भी उजागर करते हुए उसकी निंदा की।गांव की महिलाओं ने माहवारी के आधार पर महिलाओं के साथ होने वाले भेदभाव को अपने मौलिक अधिकारों का हनन बताया।
लोक समिति के संयोजक नन्दलाल मास्टर की अगुवाई में आयोजित विरोध प्रदर्शन कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि भगवान सभी मानव को एक समान बनाया है। किसी भी धार्मिक स्थल पर लोगों को जाने और उनका दर्शन सबको समानरूप से अधिकार है। विरोध प्रदर्शन में दिल्ली की संस्था साहस की मोना यादव ने कहा कि आज जब हम लैंगिक समानता और महिला सशक्तिकरण की बात कर रहे हैं, ऐसे में सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के साथ होने वालेे भेदभाव समाज के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है। वहीं मुहिम संस्था की स्वाती ने कहा कि माहवारी महिला शरीर से जुड़ी एक प्राकृतिक प्रक्रिया है, जिसे बिना भेदभाव के उसके प्राकृतिक स्वरूप में स्वीकार किया जाना चाहिये।
उल्लेखनीय है कि नागेपुर में जेंडर ग्राम कार्यक्रम के तहत महिलाओं और पुरुषों ने लैंगिक समानता का संकल्प लिया और सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के साथ होने वाले लैंगिक भेदभाव के खिलाफ एकजुट होकर आवाज़ बुलंद की।विरोध प्रदर्शन कार्यक्रम में अलग-अलग गांव के दर्जनों लोगों ने हिस्सा लिया। विरोध प्रदर्शन में मुख्य रूप से पूर्वी, मधुबाला, स्वाति, सीमा, प्रेमा, राजकुमारी, सरिता, अनीता, राजकुमारी, बेबी, आशा, सोनी, विद्या, रामकिंकर, रामबचन, सुनील, श्यामसुंदर, पंचमुखी, अमित समेत अन्य मौजूद रहे।