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वरुणापार की नई सीवर लाइन जाम, सफाई के लिए 11 करोड़ का प्रस्ताव Varanasi news

वरुणापार की जाम नई सीवर लाइन की सफाई के लिए गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई ने 11 करोड़ रुपये का प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजा है।

By Edited By: Published: Sat, 27 Jul 2019 01:20 AM (IST)Updated: Sat, 27 Jul 2019 09:28 AM (IST)
वरुणापार की नई सीवर लाइन जाम, सफाई के लिए 11 करोड़ का प्रस्ताव Varanasi news
वरुणापार की नई सीवर लाइन जाम, सफाई के लिए 11 करोड़ का प्रस्ताव Varanasi news

वाराणसी, जेएनएन। बारिश के पूर्व सीवरों की सफाई के लिए नगर निगम खूब मेहनत करता है, लेकिन चंद दिनों की बारिश पोल खोल देती है। वरुणापार की जाम नई सीवर लाइन की सफाई के लिए गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई ने 11 करोड़ रुपये का प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजा है। बजट जारी होने के बाद संसाधन मंगाए जाएंगे और ठेके पर सफाई कार्य कराया जाएगा। करीब एक दशक विलंब से पूर्ण होने की कगार पर पहुंचे वरुणापार सीवेज सिस्टम में नई समस्या आने से गोइठहां स्थित एसटीपी (सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट) पूरी क्षमता से कार्य नहीं कर रहा है। सीवर लाइन जाम होने से एसटीपी तक महज 23 एमएलडी (मीट्रिक लीटर प्रतिदिन) मलजल पहुंच रहा है जबकि एसटीपी की क्षमता 120 एमएलडी की है।

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ऐसे में न तो ट्रीट पानी का सही उपयोग हो पा रहा है और न ही जैविक खाद बनाई जा रही है। गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई के अफसरों का कहना है कि सीवर सिस्टम के लिए करीब सात वर्ष पहले ही पाइप बिछा दी गई थी, जबकि एसटीपी का निर्माण अब हुआ। इस दौरान हजारों लोगों ने कनेक्शन कर लिया था तो दूसरी ओर प्रत्येक वर्ष बारिश में जलभराव के कारण पाइप जाम हो जाती है।

-अभी तक घरों में नहीं हुआ कनेक्शन सीवेज सिस्टम को पूर्ण करने में कच्छप गति से कार्य किया जा रहा है। सिस्टम से 50 हजार घरों के शौचालयों को जोड़ना है। यह कार्य बीते डेढ़ साल से किया जा रहा है। अभी तक महज 23 हजार चार सौ घरों में कनेक्शन हो सके हैं जबकि ठेकेदार ने डेढ़ साल से गलियों को खोद कर छोड़ दिया है। बारिश में वहां नारकीय स्थित बनी है। लोगों का आरोप है कि स्थानीय विधायक के निर्देश पर खास लोगों की गलियों व कालोनियों में शौचालयों का कनेक्शन तो कर दिया गया लेकिन शेष को उसी तरह छोड़ दिया।

'वरुणापार की नई सीवर लाइन की सफाई के लिए करीब 11 करोड़ रुपये का प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा गया है। बजट मिलते ही सफाई कार्य कराया जाएगा। एसटीपी से पहले पाइप बिछा देने से जाम होने की समस्या हुई है। -एसके सिंह, महाप्रबंधक गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई

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