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जौनपुर के पूर्व सांसद धनंजय सिंह पर लगाए गए आरोपों से पलट गए प्रोजेक्ट मैनेेजर

हत्या के इरादे से अपहरण व रंगदारी मांगने के मामले में पूर्व सांसद धनंजय सिंह और उनके सहयोगी विक्रम सिंह की गिरफ्तारी पुलिस के लिए बड़ा सिरदर्द बन गई है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Tue, 19 May 2020 12:08 AM (IST)Updated: Tue, 19 May 2020 01:32 PM (IST)
जौनपुर के पूर्व सांसद धनंजय सिंह पर लगाए गए आरोपों से पलट गए प्रोजेक्ट मैनेेजर
जौनपुर के पूर्व सांसद धनंजय सिंह पर लगाए गए आरोपों से पलट गए प्रोजेक्ट मैनेेजर

जौनपुर, जेएनएन। हत्या के इरादे से अपहरण व रंगदारी मांगने के मामले में पूर्व सांसद धनंजय सिंह और उनके सहयोगी विक्रम सिंह की गिरफ्तारी पुलिस के लिए बड़ा सिरदर्द बन गई है। इसकी वजह नमामि गंगे परियोजना के प्रोजेक्ट मैनेजर अभिनव सिंघल का मुकदमा दर्ज कराते समय लगाए गए आरोपों से पलट जाना है। पुलिस महानिदेशक से लेकर अन्य आला अफसरों व अदालत तक में दरखास्त देकर वादी ने कहा है कि पूर्व सांसद ने न तो उनका अपहरण कराया था और न ही रंगदारी मांगी थी। हालांकि वादी के मुकदमा वापस लेने की मांग को कोर्ट ने यह कहते हुए वापस कर दिया है कि यह उसके अधिकार क्षेत्र से बाहर है।

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अभिनव सिंघल की तहरीर पर 10 मई की रात साढ़े दस बजे लाइन बाजार थाना क्षेत्र में मुकदमा दर्ज हुआ और आधी रात के बाद पुलिस ने आवास पर दबिश देकर जौनपुर के पूर्व सांसद धनंजय सिंह व विक्रम सिंह को गिरफ्तार कर लिया था। कोर्ट के अगले दिन 14 दिन की न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया। 12 मई को अभिनव सिंघल ने सूबे के मुख्य सचिव, गृह सचिव, डीजीपी, वाराणसी जोन के एडीजी, आइजी जिले की डीएम व एसपी को ईमेल व रजिस्टर्ड डाक से आरोपों से इन्कार संबंधी दरखास्त भेज दिया। लिखा कि उस पर दबाव डालकर तहरीर ली गई। उसने पुलिस को कोई बयान नहीं दिया है। अत: मुकदमा निरस्त कर दिया जाए। इस पर कोई सुनवाई नहीं हुई तो अभिनव ङ्क्षसघल ने 14 मई को अपने अधिवक्ता के जरिए सीजेएम को शपथ पत्र सहित दरखास्त भेजा। सीजेएम ने यह कहते हुए दरखास्त वापस कर दिया कि उनकी कोर्ट में यह प्रकरण लंबित नहीं है। सोमवार को वादी के अधिवक्ता ने बताया कि वादी ने उन्हें बताया है कि पुलिस वालों ने किसी के दबाव में एफआइआर दर्ज कराई है। उसने पुलिस अधीक्षक से कहा कि उसके ऊपर इतना दबाव डाला जा रहा है कि वह आत्महत्या करने को मजबूर हो जाएगा। उसका मोबाइल भी पुलिस ने छीन लिया और बहुत आग्रह करने पर सिमकार्ड वापस किया। इसके बाद पुलिस ने जबरन वादी को उसके घर मुजफ्फर नगर भेज दिया।

आरोप वापस लेने संबंधी कोई प्रार्थना पत्र पुलिस प्रशासन को नहीं मिला

वादी अभिनव सिंघल मुकदमा दर्ज कराने के बाद क्या कह रहे हैं उन्हीं से पूछिए। उनके आरोप वापस लेने संबंधी कोई प्रार्थना पत्र पुलिस प्रशासन को नहीं मिला है। ऐसे में अभी कुछ नहीं कहा जा सकता।

-डा. संजय कुमार, एसपी (सिटी)। 


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