Lockdown in varanasi : छात्र शिक्षक में भले हो मीलों की दूरी, लेकिन पढ़ाई नहीं रहेगी अधूरी
काशी हिंदू विश्वविद्यालय में लॉकडाउन के बावजूद पठन-पाठन और व्याख्यान जारी है।
वाराणसी, जेएनएन। काशी हिंदू विश्वविद्यालय में लॉकडाउन के बावजूद पठन-पाठन और व्याख्यान जारी है। प्रत्यक्ष तौर पर प्रोफेसर और छात्र भले ही एक-दूसरे से मीलों दूर हों, लेकिन छात्रों की पढ़ाई अधूरी नहीं रहेगी। जूम एप सोशल मीडिया और कम्युनिकेशन एप से वे हमेशा अध्ययन-अध्यापन के लिए साथ रहते हैं। ऐसा ही कुछ चल रहा है बीएचयू स्थित फैकल्टी ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज में। प्रो. एचपी माथुर वर्क फ्राम होम के तहत एमबीए के सभी सेमेस्टर के छात्रों और शोधार्थियों से जुड़े हैं। इसके साथ ही वह प्लेसमेंट सेल के समन्वयक होने के नाते कंपनियों से मेल के द्वारा जुड़े हुए हैं और छात्रों की ज्वाइनिंग व प्लेसमेंट से लेकर हर जानकारी छात्रों को पहुंचा रहे हैं। ई-कंटेंट से ई-वर्कशाप की ओर वर्क फ्राम होम के तहत वह जूम एप पर छोटे-छोटे समूहों में छात्रों की लाइव कक्षा चलाते हैं। छात्रों की पर्सनालिटी डेवलपमेंट, संकट से उबरने की स्ट्रेटजी सहित ओवरऑल ग्रूमिंग कर रहे हैं। छात्रों को स्वाट एनालिसिस का निर्देश दिया जा रहा है। छात्र अपनी सीवी तैयार कर प्रो. माथुर को मेल करते हैं। इसका विश्लेषण कर वह एक-एक छात्रों से चर्चा करते हैं और उन्हें सीवी बेहतर करने की सलाह देते हैं। इसके बाद वह पूरे दिन छात्रों के लिए ई-कंटेंट तैयार करते हैं। प्रो. एचपी माथुर बताते हैं कि ई-कंटेंट का यह सफर अब धीरे-धीरे वह अब ई-वर्कशाप की ओर बढ़ रहा है। संकट पर सकारात्मक संवाद जूम एप से वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान सभी छात्रों के साथ कोरोना महामारी और लॉकडाउन को लेकर तमाम दुनिया भर की गतिविधियों पर बातचीत होती है। किसी प्रकार भय की परिस्थिति न बने इसका भी जायजा लिया जाता है। इसके साथ ही लॉकडाउन की वजह से बाजार और मैनेजमेंट कंपनियों को किस तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है उस पर भी एक ज्ञानवर्द्धक संवाद होता है।