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युवा महोत्सव स्पंदन-2020 में आकर्षक झांकियों की शोभायात्रा ने जमाया रंग, पद्मश्री सोमा घोष हुईं शामिल

काशी हिंदू विश्वविद्यालय में पांच दिनी युवा महोत्सव स्पंदन-2020 का औपचारिक उद्घोष एंफीथिएटर ग्राउंड में पद्मश्री सोमा घोष ने किया।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Tue, 25 Feb 2020 03:48 PM (IST)Updated: Tue, 25 Feb 2020 03:48 PM (IST)
युवा महोत्सव स्पंदन-2020 में आकर्षक झांकियों की शोभायात्रा ने जमाया रंग, पद्मश्री सोमा घोष हुईं शामिल
युवा महोत्सव स्पंदन-2020 में आकर्षक झांकियों की शोभायात्रा ने जमाया रंग, पद्मश्री सोमा घोष हुईं शामिल

वाराणसी, जेएनएन। काशी हिंदू विश्वविद्यालय में पांच दिनी युवा महोत्सव स्पंदन-2020 का औपचारिक उद्घोष एंफीथिएटर ग्राउंड में पद्मश्री सोमा घोष ने किया। इससे पहले दोपहर से ही सभी संकायों, महाविद्यालयों व संस्थानों के छात्र ग्राउंड में अपनी झांकियों संग जुटे। इस मौके पर छात्रों के दल ने तीन मिनट में एक भारत- श्रेष्ठ भारत को नाटक, कला व नृत्य के माध्यम से लोगों के समक्ष रखा। कुल 23 प्रभात फेरियां निकालकर समाज सुधारक संदेश भी छात्रों को दिए गए।

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शुभारंभ पर संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय के छात्रों ने मंगलाचरण व ईटानगर स्थित राजीव गांधी विवि के विद्यार्थियोंं ने बिहू की प्रस्तुति दी। सोमा घोष ने बीएचयू में बिताए अपने पुराने दिनों को याद करते हुए छात्रों से बताया कि हमें हताशा, निराशा व तनाव से दूर रहकर अपनी लक्ष्य साधना में लीन रहना चाहिए। महोत्सव में विवि के कुलसचिव डा. नीरज त्रिपाठी, प्रो. जेके राय, प्रो. केके सिंह व एमके सिंह सहित कई लोग मौजूद थे।

निबंध लेखन में छात्रों ने लिया हिस्सा

दूसरा दिन निबंध लेखन प्रतियोगिता व अन्य कई सांस्कृतिक आयोजनों के नाम रहा। एंफीथिएटर ग्राउंड में शोभायात्रा, विज्ञान संस्थान के न्यू लेक्चर थिएटर कांप्लेक्स में तीन भाषाओं में निबंध लेखन का आयोजन किया गया। निबंध में बीएचयू के संकाय तथा अन्य जुड़े संस्थानों से 50 प्रतिभागियों ने भाग लिया। हिंदी में बदलते समाज में चलचित्र की भूमिका, अंग्रेजी में रोल ऑफ सिनेमा इन ट्रांसफॉर्मिंग सोसायटी व संस्कृत में परिवर्तमाने समाजे चलचित्रस्य भूमिका पर छात्रों ने निबंध लिखे।

झांकी में दिखा सर्वश्रेष्ठ भारत

कला संकाय के छात्रों ने पेड़ों की कटाई व प्रदूषण को लेकर तो आयुर्वेद संकाय ने जीवनशैली पर नाटक का मंचन किया। सामाजिक विज्ञान संकाय ने बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर के जीवन चित्रण के माध्यम से सब पढ़ें-सब बढ़ें सोच को प्रदर्शित किया। वसंता कॉलेज फॉर वीमेन ने हमारी प्राचीन संस्कृति हमारी पहचान की थीम प्रस्तुत कर खूब वाहवाही बटोरी। कृषि विज्ञान संकाय ने अपनी झांकी से बताया कि सिर्फ पुरुषों के माध्यम से ही इस देश का विकास नहीं हो सकता, समाज के सर्वांंगीण विकास के लिए पुरुष एवं महिला दोनों को कंधा मिलाकर चलना होगा।


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