14 बांग्लादेशी जमातियों के स्वदेश प्रत्यर्पण की प्रक्रिया शुरू, जौनपुर एलआइयू भेजेगा दिल्ली स्थित बांग्लादेशी दूतावास
कोरोना संक्रमण के चलते लॉकडाउन के दौरान जौनपुर में गिरफ्तार किए गए 14 बांग्लादेशी जमातियों के स्वदेश प्रत्यर्पण की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
जौनपुर, जेएनएन। कोरोना संक्रमण के चलते लॉकडाउन के दौरान गिरफ्तार किए गए 14 बांग्लादेशी जमातियों के स्वदेश प्रत्यर्पण की प्रक्रिया शुरू हो गई है। शनिवार को जिला कारागार से सभी को जेल प्रशासन ने रिहा कर स्थानीय अभिसूचना इकाई को सौंप दिया। प्रभारी जेल अधीक्षक राज कुमार ने बताया कि मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (सीजेएम) के शुक्रवार को दिए गए रिहाई के आदेश के अनुपालन के क्रम में सभी 14 आरोपितों को आवश्यक लिखा-पढ़ी के बाद स्थानीय अभिसूचना इकाई (एलआइयू) को सौंप दिया गया।
एलआइयू अन्य औपचारिकताएं पूरी करने के बाद इन्हें स्वदेश प्रत्यर्पण करने के लिए नई दिल्ली स्थित बांग्लादेशी दूतावास भेजेगा। मालूम हो कि आरोपित जमाती गत 31 मार्च को सरायख्वाजा थाना क्षेत्र के लाल दरवाजा स्थित मुनीर अहमद के मकान से दो गाइड संग गिरफ्तार किए गए थे। आरोपितों ने कोर्ट में पासपोर्ट एक्ट, फॉरेनर्स एक्ट व लॉकडाउन की धाराओं में जुर्म स्वीकार कर लिया था। तब सीजेएम ने जेल में बिताई गई तीन महीने की अवधि को सजा में समायोजित कर दिया। पांच-पांच सौ रुपये जुर्माना अदा करने पर आरोपितों को रिहा करने का आदेश दिया था।
मुख्यमंत्री पोर्टल पर पुलिस की शिकायत
जलालपुर थाना क्षेत्र के हुंसेपुर निवासी प्रमिला देवी ने पुलिस पर पति व जेठ को थाने में रखकर दो दिनों से प्रताडि़त करने का आरोप लगाया है। शनिवार को मुख्यमंत्री पोर्टल पर भी इसकी शिकायत कर न्याय की गुहार लगाई है। आरोप है कि जाफराबाद पुलिस शुक्रवार को दिन में करीब एक बजे घर पर आई। पूछताछ के नाम पर पति रामजानकी तथा जेठ रामआसरे को थाने पर ले गई। दो दिन बीत जाने के बाद भी उन्हें नहीं छोड़ा गया। थाने पर जाने पर डांटकर भगाए जाने का आरोप लगाया गया है। इस बारे में थानाध्यक्ष मदनलाल ने कहा कि एक मामले में क्षेत्राधिकारी सुशील कुमार सिंह द्वारा उक्त लोगों से पूछताछ की जा रही है। क्षेत्राधिकारी ने कहा कि एक मामले में संदिग्ध होने पर पूछताछ की जा रही है। दोष साबित नहीं होने पर छोड़ दिया जाएगा।