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वाराणसी में पॉक्सो एक्‍ट में निरुद्ध कैदी अस्थायी जेल से फरार, कारागार प्रशासन के उड़े होश

वाराणसी इंग्लिशिया लाइन स्थित कमलापति इंटर कॉलेज (ब्याज) में बने अस्थायी जेल से शनिवार की शाम पॉक्सो में निरुद्ध एक कैदी चकमा देकर फरार हो गया।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Sat, 25 Jul 2020 09:33 PM (IST)Updated: Sun, 26 Jul 2020 12:37 AM (IST)
वाराणसी में पॉक्सो एक्‍ट में निरुद्ध कैदी अस्थायी जेल से फरार, कारागार प्रशासन के उड़े होश

वाराणसी, जेएनएन। इंग्लिशिया लाइन स्थित कमलापति इंटर कॉलेज (ब्याज) में बने अस्थायी जेल से शनिवार की शाम पॉक्सो में निरुद्ध एक कैदी चकमा देकर फरार हो गया। घटना उजागर होने के बाद जेल प्रशासन के हाथ पांव फूल गए। आसपास इलाकों में सर्च ऑपरेशन शुरू हो गया। हालांकि देर रात तक पसीना बहाने के बावजूद कोई कामयाबी हाथ नहीं लगी। एहतियातन आधा से ज्यादा कैदियों को पुनः चौकाघाट स्थित जिला कारागार में शिफ्ट कर दिया गया।

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भेलूपुर थाना क्षेत्र से पॉक्सो में गिरफ्तार आशीष पाल नामक युवक को इंग्लिशिया लाइन स्थित कमलापति इंटर कॉलेज (ब्यॉज) में बने अस्थायी जेल में गत 14 जुलाई को दाखिल कराया गया था। यहां, जेल प्रशासन की तरफ से आरक्षित कमरे में उसे अन्य विचाराधीन कैदियों के साथ रखा गया था। शनिवार की शाम करीब 3.15 बजे वह शौच के बहाने कमरे से निकला। इस बीच जेलकर्मियों को चकमा देकर वह पीछे चाहरदीवारी फांदकर रेलवे कॉलोनी से होकर आसानी से भाग निकला। शाम 5 बजे आंगन में नियमित गड़ना के दौरान एक कैदी कम मिला। कैदियों की दोबारा गड़ना कराई गई। इसकी पुष्टि होने के बाद कर्मचारियों ने उच्चाधिकारियों को अवगत कराया। मौके पर पहुंचे जेल अधिकारियों के सामने पुनः गड़ना की प्रक्रिया प्रारंभ हुई।गड़ना में आशीष पाल गायब मिला।

178 कैदी चौकाघाट शिफ्ट

घटना की सूचना पर पहुंचे केंद्रीय कारागार के वरिष्ठ जेल अधीक्षक एके सिंह व अपर जेल अधीक्षक पवन त्रिवेदी ने परिसर का मुआयना किया। स्कूल के पीछे दीवार को भी देखा। जहां से कैदी फरार हुआ था। इसके बाद उन्होंने फौरन 178 कैदियों को यहां से चौकाघाट स्थित जिला कारागार भेजने का निर्देश दिया। कुल 224 कैदियों को यहां रखा गया था। न्यायालय की प्रक्रिया के कारण यहां कैदियों की संख्या बढ़ती और घटती रहती है।

खुली सतर्कता की कलई

कोरोना काल के चलते बने अस्थायी जेल में जेल प्रशासन के सतर्कता की कलई खुल गई। यह स्कूल जेल के मानकों पर खरा नहीं उतरा। पिछले हिस्से की दीवार महज 9 फिट की थी। जहां पेड़ के सहारे कैदी बड़ी ही आसानी से चढ़ गया। दो घंटे तक किसी को भनक नहीं लगी। अंत में वह बगल के रेलवे सामुदायिक कक्ष से होकर बड़ी ही आसानी से भागने में कामयाब हो गया।

प्रथम दृष्टया निगरानी ड्यूटी पर तैनात कर्मचारी की लापरवाही सामने आई है

प्रथम दृष्टया निगरानी ड्यूटी पर तैनात कर्मचारी की लापरवाही सामने आई है। जांचोपरांत कार्रवाई की जाएगी। वहीं फरार कैदी के खिलाफ स्थानीय पुलिस थाने में तहरीर दी जाएगी।

- पवन त्रिवेदी, अपर जेल अधीक्षक, जिला कारागार।


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