PM Narendra Modi वाराणसी में कल 35 योजनाओं का करेंगे लोकार्पण और शिलान्यास
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 16 फरवरी को काशी दौरे में करीब 12 हजार करोड़ की 35 परियोजनाओं का लोकार्पण करेंगे।
वाराणसी [अशोक सिंह]। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 16 फरवरी को काशी दौरे में करीब 12 हजार करोड़ की 35 परियोजनाओं का लोकार्पण करेंगे। सभी योजनाएं दो करोड़ रुपये से अधिक लागत की हैं। इन योजनाओं से न केवल वाराणसी बल्कि आस पास के सात राज्यों और नेपाल तक के लोगों को लाभ मिलेगा। बीएचयू में नवनिर्मित 430 बेड का सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल और 74 बेड का मनोरोग अस्पताल इस क्षेत्र के लिए मील का पत्थर साबित होगा। विशेष चिकित्सा सुविधा के लिए लोगों को यहां से दूर नहीं जाना होगा। साथ ही कम खर्च में उन्हें उच्चस्तर की सुविधा मिलेगी।
11 रोगों में मिलेगी सुपर स्पेशिलिटी सुविधा
बीएचयू में नवनिर्मित 430 शैय्या युक्त सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल का निर्माण (लागत -018373 लाख)। इसे प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के अन्तर्गत केंद्रीय लोक निर्माण विभाग वाराणसी द्वारा किया गया है। पीएम मोदी ने इसका शिलान्यास 22 दिसंबर 2016 को किया गया था। इससे पूर्वी उत्तर प्रदेश, आसपास के सात राच्यों तथा नेपाल की जरूरतमंद करीब 20 करोड़ आबादी को उच्च स्तर की चिकित्सा सेवाओं का लाभ मिलेगा। अस्पताल में रेडियोलॉजी, न्यूरो विज्ञान, न्यूरो शल्य चिकित्सा, गैस्ट्रो, किडनी, मधुमेह, जलने से संबंधित इलाज, प्लास्टिक सर्जरी और हृदय रोग में सुपर स्पेशिलिटी सेवाएं आदि क्षेत्र में जटिल रोगों का इलाज प्रदान करेगा । अब तक इस क्षेत्र के मरीजों को बड़े शहरों में जाकर इलाज के लिए भटकना पड़ता था किन्तु अब इस अस्पताल के निर्माण से इस क्षेत्र के करोड़ों लोगों को उच्च स्तर की सेवाएं बिना कहीं दूर गये एवं प्राप्त होंगी। सुविधा न्यूनतम लागत पर प्राप्त होंगी। साथ ही वर्तमान में बीएचयू में चल रहे चिकित्सा विज्ञान संस्थान को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान अस्पतालों के समकक्ष बनाने में काफी सहयोग प्राप्त होगा। नवनिर्मित सात मंजिला अस्पताल पूरी तरह वातानुकूलित हैं जिसका कुल क्षेत्रफल लगभग 37000 वर्गमीटर है। इसमें 430 बेड, 13 अत्याधुनिक आपरेशन थियेटर, ओपीडी इत्यादि जैसी सुविधाएं मरीजों को प्राप्त होगीं। अस्पताल के निर्माण से अध्ययन एवं शोध को भी बढ़ावा मिलेगा। अस्पताल का निर्माण बीएचयू परिसर के अंदर होने के कारण समीप में चल रहे अन्य अस्पतालों जैसे टाटा कैंसर अस्पताल के साथ भी समन्वय स्थापित होगा। गंभीर बीमारियों से जूझ रहे मरीजों को भटकना नहीं पड़ेगा। यह वाराणसी क्षेत्र को एक मेडिकल हब के रुप में विकसित करने का पं. महामना मदन मोहन मालवीय जी एवं वर्तमान सरकार का सपना भी साकार होगा। अस्पताल पूर्वांचल क्षेत्र में एक मील के पत्थर के रुप में साबित होगा।
PM Shri @narendramodi will visit #Varanasi tomorrow!#PMinVaranasi pic.twitter.com/VVUbkkFrXs — Mann Ki Baat Updates (@mannkibaat) February 15, 2020
मनोचिकित्सा के क्षेत्र में स्थापित होगा मील का पत्थर
बीएचयू में नवनिर्मित 74 शैय्या युक्त मनोरोग अस्पताल का निर्माण ( लागत -1800 लाख)। नेशनल मेंटल हेल्थ प्रोग्राम के अंतर्गत केंद्रीय लोक निर्माण विभाग वाराणसी द्वारा निर्मित 74 शैय्या युक्त नवनिर्मित साइकाइट्री हॉस्पिटल का निर्माण किया गया है । इस हॉस्पिटल का निर्माण स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार द्वारा किया गया है। अस्पताल विभिन्न प्रकार के मानसिक रोगों से सम्बन्धित सुविधाएं जैसे पृथककरण कक्ष, इलेक्ट्रो कार्डियोग्राफी, विद्युत मस्तिष्क लेखन, एमआरआइ, तनाव प्रयोगशाला, प्ले थेरेपी, अवलोकन कक्ष, व्यावसायिक चिकित्सा, शयन प्रयोगशाला, लिथियम एवं ड्रग आकलन प्रयोगशाला, मनोवैज्ञानिक प्रयोशालाएं संगोष्ठी कक्ष, पुस्कालय इत्यादि का प्रावधान है। इस अस्पताल के भवन का निर्माण लगभग 20 माह में पूर्ण किया गया है। पांच मंजिला अस्पताल पूरी तरह वातानुकूलित हैं। इसका कुल क्षेत्रफल लगभग 4050 वर्गमीटर है। इसमें 74 बेड के साथ ओपीडी जैसी सुविधायें मरीजों को प्राप्त होंगी।
महामना पं. मदनमोहन मालवीय कैंसर सेंटर, बीएचयू के अंतर्गत आवासीय भवनों का निर्माण ( लागत -5814 लाख)। इसका शिलान्यास प्रधानमंत्री ने 22 दिसंबर 2016 को किया था। इसका निर्माण कैंसर अस्पताल में कार्यरत डॉक्टर एवं अन्य कर्मचारियों के आवास के लिए किया गया है। इस परिसर में कुल चार ब्लाक हैं। तीन आवासीय एवं एक कम्युनिटी ब्लाक है। इस परिसर में टाइप थ्री ( स्टिल्ट + 8 ) - 36 क्वार्टर, टाईप - फोर ( स्टिल्ट + 6 ) - 32 क्वार्टर एवं टाईप - पाइव ( स्टिल्ट + 8 ) - 31 क्यार्टर हैं। इसका कुल कुर्सी क्षेत्रफल 19500 वर्गमीटर है। इस आवासीय परिसर में लिपट, डीजी सेट, अग्निशमन एवं एसटीपी का प्रावधान है।
Preparations are in full swing for ‘Kashi Ek-Roop Anek’ event at Deendayal Hastakala Sankul #Varanasi.
PM Modi will inaugurate Uttar Pradesh Institute of Design (UPID)’s “Kashi Ek, Roop Anek” a cultural arts and handicrafts extravaganza tomorrow#Report:Sushil Tiwari pic.twitter.com/SfizNSRhH3 — All India Radio News (@airnewsalerts) February 15, 2020
वेदों के खुलेंगे गुढ़ रहस्य
बीएचयू में वैदिक विज्ञान केंद्र का निर्माण (लागत-1129.21लाख)। इस इमारत का निर्माण जी + 4 तक के रूप में कुल कुर्सी क्षेत्र 3713 वर्गमीटर है। इसकी संरचना भूकम्पीय जोन-3 के लिए किया गया है। निर्माण में 13 महीने का समय लगा है। भारतीय परम्परा, संस्कृति एवं विचार परम्परा वेदों में है किन्तु यह स्त्रोत गम्भीर संकट से गुजर रहा है। इस केंद्र का उद्देश्य इस परम्परा का रक्षण, व्यवस्थित शिक्षण, अनुसंधान तथा प्रकाशन द्वारा संवर्धन, प्रचार एवं प्रसार करना है। वेद और वेदांग के रूप में प्राप्त विपुल वाड्ंमय मुख्यत: मौखिक परम्परा से सुरक्षित है। लिखित रूप में भी हमें विपुल सम्पदा प्राप्त है। यह केन्द्र नई पीढ़ी के विद्वानों के द्वारा उस परंपरा के प्राप्त चारों वेदों की समस्त उपलब्ध शाखाओं का रक्षण करने के साथ पाश्चात्य व पारम्परिक व्याख्या के अनुशीलन के द्वारा वेद में समुचित व्याख्या प्रस्तुत करने का प्रयत्न करेगा। वैदिक वाड्मय के शिक्षण को आधुनिक ज्ञान - विज्ञान की विभिन्न शाखाओं में समन्वय करना भी केंद्र का लक्ष्य है। प्रस्तावित वैदिक विज्ञान केंद्र यथासम्भव धीरे-धीरे प्राचीन एवं आधुनिक ज्ञान एवं विज्ञान की विभिन्न शाखाओं के अध्ययन के लिए सात विभागों द्वारा समस्त प्राचीन भारतीय ज्ञान को आधुनिक ज्ञान के साथ जोड़कर आधुनिक समाज तथा ज्ञान विज्ञान के अनुशीलन हेतु मानव संसाधन को प्रस्तुत करने की दिशा में कार्य करेगा। इसमें वैदिक साहित्य में अनुष्ठान व चित् ( चेतना शक्ति) विज्ञान प्रभाग, वैदिक भाषाविज्ञान में ध्वनिविज्ञान एवं शब्द-व्युत्पत्तिशास्त्र प्रभाग, वैदिक आयुर्विज्ञान में मनोविज्ञान एवं योगविज्ञान प्रभाग, वैदिक गणित में खगोल एवं पदार्थ विज्ञान प्रभाग, वैदिक कृषि, पर्यावरण विज्ञान एवं प्रबन्धशास्त्र प्रभाग, वैदिक स्थापत्य एवं विज्ञान अभियान्त्रिकी प्रभाग, सम्पादन में अनुवाद एवं प्रकाशन प्रभाग होगा। इस तरह से वैदिक विज्ञान केंद्र आधुनिक भारत एवं प्राचीन भारत के ज्ञान के मध्य के अंतर के कारणों की समीक्षा करने के साथ-साथ अपने अतीत की भव्य ज्ञानगाथा को पुन: प्रतिष्ठित करने तथा अपने पारम्परिक ज्ञान के पुनर्निर्माण की दिशा में प्रयत्न करेगा। हम अपने राष्ट्रीय गौरव को, अपनी लुप्त हुई ज्ञान सम्पदा को पुन: प्राप्त कर सकते हैं। सम्पूर्ण मानवता के कल्याण के लिए गौरवशाली ज्ञान परम्परा का प्रयोग कर सकते हैं।
किसानों के मिलेगा अलग फीडर
डीडीयूजीजेवाइ अन्तर्गत सिंचाई हेतु लक्षित नलकूप के 35 फीडरों का निर्माण ( लागत-11706 लाख )। जनपद वाराणसी में पं. दीनदयाल उपाध्याय ग्राम च्योति योजना के अन्तर्गत लाइट एवं पंखे के संयोजनों को पुराने फीडर से अलग कर कृषि कार्य हेतु नये 35 फीडरों का निर्माण किया गया है। इस कार्य के अंतर्गत अन्तर्गत कृषकों के लिए 2604 नग अतिरिक्त ट्रांसफार्मर स्थापित किये गए हैं। 1415 सर्किट किलोमीटर नई लाइन का निर्माण किया गया है। इस कार्य से 447 ग्रामों के लगभग 3894 किसान लाभान्वित हुए हैं। जिनको बिना रुकावट के कृषि कार्य हेतु दिन में विद्युत आपूर्ति की जाएगी। कृषि कार्य हेतु अलग से स्थापित ट्रांसफार्मरों के कारण वोल्टेज में सुधार होगा। उपभोक्ताओं के पम्पिंग सेट ठीक प्रकार से चलेंगे एवं मोटर इत्यादि अपनी पूरी क्षमता से कार्य करेंगे ।
लोकार्पित होने वाली अन्य योजनाएं
220 केवी उपकेन्द्र राजातालाब का निर्माण ( लागत-12050 लाख)। राजातालाब तहसील से संबंधित ग्रामीण क्षेत्रों को अनवरत गुणवत्तायुक्त विद्युत आपूर्ति होगी। औराई (भदोही) तहसील से संबंधित क्षेत्र को विद्युत आपूर्ति होगी।
-जिला महिला चिकित्सालय , कबीरचौरा में 100 शैय्यायुक्त मैटरनिटी विंग का निर्माण (लागत -1999.79 लाख )। मैटरनिटि विंग का संचालन पीपीपी माडल के अंतर्गत कार्यकारी एजेंसी हेल्थ केयर मैनेजमेन्ट प्रा.लि. हेरिटेज इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंस वाराणसी द्वारा किया जाएगा।
-श्री शिवप्रसाद गुप्त मंडलीय चिकित्सालय का उच्चीकरण कार्य ( लागत -855.48 लाख )।
-स्मार्ट सिटी मिशन अंतर्गत मन्दाकिनी कुण्ड का जीर्णोद्धार (लागत 680 लाख) कुंड के उद्धार के साथ-साथ इसकी विरासत एवं प्राकृतिक विशेषता को महत्व प्राप्त होगा। कुंड और आसपास के क्षेत्र में स्वस्थ्य जीवन शैली को प्रोत्साहन मिलेगा।
-डेवलपमेंट एण्ड कंस्ट्रक्शन ऑफ कान्हा उपवन (गौशाला) (लागत 1245 लाख) 450 पशुओं के लिए 1.2 एकड़ जगह पर व्यवस्थित रख रखाव एवं आश्रय।
-डोमरी ग्राम पेयजल योजना (लागत -329.12 लाख) डोमरी एकल ग्राम पेयजल योजना विश्वबैंक सहायतित नीर निर्मल परियोजना बैच - 2 के अन्तर्गत स्वीकृत है।
-श्री काशी विश्वनाथ मन्दिर में अन्नक्षेत्र का निर्माण (लागत-1310.07 लाख) इससे श्री काशी विश्वनाथ मन्दिर परिसर में अन्नक्षेत्र जी 5 भवन का निर्माण कार्य कराया गया है।
-पुलिस लाइन वाराणसी में 200 व्यक्तियों की क्षमता का बहुमंजिला बैरक का निर्माण लागत - 702. 56 लाख)।
-राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान कपसेठी, राजातालाब का निर्माण ( लागत - रू0 689 . 95 लाख )।
-चौकाघाट लहरतारा मार्ग पर फोर लेन उपरगामी सेतु का निर्माण कार्य ( लागत-17149.88 लाख )।
-क्षेत्रीय जनविश्लेषक प्रयोगशाला , शिवपुर, वाराणसी के सुदृढ़ीकरण का कार्य ( लागत 492.68 लाख)
-33/ 11 के0वी0 ( 1 गुणा 10 एम0वी0ए0 ) विद्युत उपकेन्द्र कन्दवा का निर्माण कार्य ( लागत -587)।
-बुद्धा थीम पार्क में आडिटोरियम भवन की फर्नीशिंग एवं साज -सज्जा ( लागत -585.16 लाख )।
-सारनाथ से मुनारी होते हुए रौना खुर्द तक चौड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण का कार्य ( लागत -1615 लाख)।
-बाबतपुर चौबेपुर भगतुआ बलुआ ब्रिज मार्ग ( रा0मार्ग ) का चौड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण कार्य का कार्य ( लागत - 9012 . 91 लाख )।
-राजातालाब पुलिस चौकी से कौशलपुरी होते हुये जक्खिनी तक चौड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण का कार्य ( लागत - 1506 लाख)।
-लालपुर चट्टी से भिखमपुर होते हुये तक्खु की बौली तक मार्ग ( लागत - 864 लाख )।
-जक्खिनी त्रिमहानी शहंशाहपुर बेलवां का निर्माण लागत - 484.80 लाख )।
-छित्तुपुर टिकरी आइआइटी मार्ग से डाफी बाईपास से टिकरी होते हुये नुआवं बाईपास तक ( लागत -796 . 79 लाख )।
-भाउपुर कालिकाधाम मार्ग का कार्य ( लागत -1530 . 38 लाख )।
-मोहनसराय से लहरतारा वाया अकेलवां कोटवां मार्ग ( लागत -1800. 42 लाख )।
- पुराना राष्ट्रीय मार्ग ( एनएच- 2 ) ( कानपुर वाराणसी सेक्शनोमोहनसराय कैण्ट मार्ग ( अन्य जिला मार्ग ) पर चौड़ीकरण , डिवाइडर , नाली व रोड फर्नीचर का कार्य ( लागत -2444.39 लाख)।
-रथयात्रा क्रासिंग से भुल्लनपुर मार्ग ( शहरी माग ) के चौड़ीकरण का कार्य ( लागत - 1322 . 84 लाख )।
-चौकाघाट लकड़ी के टाल से संस्कृत विश्वविद्यालय होते हुए अमर उजाला तिराहा तक पटरी पर चौड़ीकरण इण्टर लाकिंग, नाली, युटीलिटी डक्ट, सर्फेस ड्रेसिंग का कार्य ( लागत- 299 . 52 लाख )।
-मवईया तिराहा से हवेलिया चौराहा तक पटरी पर चौड़ीकरण, नाली , सर्फेस ड्रेसिंग, मेनहोल उच्चीकरण व युटिलिटी शिफ्टिंग का कार्य ( लागत -380 . 31 लाख )।
-किला कटरिया मार्ग ( अन्य जिलामार्ग ) का सामान्य मरम्मत एवं सुदृढ़ीकरण के साथ नवीनीकरण (आइआरक्यूपी का कार्य ) ( लागत - 236 . 94 लाख )।
-पूर्व राष्ट्रीय मार्ग संख्या - 7 पड़ाव रामनगर ( टेंगरा मोड़ ) मार्ग ( अन्य जि़ला मार्ग ) पर सामान्य मरम्मत एवं सुदृढ़ीकरण के साथ नवीनीकरण ( आइआरक्यूपी का कार्य ) ( लागत - 316 . 74 लाख )।
-रामबाग जीवनाथपुर मार्ग के चौड़ीकरण व सुदृढ़ीकरण का कार्य ( लागत -1243 .78 लाख )।
-शिवपुर लिंक मार्ग पर चौड़ीकरण व सतह सुधार व नाली का कार्य ( लागत - 576 . 06 लाख )।
शिलान्यास
-132 / 33 के0वी0 ( 2ङ्ग63 एम0वी0ए0 ) अलईपुर , वाराणसी उपकेन्द्र।
-वाराणसी शहर में आइपीडीएस फेज - 3 के अन्तर्गत 33 / 11 के0वी0 जीआइएस उपकेन्द्र नगवां का निर्माण ( लागत -2200 लाख )।
-पांच तालाबों का विकास एवं सौन्दर्गीकरण ( पाण्डेयपुर, चकरा, सोनभद्र, नदेसर एवं चितईपुर ) ( लागत -1539 . 90 लाख )।
-टाउन हाल में पार्क एवं पाकिंग का पुनर्विकास ( लागत -2178 . 33 लाख)।
-चार पार्को ( इमलाक नगर कालोनी पार्क, संकुलधारा के निकट पार्क खोजवां, गिरि नगर कालोनी पार्क, टैगोर टाउन पार्क ) का विकास एवं सौन्दर्गीकरण कार्य फेज -2 ( लागत 507 . 56 लाख )।
-घाटों पर हेरिटेज साइनेज का कार्य ( लागत -550 लाख )।
-पुरानी काशी के कालभैरव वार्ड का पुनर्विकास कार्य ( लागत -1628 . 08 लाख )।
-पुरानी काशी के कामेश्वर महादेव वार्ड का पुनर्विकास कार्य (लागत -1709 लाख )।
-पुरानी काशी के राज मंदिर वार्ड का पुनर्विकास कार्य ( लागत -1353 लाख ) ।
-जनपद वाराणसी के थाना सिन्धोरा के अनावासीय भवनों का निर्माण ( लागत - 697 . 00 लाख ) ।
-जनपद वाराणसी के तहसील पिण्डरा में अग्निशमन केन्द्र के आवासीय / अनावासीय भवनों के निर्माण कार्य ( लागत -794 . 00 लाख )।
-मंडी परिषद पहडिय़ा, वाराणसी का आधुनिकीकरण कार्य ( लागत -530 लाख ) ।
-पंचक्रोशी कि0मी0 04 वाया कादीपुर से नकाई ( मढ़ाव , मुल्लनपुर ) मार्ग निर्माण ( लागत - 188 . 93 लाख)।
-झाम की मड़ई ( एन . एच . 29 ) से नरायनपुर ( कसीहर , चुकहा ) मार्ग निर्माण ( लागत -339 . 57 लाख )।