नशा मुक्ति के लिए स्वयं को तैयार करें और देश के कर्णधार बनें, तभी राष्ट्र होगा सशक्त
नशा मुक्ति के लिए स्वयं को तैयार करें और देश के कर्णधार बनें तभी हम अपने राष्ट्र को सशक्त बना सकेंगे।
वाराणसी, जेएनएन। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ स्थित गांधी अध्यन पीठ सभागार में काशियाना फाउंडेशन की ओर से रविवार को 'नशामुक्त भारत' विषयक संगोष्ठी आयोजित हुई। बतौर मुख्य अतिथि कैसर एम जैनी (बापू जी) ने कहा कि नशा उन्मूलन के लिए महात्मा गांधी के विचारों को आत्मसात करने की जरूरत है। कहा विचार परिवर्तन के माध्यम से ही समाज को नशामुक्त बनाया जा सकता है।
युवाओं का आह्वान करते हुए कहा कि नशा मुक्ति के लिए स्वयं को तैयार करें और देश के कर्णधार बनें, तभी हम अपने राष्ट्र को सशक्त बना सकेंगे। अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. टीएन सिंह ने कहा कि गांधी जी के व्यक्तित्व को किसी ने बाजार बनाया तो किसी ने विचार। वर्तमान समय में जरूरत इस बात की है कि हम गांधी जी के विचार को समझें, जानें और संकल्पित होकर समाज को नशामुक्त करने की ओर आगे बढ़ें। वहीं फाउंडेशन के संस्थापक सुमित सिंह ने कहा कि वर्ष 1917 में पहली बार चंपारण में गांधी जी ने पहली बार नशामुक्ति का नारा दिया था। कहा नशामुक्त भारत के लिए गांधी जी के विचार जन-जन तक पहुंचाया जाएगा। काशी के बाद हम दिल्ली में अभियान चलाएंगे, जिसके बाद नशामुक्त भारत यात्रा का आगाज किया जाएगा। इस दौरान संस्था की ओर से विशाल महाराज, मनोज वर्मा, प्रो. रचना दुबे, विजय, विनीत, डा. सुनील मिश्रा, डा. तुलसीदास, अवनीश सिंह, डा. बाला लखेंद्र, विशाल लक्ष्मी व मनीष पाठक को 'नशा उन्मूलन पुरस्कार -2019' से नवाजा गया। स्वागत डा. उत्तम ओझा, संचालन डा. सुनील मिश्रा व धन्यवाद ज्ञापन प्रो. रवि प्रकाश पांडेय ने किया। इस अवसर पर मनोज वर्मा, अवनीश सिंह, आशीष गुप्ता, भावेश सेठ, आशीष राय, प्रतीक सिंह, डा. मुधमिता भट्टाचार्य, डा. केके सिंह, डा. स्वाति, यश मिश्रा, डा. पुरुषोत्तम लाल विजय, डा. रविंद्र मिश्रा आदि थे।