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आंगनबाड़ी केंद्रों में इसी सत्र से प्री-प्राइमरी कक्षाएं, वाराणसी में तैयार पुस्तक से सूबे के सभी केंद्रों पर होगी पढ़ाई

अभी तक बच्चों की देखभाल पोषण व स्वास्थ्य कार्यक्रमों को पूरा करने में अहम भूमिका निभाने वाले आंगनबाड़ी केंद्रों में वर्तमान सत्र से ही प्री प्राइमरी (प्ले ग्रुप) कक्षाएं चलेंगी।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Tue, 12 May 2020 09:54 PM (IST)Updated: Tue, 12 May 2020 09:54 PM (IST)
आंगनबाड़ी केंद्रों में इसी सत्र से प्री-प्राइमरी कक्षाएं, वाराणसी में तैयार पुस्तक से सूबे के सभी केंद्रों पर होगी पढ़ाई
आंगनबाड़ी केंद्रों में इसी सत्र से प्री-प्राइमरी कक्षाएं, वाराणसी में तैयार पुस्तक से सूबे के सभी केंद्रों पर होगी पढ़ाई

वाराणसी, जेएनएन। अभी तक बच्चों की देखभाल, पोषण व स्वास्थ्य कार्यक्रमों को पूरा करने में अहम भूमिका निभाने वाले आंगनबाड़ी केंद्रों में वर्तमान सत्र से ही प्री प्राइमरी (प्ले ग्रुप) कक्षाएं चलेंगी। जिसमें वाराणसी में तैयार की गई हिंदी की किताब से बच्चों की पढ़ाई होगी। प्ले ग्रुप में तीन से पांच वर्ष तक के बच्चों दाखिला लिया जाएगा। कोरोना के कारण हुए लॉकडाउन के चलते दाखिला प्रक्रिया में विलंब की आशंका है, इसके बाद भी तैयारियां पूरी की जा रही हैं। निजी स्कूलों में तीन वर्ष तक के बच्चों का प्रवेश प्ले ग्रुप में लिया जाता है, जबकि सरकारी स्कूलों में कक्षा एक से पढ़ाई होती है। बेसिक शिक्षा विभाग के विद्यालयों में बच्चों का प्रवेश छह वर्ष में लिया जाता है। ऐसे में कक्षा एक में बच्चों को क, ख, ग सिखाना पड़ता है।

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काफी दिनों से हो रही थी मांग 

प्री-प्राइमरी से कक्षा एक में आने वाले बच्चे किताब पढऩा आसानी सीख जाते हैं। इसे देखते हुए सरकारी स्कूलों में प्ले-ग्रुप से पढ़ाई शुरू कराने की मांग काफी दिनों से हो रही थी। नई शिक्षा नीति में तीन वर्ष तक के बच्चों के लिए प्ले ग्रुप संचालित करने की संस्तुति भी हुई है। इसे देखते हुए शासन ने प्री-प्राइमरी कोर्स का पाठ्यक्रम बनाने का एससीईआरटी को जिम्मा सौंपा था। जबकि जनपद में स्थित राज्य हिंदी संस्थान को प्री-प्राइमरी की हिंदी पुस्तक बनाने की जिम्मेदारी मिली थी।

लॉकडाउन में फंसा प्रेजेंटेशन

राज्य हिंदी संस्थान की निदेशक ऋचा जोशी ने बताया कि हिंदी का पाठ्य पुस्तक बन कर तैयार हो गई है। इसका प्रेजेंटेशन नहीं हो सका है। प्रेजेंटेशन के लिए शासन की ओर 18 अप्रैल को लखनऊ बुलाया गया था, लेकिन लॉकडाउन होने के कारण यह स्थगित हो गया। बहरहाल, बनारस में बनी हिंदी की किताब सूबे के आंगनबाड़ी केंद्रों के प्ले ग्रुप में पढ़ाई जाएगी।

गाइडलाइन का हो रहा इंतजार

डीपीओ इफ्तखार खान ने बताया कि जिले में 3917 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हैं। इन सभी केंद्रों में प्री-प्राइमरी कक्षाएं संचालित होंगी या परिषदीय विद्यालयों में चल रहे आंगनबाड़ी केंद्रों पर, इसकी गाइडलाइन अभी नहीं आई है। वैसे शासन की मंशा के अनुरूप प्री-प्राइमरी की तैयारी की जा रही।


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