प्रवासी भारतीय दिवस : काशी में जमीन ही नहीं आभासी दुनिया में भी जुड़े देश के रिश्ते
राष्ट्रपति भवन की ओर से देर शाम आयोजन की जानकारी और तस्वीरें साझा होते ही ट्विटर पर विश्व भर में दूतावासों के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से आयोजन का वृहत स्वरूप नजर आया।
वाराणसी [अभिषेक शर्मा] । पंद्रहवें प्रवासी भारतीय सम्मेलन के तीसरे दिन आयोजन के समापन के साथ ही आभासी दुनिया में जुड़े रिश्तों ने भी नए आयाम तय करना शुरू कर दिए। तीन दिनों तक आपस में मेल मुलाकात के दौरान सोशल मीडिया के एकाउंट साझा हुए तो कई कम्यूनिटी ग्रुप में भी भारतवंशियों ने दाखिला लिया। संवाद का क्रम आगे भी जारी रहे लिहाजा वाट्सएप ग्रुपों में भी पीबीडी का मंच साझा हुआ। आगे भी मिलते रहने के वायदों संग विभिन्न देशों के भारतवंशियों ने सोशल मीडिया पर रिश्तों को उड़ान दी।
एक ओर भारतवंशियों ने सोशल मीडिया पर आयोजन को साझा कर अपने अनुभव साझा किए तो दूसरी ओर विदेश मंत्रालय की भी सोशल मीडिया टीम ने आयोजन को वैश्विक स्वरूप देने में दिन रात एक किया। आयोजन को लाइव करने के लिए वाराणसी में बने मीडिया सेंटर से आयोजन तीनों दिन सोशल मीडिया पर लाइव रहा। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता से लेकर इंडियन डिप्लोमेसी के एकाउंट से जो भी पोस्ट जारी हुए उसे दूतावासों और उच्चायुक्तों ने साझा कर आयोजन और इसके मकसद को विश्व भर में भारतवंशियों के बीच रखा।
मिला सम्मान तो दूतावासों ने बढ़ाया मान : मिस्र में भारतवंशियों के समुदाय को प्रवासी भारतीय सम्मेलन के दौरान सम्मानित किया गया तो दूतावास ने भी उस पल को साझा कर अपने लिए गौरव का क्षण बताया। राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित होने के बाद डेलीगेट्स की तस्वीरें भी उनके देश में भारतवंशियों के बीच साझा होती रहीं। राष्ट्रपति भवन की ओर से देर शाम आयोजन की जानकारी और तस्वीरें साझा होते ही ट्विटर पर विश्व भर में दूतावासों के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से आयोजन का वृहत स्वरूप नजर आया।
पीएमओ ने दैनिक जागरण को सराहा : प्रवासी भारतीय सम्मेलन को लेकर दैनिक जागरण का समाचारीय अभियान 'ये पंछी इसी डाल के' प्रवासी भारतीयों के बीच पूरे आयोजन में चर्चा का विषय बना रहा। वहीं आयोजन के तीसरे दिन भी दैनिक जागरण के प्रवासियों पर आधारित खबरों को पीएमओ ने ट्वीट किया। जिन भारतवंशियों की सफल कहानियों को प्रकाशित किया गया उन प्रवासियों ने भी जागरण के प्रयास की मुक्तकंठ से प्रशंसा की।
हैशटैग की बानगी : आयोजन के तीसरे दिन भी देर रात तक पीबीडी2019, माईपीबीडीमूमेंट, प्रवासीएटवाराणसी, पीबीडी, पीबीडीवाराणसी हैश टैग होता रहा। आभासी दुनिया में दिन भर डेलीगेट्स के माध्यम से काशी और उसका पुरातन स्वरूप भी चर्चा के केंद्र में बना रहा।