लोकसभा चुनाव : वोट डालने विदेश से आएंगे भारतीय प्रवासी, बढ़ेगा मतदान का प्रतिशत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के काफी लोग विदेशों में शिक्षा रोजगार के लिए रहते हैं। मगर चुनाव के दौरान ये लोग वोट देने यहां आएंगे।
वाराणसी, जेएनएन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के काफी लोग विदेशों में शिक्षा प्राप्त करने के लिए, व्यापार करने के लिए और मर्चेट नेवी में कार्य करने के कारण विदेश में रहते हैं। इनकी संख्या हजारों में हैं। मास्को(रूस) में पिछले 28 वर्ष से फार्मास्यूटिकल का कार्य करने वाले पंकज राय ने बताया कि मास्को और रूस के विभिन्न भागों में लगभग 10 हजार भारतीय विभिन्न कारणों से रहते हैं।
इनमें पूर्वाचल के रहने वाली की संख्या लगभग एक हजार हैं। उनमें से आधे से अधिक लोग इस बार वाराणसी और गाजीपुर में मत डालने आएंगे। मैं खुद पहली बार बनारस में मत डालने मास्को से आऊंगा। वहीं मर्चेट नेवी के एक अधिकारी का कहना है कि कई बार मतदान वाले दिन हम समुद्र में रहते हैं। ऐसे में हम लोगों को मतदान करने से वंचित रह जाते हैं। भारत निर्वाचन आयोग से हम लोग कई बार कह चुके हैं कि हम लोगों को लिए ऐसी व्यवस्था करें ताकि हम विदेश में भी मतदान कर सके। विदेश में शिक्षा ग्रहण करने वाले छात्र भी मतदान करने भारत नहीं के बराबर आते हैं।
मतदाता शिक्षा व चुनावी भागीदारी (स्वीप) के कार्यक्रम के तहत मतदान बढ़ाने के लिए स्वीप मर्चेट नेवी ऑफिसर यूनियन को जो सदस्य इस समय बनारस में हैं, उनके लिए क्रिकेट मैच आयोजित करेगी। स्वीप की ब्रांड अंबेसडर व अंतरराष्ट्रीय एथलीट नीलू मिश्रा ने बताया कि हमारा मतदान प्रतिशत भी प्रवासी भारतीयों के कारण कम भी हो जाता है। हमारे यहां मतदाता सूची में इनका नाम तो दर्ज है कि वास्तव में ये विदेश में रहते हैं। इनको सर्विस वोटर की तरह मतदान करने की सुविधा दे दी जाए तो मतदान प्रतिशत काफी बढ़ जाएगा। अभी सर्विस वोटर की अनुमति विदेश में भारत सरकार द्वारा तैनात अधिकारियों और कर्मचारियों को मिलती है।