Move to Jagran APP

सेंट्रल जेल में हो रही आलू की खेती

जागरण संवाददाता वाराणसी केंद्रीय कारागार में इन दिनों सफलता की एक नई इबारत लिखी जा र

By JagranEdited By: Published: Thu, 31 Dec 2020 09:14 PM (IST)Updated: Thu, 31 Dec 2020 09:14 PM (IST)
सेंट्रल जेल में हो रही आलू की खेती
सेंट्रल जेल में हो रही आलू की खेती

जागरण संवाददाता, वाराणसी : केंद्रीय कारागार में इन दिनों सफलता की एक नई इबारत लिखी जा रही है। जेल प्रशासन की सूझबूझ व कैदियों की मेहनत की बदौलत यह परिसर आज सब्जी उत्पादन में आत्मनिर्भर हो गया है। साथ ही आसपास के अन्य जेलों को निर्यात करने में भी सक्षम है।

loksabha election banner

केंद्रीय कारागार में 1722 कैंदी निरुद्ध हैं। यहां 12 एकड़ जमीन में आलू की खेती की गई है। साथ में फूलगोभी, ब्राकली, लौकी, तरोई, पालक व अन्य सब्जियों की भी खेती हो रही है। हैरानी की बात यह है कि सब्जियों की खेती करने में इतनी सूझबूझ का परिचय दिया गया है कि देखने पर लगेगा कि ये खेती परंपरागत सब्जी उत्पादक किसानों ने ही की है। एक-एक इंच भूमि का बखूबी सदुपयोग किया गया है। रोजाना विभिन्न आयु वर्ग के कैदियों की टोली बंदीरक्षकों की निगरानी में अलसुबह सब्जी की फसल की देखरेख में जुट जाती है और दोपहर तक तत्परता से इस कार्य में लगी रहती है। इस काम में करीब 50 कैदी लगे हुए हैं। उनकी मेहनत को देखते हुए उनका बैंक खाता भी खोल दिया गया है। उनका पारिश्रमिक उनके खाते में ही डाल दिया जाता है। एक हजार क्विटंल उत्पादन का अनुमान : जेल में किसी भी वस्तु की खरीदारी के लिए एक निश्चित व्यवस्था व मानक है। उसी तरह से सब्जियों की खरीदारी के लिए नियम है कि जेल प्रशासन खुले बाजार से रोजाना उपयोग की सब्जियों की खरीदी नहीं कर सकता। उसे स्वयं की व्यवस्था या अन्य जेलों से आयात पर ही निर्भर रहना पड़ता है। इसे देखते हुए केंद्रीय कारागार में 12 एकड़ में सब्जियों की खेती शुरू की गई। जेल प्रशासन के अनुसार, एक हजार क्विटल आलू के उत्पादन का अनुमान है, जिसे आस-पास के जिला कारागार में भेजा जाएगा।

--

जेल में 50 कैदियों द्वारा खेती कराई जा रही है। आलू के अलावा फूल गोभी, ब्राकली समेत अन्य सब्जियों की खेती की गई है। आस-पास के सभी जेल में सब्जियां भेजी जा रही हैं। सप्ताह में एक कारागार को करीब 10 क्विटल सब्जियां भेजी जा रही हैं।

- अरविद सिंह, वरिष्ठ जेल अधीक्षक


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.