नवरात्र में सर्वाधिक बनाए जाते हैं आलू के व्यंजन, वजह जानकर आप भी हों जाएंगे हैरान
नवरात्र हिन्दू धर्म का एक बहुत ही बड़ा व्रत है इस दौरान भोजन भी सात्विक रहता है जिसमें आलू के व्यंजनों को विशेष वरीयता दी जाती है।
वाराणसी [वंदना सिंह]। नवरात्र हिन्दू धर्म का एक बहुत ही बड़ा व्रत है। इस दौरान मां के भजन, पूजन, अनुष्ठान को लेकर विशेष सतर्कता बरती जाती है। साथ ही व्रती लोग सात्विक भोजन का ही सेवन करते हैं। इसमें व्रत के दिनों में कुछ खास चीजें ही खाई जाती हैं जिनमें से एक है आलू। आलू के पकौड़े, आलू का हलवा, आलू की पूड़ी आदि खूब खाया जाता है। व्रत में आलू क्यों अधिक मात्रा में खाया जाता है इसके पीछे बहुत से तथ्य हैं जिनको बता रहे हैं चौकाघाट स्थित राजकीय स्नातकोत्तर आयुर्वेद महाविद्यालय एवं चिकित्सालय, वाराणसी के कायचिकित्सा एवं पंचकर्म विभाग के वैद्य डॉ अजय कुमार।
आलू एक भूमिगत स्टेम है जिसका बोटानिकल नाम सोलेनम ट्यूबरोसम है। केन्द्रीय आलू अनुसंधान संस्थान, शिमला के अनुसार आलू के कन्द में 75.80 प्रतिशत पानी, 16.20 प्रतिशत कार्बोहाइड्रेट, 2.5 से तीन प्रतिशत प्रोटीन, 0.6 प्रतिशत रेशा, 0.1 प्रतिशत वसा और एक प्रतिशत खनिज पदार्थ पाए जाते हैं। आलू को कुछ लोग सम्पूर्ण आहार भी मानते हैं इसलिये व्रत के दिनों में इसका खूब सेवन किया जाता है।
इसके पीछे निम्न कारण हैं-
1. इसमें पोटेशियम, कैल्शियम, लोहा और फास्फोरस जैसे खनिज तत्व होते हैं।
2. आलू में विटामिन ए, विटामिन बी और विटामिन सी भी होते हैं। इस कारण यह हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत ही लाभकारी होता है।
3. उबले आलू में स्टार्च अधिक होता है। इसलिए आपके पाचन को ठीक रखता है।
4. खाने में काफी हल्का और पचाने में बहुत आसान होने से आलू के सेवन से शीघ्रता से ऊर्जा मिलती है।
5. आलू में प्रोटीन और वसा बहुत कम, मगर कार्बोहाइड्रेट भरपूर मात्रा में पाए जाता है।